सुलगते मन्दसौर की कुछ ख़ास बातें, क्या आप जानते है ?
Ashutosh Ojha 9 Jun 2017 6:59 PM GMT
लखनऊ । भारत के मानचित्र पर इन दिनों मन्दसौर खूब सुर्खियाँ बटोर रहा है। वजह बिलकुल साफ़ है वो है किसानों का आंदोलन जिसमें छह किसानों की मौत हो गयी। और इसके बाद मन्दसौर जल उठा। पिछले कई दिनों से मन्दसौर जल रहा है ,कहीं आग तो कहीं उत्पाती लोगों के द्वारा अन्य कई अनैतिक कार्यों को बढ़ावा दिया गया ताकि इस आंदोलन को अन्य किसी और रूप में परिवर्तित किया जा सके। आईये हम आपको मन्दसौर की कुछ ऐसी बाते भी बताते है जो मन्दसौर के लिए बहुत फख्र की बात है।
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मंदसौर एक छोटा सा शहर है इसके बावजूद भी यहां बहुत सारे सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थान है। जो इस प्रकार है.....
- उडिया पीजी कॉलेज गरोठ
- प्रियदर्शिनी इंदिरा गांधी शासकीय कॉलेज
- शासकीय कॉलेज सितामउ
- राजीव गांधी शासकीय कॉलेज
- शासकीय कॉलेज पीपरिया मंडी
- शासकीय संगीत कॉलेज
इसके साथ ही यहां कुछ मशहूर शासकीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी हैं। वहीं प्रेस्टिज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मंदसौर, मंदसौर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालाजी, बी.आर. नाहटा कालेज ऑफ फार्मेसी, नेहरू ला कालेज, स्मृति कामर्स कालेज, जे.एन.के.वी.वी. एग्रीकल्चरल रिसर्च सेंटर भी पूरे राज्य में जाने जाते हैं।
पशुपतिनाथ मंदिर है यहाँ की पहचान...
मंदसौर शहर पुरातात्विक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां भगवान पशुपतिनाथ मंदिर है, जो कि शिवना नदी के किनारे स्थित है। इस मंदिर की वजह से ये शहर देशभर में बहुत प्रसिद्ध है। इसे नेपाल के काठमांडु स्थित भगवान पशुपतिनाथ के समान ही माना गया है।
अफीम की खेती के लिए मशहूर है मन्दसौर....
पिछले कुछ दिनों से मंदसौर के किसानों की बातें तो ही रही हैं, लेकिन ये बात सामने नहीं आ रही कि यहां किस-किस चीज़ की खेती होती है। मंदसौर में यूं तो कई तरह की खेती की जाती है। लेकिन आपको शायद ही ये पता हो कि अफीम की खेती के लिए मन्दसौर पूरे भारत में मशहूर है। यहां दुनिया में सबसे ज्यादा अफीम की खेती होती है। इसके अलावा, स्लेट-पैंसिल उद्योग जिले का महत्वपूर्ण उद्योग है।
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क्यों चर्चा में है मंदसौर....
मध्यप्रदेश के किसानों ने कृषि उपज के उचित मूल्य की की मांगों के साथ 19 सूत्रीय मांगों को लेकर 1 जून से 10 जून तक आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की प्रमुख मांगें हैं कि उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य किया जाए। खेती के लिए बिना ब्याज के कर्ज मिले। 60 साल के किसानों के लिए पेंशन स्कीम लागू की जाए और एक लीटर दूध के लिए दुग्ध उत्पादकों को 50 रुपए कीमत मिले। प्याज और आलू को भी उचित मूल्य पर प्रदेश सरकार खरीदे।
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खैर अभी तक तो मन्दसौर में हालात जस के तस बने हुए है, प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा ताकि मन्दसौर को जलने से बर्बाद होने से रोका जाये। आशा है मन्दसौर एक बार फिर अपनी पुरानी रंगत में वापस जल्दी ही लौटेगा।
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