मुंबई सेंट्रल पर रेलवे स्टाफ ने धक्का लगाकर डेड-एंड से हटाई ट्रेन, रेलवे ने की इनाम की घोषणा 

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   23 Oct 2017 1:33 PM GMT

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मुंबई सेंट्रल पर रेलवे स्टाफ ने धक्का लगाकर डेड-एंड से हटाई ट्रेन, रेलवे ने की इनाम की घोषणा ट्रेन को धक्का मारकर वापस लाते कर्मचारी

महाराष्ट्र। गाड़ी खराब हो जाने पर मजबूरी में लोगों को धक्का लगाते तो कई बार देखा होगा, लेकिन अगर रेलगाड़ी को धक्का लगाया जाए तो कैसा लगेगा। यह मजाक नहीं बल्कि हकीकत है और ऐसा मुंबई सेंट्रल स्टेशन पर हुआ। यहां करीब 40 रेलवे स्टाफ ने धक्का लगाकर पांच किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से एक ट्रेन को डेड-एंड से पीछे खिसकाया। यह ट्रेन गलती से सिग्नल जंप करके आगे चली गई थी। इसकी वजह से कुछ लंबी दूरी की ट्रेनें भी प्रभावित हुईं। रेलवे ने स्टाफ के इस कार्य की सराहना की साथ ही 10 हजार रुपए के पुरस्कार की भी घोषणा की।

ये था मामला

मुंबई सेंट्रल में गुरुवार सुबह 7:45 बजे 16 कोच की ट्रेन प्लैटफॉर्म 2 से रेड सिग्नल पर रुकने की बजाए आगे निकल गई थी। जिस ट्रैक पर ट्रेन चली गई थी वह डेड-एंड था और उसपर कोई ओवर-हेड तार नहीं था। इंजन को पीछे नहीं खींचा जा सकता था क्योंकि वह पावर ही नहीं ले रहा था। इंजन को आगे भी नहीं लगाया जा सकता था क्योंकि वह डेड-एंड था। इसलिए यात्रियों को उतारा गया और रेलवे स्टाफ खुद ही ट्रेन को ट्रैक पर वापस लाया।

वेस्टर्न रेलवे ने की पुरस्कार की घोषणा

वेस्टर्न रेलवे ने अपने स्टाफ के लिए 10,000 रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है। यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाएगा जिन्होंने गुरुवार को एक ट्रेन को धक्का लगाकर डेड-एंड से प्लैटफॉर्म पर पहुंचाया था। मुंबई डिविडिनल रेलवे मैनेजर मुकुल जैन ने बताया, 'मैंने 10 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की है जिसे पोर्टर, रेलवे पुलिस फोर्स कर्मियों, कैरेज, वैगन और स्टेशन स्टाफ के बीच बांटा जाएगा।'

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40 रेल कर्मियों ने ट्रेन में लगाया धक्का

कुलियों सहित 40 रेलवे कर्मियों को मुंबई सेंट्रल-लखनऊ सुविधा एक्सप्रेस ट्रेन को धक्का लगाना पड़ा था। यह ट्रेन सिग्नल पार कर डेड-एंड पर पहुंच गई थी जहां कोई ओवर-हेड तार नहीं था।

ऐसा पहली बार हुआ है

मुंबई डिविजन के रेलवे मैनेजर मुकुल जैन ने बताया, 'लोको पायलट ने लाल सिग्नल के पीले या हरे होने का इंतजार नहीं किया। ट्रैक का वह सिरा डेड-एंड की ओर जाता है, जिसके आगे पटरी नहीं है।' लोको पायलट ने गाड़ी नहीं रोकी और इंजन नॉन-ओएचई एरिया में चला गया। जब तक ड्राइवर को अपनी गलती का पता चला, गाड़ी सिग्नल जंप कर चुकी थी। ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह किसी तरह किसी ट्रेन को शंट किया गया हो।

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