गांव कनेक्शन टीम
एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण लोगों की जान ले रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस आपदा को अवसर की तरह देख रहे हैं। कोरोना मरीजों के इलाज में जरूरी बताई जा रही रेमडेसिविर इंजेक्शन की जमकर कालाबाजारी हो रही है। अपनों की जान बचाने के लिए हर संभव कोशिश करने वाले परिजनों से एक-एक इंजेक्शन के लिए 10 से 15 हजार रुपए वसूले जा रहे हैं। इंजेक्शन की तस्करी भी शुरू हो गई है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के वेदांता में अस्पताल में अपने चचेरे भाई को लेकर भर्ती जौनपुर के हेमंत शुक्ला गांव कनेक्शन को फोन पर बताते हैं, “डॉक्टर ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के 6 डोज मंगाये थे। पहले तीन डोज के लिए मैंने 30 हजार रुपए दिये। हालांकि उसके बाद बाकी के तीन इंजेक्शन के लिए 9000 रुपए ही खर्च करने पड़े।”
यह हाल तब है जब केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए कई जरूरी दवाओं सहित रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत को 899 से 3490 रुपए तक की कमी की है। अब इस इंजेक्शन की कीमत 899 रुपए तय की गई है जो पहले 2,800 से 5,400 रुपए (per 100ml vial) तक थी। 17 अप्रैल को आये इस आदेश के बाद भी इसके लिए मनमाना कीमत वसूला जा रहा है।
As per d voluntary reduction by d manufacturers on government intervention, these are d revised prices of ‘Remdesivir injection 100 mg/Vial’. May visit #nppa website.@PMOIndia @DVSadanandGowda @MoHFW_INDIA @mansukhmandviya @NITIAayog @Pharmadept @CDSCO_INDIA_INF @PIB_India pic.twitter.com/4BEjzsFUDv
— NPPA~India🇮🇳 (@nppa_india) April 17, 2021
लखनऊ में इंजेक्शन कहां से मिला? इस सवाल के जवाब में हेमंत बताते हैं, “सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था कि मेरे भाई को जरूरत है। वहीं से एक नंबर मिला। पहले तो वह 15 हजार रुपए मांग रहा था एक डोज के लिए। फिर किसी जरह 10 हजार रुपए में तैयार हुआ।”
जीवनरक्षक कहे जा रहे इस इंजेक्शन की कालाबाजारी तो हो ही रही है, इसकी तस्करी भी शुरू हो गई है। गुरुवार 15 अप्रैल को यूपी एसटीएफ और कानपुर पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इनके पास से रेमडेसिविर के 265 इंजेक्शन बरामद किए गए।
ऐसे में जहां एक ओर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने इसकी कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही तो वहीं यूपी के सीएम ने भी रेमडेसिविर समेत अन्य दवाओं की जमाखोरी पर रोक लगाने और इसे ऊंचे दामों पर न बेचा जाए, इसे सुनिश्चित करने के आदेश संबंधित विभागों और यूपी पुलिस को दिए, लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा।
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प्रदेश में मची इस हाय-तौबा पर नाम न देने की शर्त पर लखनऊ के एक फार्मा एजेंसी संचालक ने गाँव कनेक्शन को बताया, “रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड अचानक बढ़ी है। इंजेक्शन हैदराबाद व मुंबई से आता है, लेकिन अब नहीं मिल रहा है। 2800 रुपए के इंजेक्शन के लिए लोग 20,000 रुपए तक देने को तैयार हैं, लेकिन मार्केट में ही नहीं है तो लोगों को कहां से दें।”
मध्य प्रदेश में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी मची हुई है। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल से तो 800 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने का मामला शनिवार 17 अप्रैल को सामने आया।
Remdesivir is not a life saving drug in #COVID19. It is to be administered only in the hospital settings.#Unite2FightCorona pic.twitter.com/sdFzXfzwLO
— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) April 19, 2021
हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय यह लगातार की रहा है कि यह कोविड-19 में लाइफ सेविंग दवा नहीं है। इसका इस्तेमाल केवल अस्पताल के निर्देश पर ही करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्वीट के जरिए कहा कि रेमडेसिविर एक प्रायोगिक दवा है, जिसका केवल आपात स्थिति में ही इस्तेमाल की मंजूरी है। इसका गैरजरूरी इस्तेमाल सही नहीं है।
जिलों में इस इंजेक्शन को लेकर क्या स्थिति है?
जिलों में इसकी उलब्धता को लेकर तो स्थिति और खराब है। उत्तर प्रदेश का शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां कोरोना से मौत नहीं हो रही, जहां रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग ना हो लेकिन जिले के अधिकारियों को तो जैसे इसके बारे में ठीक से पता ही नहीं है।
लखनऊ से लगभग 90 किलोमीटर दूर सीतापुर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता की स्थिति क्या है? इस बारे में सीएमओ डॉ. मधु गेरोला ने बताया, “हमारी डिमांड 400 से 500 इंजेक्शन की है, लेकिन पिछले दिनों हमें 50 इंजेक्शन मिले हैं। हालांकि अभी कम मरीजों को इसकी जरूरत पड़ी है।”
वहीं जिले के डिप्टी सीएमओ डॉ डीके शर्मा का बयान तो कुछ और ही कहता है। उन्होंने गांव कनेक्शन को बताया, “करीब 6 माह पहले रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले थे। वो 10 अप्रैल को एक्सपायर हो गए। वहीं शनिवार 17 अप्रैल को 100 वायल (100 इंजेक्शन) फिर मिले हैं।
इससे अलग सीतापुर के चीफ़ फार्मासिस्ट आरएस कनौजिया ने कहा, “प्रशासन की ओर से अलॉटमेंट लेटर मिल गया है, लेकिन अभी इंजेक्शन मिले नहीं है। एक-दो दिन में मिल जाएगा।”
वहीं मिर्जापुर जिले के हालात भी सीतापुर जैसे ही हैं। जिले के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक कमल कुमार ने गाँव कनेक्शन को बताया, “इंजेक्शन नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से इसकी मांग की है, जल्द ही मिल जाएंगे। पैरासिटामॉल टेबलेट अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में है।”
इससे उलट खाद्य एवं सुरक्षा औषधि विभाग के ड्रग इंस्पेक्टर संदीप कुमार गुप्ता ने बताया, “मार्केट में इस समय नहीं हैं। सरकारी सप्लाई के तहत 16 अप्रैल को जिला अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन के 112 पीस आए हैं।” वहीं शुक्रवार 16 अप्रैल को जिले में कोरोना से संक्रमित 265 मरीज पाए गए, कुल एक्टिव केस 1452 हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति ने कोरोना से अपनी जान भी गंवाई।
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जिला उन्नाव के औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी ने गाँव कनेक्शन को बताया “जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति सुचारू रूप से सभी कोविड हॉस्पिटल में की जा रही हैं, अभी तक किसी प्रकार की कमी नहीं आई है।”
वहीं बाराबंकी जिले के ड्रग इंस्पेक्टर डॉ. सुमित वर्मा ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन बाराबंकी में इस समय उपलब्ध नहीं है। 8-10 दिन में किल्लत को दूर कर लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में भी लग रही लाइनें
छत्तीसगढ़ में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी बढ़ती जा रही है। हालात ये हैं कि राजधानी रायपुर में मेडिकल स्टोर के बाहर लंबी लाइन लगने की खबरें आ रही हैं।
We have placed an order of 90000 Remdesivir injections, out of which 2000 injections will be received within 2 days & another 28000 within a week. Thereafter, we will receive 30000 injections per week. I congratulate @HealthCgGov for their smart work & timely tough decisions. pic.twitter.com/zhTa1V4UcA
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) April 16, 2021
इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंह देओ ने 16 अप्रैल को ट्वीट कर कहा कि हमने 90000 रेमडेसिविर इंजेक्शन का ऑर्डर दिया है, जिसमें से 2000 इंजेक्शन 2 दिन के भीतर और एक सप्ताह के भीतर 28000 इंजेक्शन मिल जाएंगे। इसके बाद हमें प्रति सप्ताह 30000 इंजेक्शन मिलेंगे। मैं राज्य के स्वास्थ्य विभाग को उनके स्मार्ट काम और समय पर कड़े फैसलों के लिए बधाई देता हूं।
सरकारी दावा, मध्य प्रदेश में 16 अप्रैल 2021 तक 97716 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 16 अप्रैल 2021 तक 97716 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें संक्रमण की सेकंड वेव में अब तक 42000 इंजेक्शन दिए जा चुके हैं. जबकि पहली वेव में 55716 दिए गए थे। 16 अप्रैल को 9768 इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए थे।
वहीं राज्य के सतना जिले में खाद्य एवं औषधि विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौबे ने गाँव कनेक्शन को बताया, “16 अप्रैल को निजी अस्पतालों को 54 इंजेक्शन और 48 इंजेक्शन जिला अस्पताल को दिए गए। स्टॉकिस्ट मानव एजेंसी ने सार्थक हॉस्पिटल को 18, उपकार मेडिकोज को 27, दासानी मेडिकोज को 3 और सिंगरौली जिले को 6 इंजेक्शन दिए। शनिवार 17 अप्रैल को 96 इंजेक्शन जिला अस्पताल को मिले।”
गुजरात में हाई कोर्ट की फटकार के बाद कुछ सुधरे हालात
मध्य प्रदेश के पड़ोसी राज्य गुजरात में कोरोना के बढ़ते मामलों और रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत पर पिछले दिनों राज्य सरकार को गुजरात हाई कोर्ट लताड़ लगा चुका है। जबकि पंचमहल जिले की सीडीएचओ मीनाक्षी चौहान कहती हैं, “इंजेक्शन की अभी कोई किल्लत नहीं हैं। जिले में इंजेक्शन की जिम्मेदारी जिला अस्पताल के सीडीएमओ को दी गई है। यहां से निजी अस्पतालों को डिमांड के अनुसार इंजेक्शन दिया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक 200 से 250 इंजेक्शन की मांग प्रति दिन प्राइवेट हॉस्पिटल में है।”
वहीं एक प्राइवेट हॉस्पिटल के एमडी ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा, “दिक्कत तो है, हमें जितना चाहिए उसके अनुसार कम मिलता है, लेकिन पहले से बेहतर है। हमे अब इंजेक्शन सरकार की ओर से मिलता है, हर रोज 18 के आसपास।”
वडोदरा जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण करने वाले नोडल अधिकारी आरबी त्रिवेदी कहते है, “8 अप्रैल से प्राइवेट हॉस्पिटल को इंजेक्शन उनके ज़रूरत के अनुसार दिया जा रहा है। अभी तक हमने 10 दिनों में करीब 17,000 इंजेक्शन निजी अस्पताल को दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से इंजेक्शन का दाम 670 रुपये तय है। इसी रेट पर निजी अस्पताल मरीजों को लगा रहे हैं। वहीं अभी कुछ दिनों से मेडिकल स्टोर पर रेमडेसीवीर इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है।”
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी कहा, लेंगे एक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर केंद्र सरकार का रुख भी सख्त हो गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने अपने एक बयान में कहा, “स्वयं मैंने, हमारे मंत्रालय ने रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाली कंपनियों से उत्पादन बढ़ाने को कहा है।
Government is taking every necessary step to accelerate the production facilities of #Remdesivir, it’s capacity enhancement & availability.
— Sadananda Gowda (@DVSadanandGowda) April 16, 2021
दूसरी तरफ भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर के माध्यम से सभी राज्यों के ड्रग कंट्रोलर को आदेश दिया गया है कि रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने, मरीजों का शोषण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। हमारे पास भी अगर शिकायत आती है तो हम भी सख्त एक्शन लेंगे।”
दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने भी ट्वीट कर कहा कि सरकार रेमडेसिविर के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है।
इनपुट- मध्य प्रदेश के सतना से सचिन तुलसा त्रिपाठी, उत्तर प्रदेश के सीतापुर से मोहित शुक्ला, उन्नाव से सुमित यादव, मिर्जापुर से बृजेंद्र दुबे, बाराबंकी से वीरेंद्र, गुजरात के पंचमहल और वडोदरा से अंकित सिंह।