योग कनेक्शन: गैस, बदहजमी और अम्लता दूर करने के योगासन

दिवाली का त्यौहार, मतलब घर में मेहमानों का तांता लगना और न चाहते हुए भी जमकर मिठाइयां और भोजन करना। ऐसे में लाज़मी है बदहज़मी, अपच की शिकायत। इस दौरान कई प्रकार के पेट से सम्बंधित रोगों से दो चार होना पड़ता है।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
योग कनेक्शन: गैस, बदहजमी और अम्लता दूर करने के योगासन

दिवाली का त्यौहार, मतलब घर में मेहमानों का तांता लगना और न चाहते हुए भी जमकर मिठाइयां और भोजन करना। ऐसे में लाज़मी है बदहज़मी, अपच की शिकायत। इस दौरान कई प्रकार के पेट से सम्बंधित रोगों से दो चार होना पड़ता है। तो आइये चर्चा करते हैं जिन आसनों के करने से आप इन बिमारियों से दूर रहेंगे।


वज्रासन:

यह आसन वैसे तो आप किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन यदि आपने भोजन किया है तो आप पांच मिनट के पश्चात ही यह आसन करें। सबसे पहले आसन पर अपने दोनों पैर सामने की ओर फैला लें और क्रम अनुसार पहले दाहिना पैर और फिर बायां पैर दोनों को मोड़ कर बैठ जाएं।

बैठने की स्थिति ऐसे रखें के आपके नितम्ब (हिप्स) आपके एड़ियों (हिल्स) के ऊपर हों। दोनों ऐड़ियों में इस प्रकार से अंतर होना चाहिए जिससे दोनों पैरों के अंगूठे एक दूसरे से छूने चाहिए। दोनों हाथों के पंजों को अपनें घुटनों पर लगा दें और हथेलियां घुटनों की ओर होनी चाहिए।

पीठ दर्द से छुटकारा दिलाएंगे ये योगासन

वज्रासन की स्थिति में कमर गर्दन एक सीध में रखें। अपनी आंखें कोमलता से बंद कर लें। सामान्य गति में सांस लेते रहें लेकिन ध्यान रहे की वज्रासन करते समय नाक से ही सांस लें। इसलिए इस आसन को करते वक़्त बात न करें। शुरुआत में यह आसन करने में थोड़ी सी कठिनाई आती है, लेकिन निरंतर अभ्यास के बाद इस आसन को सहजता के साथ किया जा सकता है। इस आसन को 3 से 5 मिनट तक किया जा सकता है।

सावधानी : जिन्हें घुटनों के दर्द में शिकायत या किसी प्रकार का ऑपरेशन हुआ हो वे इस आसन को न करें।


पवनमुक्तासन:

सबसे पहले अपने आसन पर पीठ के बल लेट जाएं, दोनों पैरों को आसन पर फैलाएं एवं दोनों पैरों की दूरी को थोड़ा कम करें। दोनों पैरों को एक साथ उठाएं और घुटने मोड़ लें। दोनों घुटनों को अपने दोनों हाथों से बाहों में घेर लें। स्वास छोड़ें एवं घुटनों को दबाते हुए छाती की तरफ लाएं। धीरे से अपना धड़ उठाएं और अपनी ठोड़ी को दोनों घुटनों के बीचों बीच लाने का प्रयास करें।

इसी आसन में कुछ क्षण बने रहें। धीरे से धड़ को पहले आसन पर रखें और स्वास लेते हुए अपने पैरों को आसन पर लेके आएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है। आप पवनमुक्तासन को चार से लेकर पांच चक्र कर सकते हैं।

ये योगासन बनाएंगे आपके घुटनों को मजबूत


पश्चिमोत्तानासन :

सबसे पहले अपने आसन पर पैरों को सामने की और फैला कर बैठ जाएं। मेरुदंड एकदम सीधा रखें, स्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठायें। याद रखें दोनों हाथ कनपटी से लगी होनी चाहिए। स्वास छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ से झुकें, टुड्ठी पंजों की तरफ, मेरुदंड सीधा रखने का प्रयास करें।

अपने हाथों को पैरों पर रखें और क्षमतानुसार इसी आसन में बने रहें। स्वास भरते हुए धीरे से सिर को ऊपर उठाएं तथा धीरे धीरे दोनों हाथ नीचे ले आएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है। इसे आप तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।

योग कनेक्शन: सुखासन करने की विधि और सावधानियां


पादहस्तासन:

सबसे पहले अपने आसन पर सीधा खड़े हो जाएं। अपने हाथ शरीर के बगल में रखें, अब धीरे से आप कूल्हों के जोड़ों से झुकना शुरू करें। झुकते समय स्वास छोड़ें।

अब अपने दोनों हाथों को अपने पैरों के पंजों के दोनों साइड रखें। इस तरह से हमारे पैरों एवं हाथों की 10-10 उंगलियां एक समान होनी चाहिए। इस आसन में रहते हुए स्वास कभी न रोकें। अपनी पीठ को सीधा एवं घुटनों को सीधा रखने का प्रयास करें। धड़ को उठाते समय स्वास भरें एवं कूल्हों के जोड़ों से वापस उठें।

(रेखा योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक हैं और योग विशेषज्ञ हैं।)


योगाभ्यास हार्ट अटैक से बचने में सहायक

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.