ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क से महिलाओं को मिल रही बेहतर जानकारी

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ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क से महिलाओं को मिल रही बेहतर जानकारी

सीतापुर(उत्तर प्रदेश)। महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने और उनका काम आसान करने के लिए ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क की शुरूआत हुई है, इसमें महिलाओं को खेती और पशुपालन से जुड़ी आधुनिक जानकारी दी जा रही है।

उत्तर प्रदेश के कृषि विज्ञान केंद्र कटिया में ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क की प्रथम स्थानीय कार्यक्रम सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन में किया गया, जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जोन- 3 के निदेशक डॉ अतर सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभागिता कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।


डॉ अतर सिंह ने कृषि में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और उनके श्रम को कम करने वाली तकनीकों व यंत्रों का बारे में कहा, "आवश्यकता अनुरूप कृषि यंत्रों की उपलब्धता और उपयोगिता से महिलाओं में जागरूकता के साथ-साथ आत्मनिर्भरता भी बढेगी।"

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि विज्ञान प्रसार नई दिल्ली की वैज्ञानिक डॉ के दासगुप्ता ने कृषि अवशेषों से कोयला बनाने की तकनीक की सराहना करते हुए कहा, "इसे ग्रामीण स्तर पर महिलाओं द्वारा निर्माण कराने से जहां एक और महिलाओं को रोजगार मिलेगा वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रबंधन भी होगा साथ ही ऊर्जा की बचत के साथ नए उर्जा विकल्प का रास्ता भी खुलेगा।"


एमिटी विश्वविद्यालय की संकाय निदेशक एवं प्रोफेसर डॉ शालिनी बिसेन ने महिलाओं के आय अर्जन स्रोतों में मुर्गी पालन के साथ-साथ बत्तख पालन पर जोर देते हुए कहा कि बत्तख पालन से जहां एक ओर बीमारियां कम होंगी साथ ही साथ अधिक अंडा उत्पादन से आय सृजन में भी सहयोग मिलेगा।

"मखाना और मखाना द्वारा पर प्रसंस्करित उत्पाद निर्माण से महिला रोजगार सृजन में वृद्धि के साथ-साथ समाज को जैविक उत्पाद आपूर्ति करने में सहायक होगा, "डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ शालिनी अग्रवाल ने कहा।

पावर फाउंडेशन की राज्य समन्वयक डॉ साफिया जमीर ने महिलाओं द्वारा प्रसारित उत्पाद के विपणन के लिए समिति को सुझाव देते हुए कहा कि जिलाधिकारी महिला संगठन के माध्यम से सभी नए उत्पादों की विपणन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।


कार्यक्रम में पूर्व प्रशिक्षण प्राप्त महिला शहनाज, मौसमी देवी, अकीलुनिशा, समसनु , नीलम देवी को मुख्य अतिथि द्वारा प्रमाण पत्र व मुर्गी पालने के लिए पानी और दाना देने वाले उपकरण वितरित किए गए।

कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ आनंद सिंह ने धन्यवाद देते हुए कहा कि समिति के सुझावों से निश्चित रूप में ग्रामीण महिलाओं के जीवन में गुणवत्ता, निर्णय लेने की इच्छा शक्ति आर्थिक और सामाजिक विकास बढ़ाने में मदद करेगा।

कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण ग्रामीण महिला तकनीकी पार्क की प्रधान अन्वेषिका डॉ सौरभ ने किया और संचालन डॉ डीएस श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आनंद सिंह, डॉ शशिकांत सिंह , शैलेंद्र सिंह समेत प्रगतिशील किसान सुधा पांडे एवं पृथ्वीपाल मौर्या उपस्थित रहे।


      

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