रेलवे टेंडर घोटाला मामला: बेटी मीसा संग सीबीआई मुख्यालय पहुंचे लालू यादव
गाँव कनेक्शन 5 Oct 2017 12:37 PM GMT
लखनऊ। बेनामी संपत्ति और रेलवे होटल टेंडर घोटाले में सीबीआई की जांच का सामना कर रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव आज सीबीआई के सामने पेश होने के लिए घिटोरनी से निकल चुके हैं। लालू यादव घिटोरनी से सीधे सीबीआइ मुख्यालय जाएंगे और वहां पर सीबीआई के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
सीबीआई ने इस मामले में लालू से पूछताछ करने के लिए नोटिस जारी किया था। पहले जारी किये गये नोटिस पर मोहलत लेने के बाद लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव उपस्थित नहीं हुए थे। बाद में सीबीआइ ने पांच अक्टूबर को लालू यादव और छह अक्टूबर को तेजस्वी यादव को उपस्थित होने का निर्देश दिया था।
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सच और गुलाब सदा काँटों से घिरे रहते है। साँच को आँच नहीं। सत्यमेव जयते..
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) October 5, 2017
इससे पहले लालू ने सीबीआई मुख्यालय रवाना होने से पहले अपने ट्वीटर अकाउंट पर ट्वीट कर कहा है कि सच और गुलाब सदा कांटों से घिरे रहते है। लालू ने लिखा कि सांच को आंच नहीं। लालू ने कहा कि सत्यमेव जयते। इससे पूर्व लालू कई बार मोहलत मांगकर अभी तक सीबीआई की पूछताछ से बचे हुए थे।
आज होटल टेंडर घोटाले मामले में लालू प्रसाद यादव सीबीआई कोर्ट में पेश होंगे और कल उनके बेटे तेजस्वी यादव पेश होंगे। लगातार कई बार समन मिलने के बाद आखिरकार लालू यादव कोर्ट में पेश होने जा रहे हैं। दोनों नेताओं ने जांच एजेंसी की ओर से पहले दी गई तारीख पर उपस्थित होने में असमर्थता जताई थी। जिसके बाद ये तारीख तय की गयी है। लालू यादव और तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति में बुधवार को राबड़ी देवी ने विधायकों एवं सभी जिलाध्यक्षों की विशेष बैठक बुलायी थी।
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इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। आईआरसीटीसी के दो होटलों की देखरेख का जिम्मा 2006 में निजी फर्म को सौंपे जाने के संबंध में सीबीआई पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ करना चाहती है। इस सौदे में हुए कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी में तेजस्वी को भी आरोपी बनाया गया है।
लालू यादव पर यह आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पद पर रहते हुए कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया है। आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की देखरेख का जिम्मा एक निजी फर्म सुजाता होटल को सौंपा और बदले में एक बेनामी कंपनी के जरिये तीन एकड़ की महंगी जमीन के रूप में दलाली ली। सुजाता होटल का स्वामित्व विनय और विजय कोचर के पास है।
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