500, 2000 रुपये के नोटों के कागज के आयात का ब्योरा देने से आरबीआई प्रेस का इनकार 

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500, 2000 रुपये के नोटों के कागज के आयात का ब्योरा देने से आरबीआई प्रेस का इनकार 500, 2000 रुपये के नोटों के कागज के आयात का ब्योरा देने से आरबीआई प्रेस का इनकार 

नई दिल्ली (भाषा)। आरबीआई के स्वामित्व वाली नोट प्रिंटिंग कंपनी ने कहा है कि 500 और 2000 रुपये के नोटों की छपाई के लिए कागज के आयात की जानकारी देने से भारत की संप्रभुता प्रभावित होगी तथा एक तरह के अपराध को उकसावा मिल सकता है।

भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल) ने एक आरटीआई आवेदन के जवाब में उंचे मूल्य के नोटों की छपाई के लिए कागजों के आयात से संबंधित सूचनाएं देने से इनकार कर दिया। सूचना इनकार किया जाना इस मायने में अहम है कि मीडिया में खबर आयी थी कि नये नोटों की छपाई के लिए इस्तेमाल में लाये गये कागज काली सूची में डाली गयी कंपनी से आयात किये गये थे।

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बीआरबीएनएमपीएल ने आरटीआई आवेदन के जवाब में कहा, ‘‘सूचना नहीं दी जा सकती है क्योंकि यह सूचना के अधिकार कानून की धारा 8 (1)(ए) के दायरे में आती है।'' यह धारा किसी भी ऐसी सूचना का खुलासा किये जाने पर पाबंदी लगाती है जो भारत की संप्रभुता एवं एकता को पूर्वग्रह के आधार पर प्रभावित करती हो, जो किसी अन्य देश के संदर्भ में भारत की सुरक्षा, रणनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों पर असर डालती है या लोगों को अपराध के लिए प्रेरित करती है।

आरबीआई से उस कंपनी या आपूर्तिकर्ता का नाम बताने को कहा था जहां से मुद्रा नोट का कागज आयात किया गया। इसी के साथ उससे आयात की मात्रा, सहमतिपत्र की प्रति भी मंागी गयी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर अंकुश लगाने की कोशिश के तहत पिछले साल आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी। तत्पश्चात 500 और 2000 रपये के नये नोट नये डिजायन एवं अभेद्य सुरक्षा उपायों के साथ जारी किये गये।

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