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कोरोना के ग्राफ के साथ बढ़ी खुदरा महंगाई की दर, ग्रामीण भारत में लगातार तीसरे महीने खाद्य महंगाई दर बढ़ी

देश में खाद्य वस्तुओं के दाम में इजाफा होने से बीते मार्च में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.52 फीसदी हो गई। वहीं फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसदी दर्ज की गई थी।
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एक तरफ कोरोना देश में तेजी से फैल रहा है तो दूसरी ओर महंगाई आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा रही है। सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में खुदरा महंगाई दर मार्च में 5.52 फीसदी हो गई है, जो इससे पहले फरवरी में 5.03 फीसदी थी। ग्रामीण भारत में भी लगातार तीसरे महीने खाद्य महंगाई दर बढ़ी है।

देश में खाद्य वस्तुओं के दाम में इजाफा होने से बीते मार्च में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.52 फीसदी हो गई। वहीं फरवरी में खुदरा महंगाई दर 5.03 फीसदी दर्ज की गई थी। ये आधिकारिक आंकड़े सोमवार 12 अप्रैल को केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए। खाद्य-वस्तुओं की महंगाई दर मार्च में बढ़कर 4.94 फीसदी हो गई, जो फरवरी में 3.87 फीसदी थी।

मार्च महीने में महंगाई दर।

मीट और मछलियों के दाम भी बढ़े

एनएसओ की रिपोर्ट देखें तो खाद्य पदार्थों तेल और चिकनाई पदार्थ यानी वसा की कीमतों में भी 24.92 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि मीट और मछलियों के दाम में 15.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह मार्च में दाल और उससे बने उत्पादों की कीमत भी 4.83 फीसदी बढ़ी है। हालांकि सब्जियों की कीमत में 4.83 फीसदी की कमी आई है।

शहरों के साथ ही गांवों में भी बढ़ी महंगाई

मार्च में खाद्य महंगाई दर शहरी इलाकों में 6.64 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में 3.94 फीसदी रही जबकि फरवरी में गांवों में खाद्य महंगाई दर 2.89 फीसदी थी, जबकि जनवरी 2021 में ये दर 1.11 फीसदी थी। बाकी चीजों के दाम भी शहरों में 6.52 फीसदी और गांवों में 4.61 फीसदी की रफ्तार से बढ़े हैं।

फरवरी महीने की महंगाई दर

आपको बता दें कि मार्च लगातार चौथा महीना है, जब खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुमान के दायरे में है। आरबीआई ने अगले 5 साल के लिए खुदरा महंगाई दर को 4% से 6% के बीच रखने का लक्ष्य रखा है।

फरवरी के लिए इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन इंडेक्स -3.6 फीसद रहा। यानी फरवरी-2021 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में पिछले साल के मुकाबले 3.6 फीसदी की गिरावट आई है, जिसमें माइनिंग सेक्टर में 5.5 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 3.7 फीसदी, प्राइमरी गुड्स सेक्टर में 5.1 फीसदी, कैपिटल गुड्स में 4.2 फीसदी, इंटरमीडिएट गुड्स में 5.6 फीसदी, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 4.7 फीसदी और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल सेक्टर में 3.8 फीसदी की गिरावट आई है।

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