महा बाल पंचायत के 11 बाल नेता उठाएंगे अपने-अपने राज्यों के बच्चों की समस्याएं

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
महा बाल पंचायत के 11 बाल नेता उठाएंगे अपने-अपने राज्यों के बच्चों की समस्याएंमहा बाल पंचायत चुनाव के दौरान नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी। 

जयपुर। राजस्थान में राष्ट्रीय महा बाल पंचायत के चुनाव में आज 11 बाल नेता चुने गए। इन बाल नेताओं का चुनाव बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के बाल मित्र ग्राम के बच्चे करते हैं। यह पंचायत राष्ट्रीय स्तर पर बाल नेताओं की आवाज को नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का एक सशक्त मंच है।

राजस्थान के अलवर जिले में विराटनगर के बाल आश्रम में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की अगुआई में बाल पंचायत के मंगलवार को चुनाव संपन्न हुए। महा बाल पंचायत का आयोजन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रंस फाउंडेशन और ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर की ओर से किया गया।

देश भर के छह राज्यों से आए 66 मनोनीत बाल पंचायत सदस्यों द्वारा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई 11 सदस्यों वाली महा बाल पंचायत अपने-अपने राज्यों के हजारों बच्चों की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का काम करेगी।

ये भी पढ़ें- इस समूह ने एक महीने में रोके 11 बाल-विवाह

इस मौके पर कैलाश सत्यार्थी ने कहा, “बाल मित्र ग्राम का निर्माण बाल मित्र दुनिया बनाने की ओर बढ़ने के प्रति मेरी सोच का पहला कदम है। बाल मित्र ग्राम के निर्माण से बच्चों के माता पिता, शिक्षक, समुदाय और नेतृत्वकर्ताओं को बच्चों की आवाज सुननी होगी और नीति निर्माण प्रक्रिया में उनको साझीदार बनाना होगा।“

उन्होंने कहा, “बाल पंचायत का गठन जब हो जाएगा तब उसके माध्यम से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक और जहां बच्चों की भागीदारी बढ़ेगी, दूसरी ओर बच्चों में नेतृत्वकारी मूल्यों का भी निर्माण होगा।“

उन्होंने सभी पार्टियों के राजनेताओं से अपील की है कि वे इन बच्चों के लोकतांत्रिक मूल्यों को सीखें। महा बाल पंचायत की अवधारणा पहली बार 2008 में पेश की गई थी और तब से अब तक तीन महा बाल पंचायत सफलतापूर्ण ढंग से निर्वाचित की जा चुकी है।

(एजेंसी)

ये भी पढ़ें- किसी ने स्कूल में दाखिला दिलवाया तो किसी ने रोकी बाल मजदूरी

अनीता ने गाँव में बच्चों का ग्रुप बनाकर रोक दिया सरिता का बाल विवाह

बाल दिवस : अपने परिवार से लड़कर बहनों का स्कूल में कराया दाखिला

 

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.