नवरात्र स्पेशल: देसी सावां का विदेशी सलाद, डायबिटीज में भी फायदेमंद

Sangeeta KhannaSangeeta Khanna   8 Oct 2018 5:46 AM GMT

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नवरात्र स्पेशल: देसी सावां का विदेशी सलाद, डायबिटीज में भी फायदेमंद

नवरात्र आ रहे हैं जल्द ही बाजार में कुछ व्रत वाली सामग्रियां दिखने लगेंगी। हममें से कई लोग नवरात्र के व्रत रखते हैं और धार्मिक भाव से पूजापाठ भी करते हैं पर ये भी जानना जरूरी है कि जो व्रत का फलाहार भोजन होता है वह शरीर के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। एक तो हम व्रत के दौरान नए मौसम की कई सब्ज़ियों और फलों को खाते हैं, दूसरे कुछ ऐसी चीज़ों को भी खोज लाते हैं जो पूरे साल हम नहीं खा पाते। जैसे की सावां, कूटू, रामदाना इत्यादि जिन्हें पूरा साल हम याद ही नहीं करते। पर नवरात्र के समय लोग इन्हें दूर दराज़ के गांवों से ढूंढ लाते हैं और इनसे तरह-तरह के सात्विक पकवान बनाते हैं।

नवरात्र में पूजा पाठ के साथ साथ सात्विक खाने का बड़ा महत्व है। यदि आप पूजा नहीं भी करते हैं तो भी इस प्रकार के सात्विक फलाहार मन और तन दोनों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। फलाहार भोजन हमारे पाचन तंत्र को दुरुस्त कर देता है और मन में भी नेक विचार लाता है, आयुर्वेद में वर्णित है कि सात्विक भोजन उच्च विचारों को जन्म देता है।

सावां एक प्रकार का दाना है जिसे अंग्रेज़ी में barnyardmillet कहते हैं। पुरानी परंपरा के अनुसार सावां को अनाज नहीं मानते क्योंकि यह क़ुदरती रूप से उत्पन्न होता था, अब तो कुछ किसान सांवा की खेती भी करते हैं पर सावां के पौष्टिक गुण बने रहते हैं। कुछ लोग सवां को समा के चावल या व्रत के चावल भी कहते हैं। अच्छी बात यह है की सवां का स्वाद चावल से काफ़ी मिलता-जुलता है और इसे मधुमेह के रोगी भी आराम से खा सकते हैं क्योंकि सावां का ग्लायसीमिक इंडेक्स काफ़ी कम होता है।

सावां में लौह खनिज भी अच्छी मात्रा में होता है और साथ ही इसके उच्च गुणवत्ता का फ़ाइबर पाया जाता है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को उत्सर्जित करने में सहायक है।

इसीलिए तो इस प्रकार के द्रव्य फलाहार के रूप में खाना अनिवार्य है ताकि हम इनका उपयोग करते रहें और रोज़ के दाल चावल के अलावा कुछ और पौष्टिक चीज़ों को भी अपनाएँ। ध्यान रखें कि फलाहार में अनावश्यक तली भुनी हुई चीज़ें नुक़सानदायक हैं इसलिए कोशिश करें की सावां या कूटू इत्यादि को खिचड़ी, तहरी, इडली, खीर इत्यादि के रूप में ही सेवन करें।

आज हम सावां का एक सलाद बना रहे हैं जो भूमध्य सागरीय देशों में गेहूं के दलिया से बनाया जाता है। इस सलाद को तबूली कहते हैं और इसे कई प्रकार की सब्ज़ियां, कटे टमाटर, धनिया पुदीने के पत्ते डाल कर बनाया जा सकता है।


आवश्यक सामग्री:

1/2 कप उबले सावां के चावल (1/2 कप सावां को एक कप पानी के साथ बिलकुल चावलों की तरह पका लें, ठंडा करके थोड़ा कांटे या चम्मच से फैला लें)

1 कप छोटे टुकड़ों में कटा खीरा

1/2 कप छोटे टुकड़ों में कटी गाजर

1/2 कप हरी धनिया कटी हुई

2-3 चम्मच कटी हुई पुदीने की पत्तियां

कटी हरी मिर्च स्वादानुसार

1 बड़ा चम्मच ऑलिव, मूंगफली या तिल का तेल

1 चम्मच नींबू का रस

सेंधा नमक स्वादानुसार

काली मिर्च का पाउडर स्वादानुसार

1/2 कप भुनी मूंगफली

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बनाने की विधि:

तेल में नींबू का रस, नमक, काली मिर्च का पाउडर, कटी हरी मिर्च डाल कर मिला लें।

फिर सभी कटी सब्ज़ियां डाल कर अच्छी तरह मिला लें।

अब इसमें ठंडा किया हुआ उबला सावां भी मिलाएं और मूंगफली डाल कर परोसें।

यह सलाद फ़्रिज में 2-3 घंटे तक रख के भी अच्छा रहता है।

यदि आप चाहें तो इसमें काटे हुए पनीर के टुकड़े भी डाल कर प्रोटीन युक्त तबूली सलाद बना सकते हैं।

फलाहार के लिए यह काफ़ी अच्छा भोजन है जो पेट के लिए भी अच्छा है और शरीर के लिए फ़ायदेमंद भी।

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(संगीता खन्ना न्यूट्रिशन कोच हैं और फूड इंडस्ट्री में सलाहकार का काम करती हैं। क्षेत्रीय व्यंजनों के फूड फेस्टिवल के आयोजन के अलावा वह देशी-विदेशी व्यंजनों से जुड़े अभिनव प्रयोग करती रहती हैं। वह जानी-मानी फूड राइटर भी हैं। खाने पर उनके healthfooddesivideshi.com और banaraskakhana.com नामके दो ब्लॉग हैं।)

     

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