आधार से संबंधित मुद्दों पर संवैधानिक पीठ को करना चाहिए फैसला : SC 

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आधार से संबंधित मुद्दों पर संवैधानिक पीठ को करना चाहिए फैसला : SC उच्चतम न्यायालय। फाइल फोटो

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि आधार से जुड़े सभी मुद्दों पर उसकी संवैधानिक पीठ को फैसला करना चाहिए। न्यायमूर्ति जे. चेलमेश्वर की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पक्षों से कहा कि वे प्रधान न्यायाधीश से आधार से जुडे मुद्दों पर फैसला करने के लिए संवैधानिक पीठ का गठन करने का आग्रह करें। पीठ में न्यायमूर्ति एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ''हम आप दोनों (याचिकाकर्ताओं और केंद्र) को प्रधान न्यायाधीश से एक वृहद पीठ का गठन करने का आग्रह करने का सुझाव देंगे। ताकि इन मामलों पर आखिरकार निर्णय लिया जा सके।''

याचिकाकर्ताओं की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि वे प्रधान न्यायाधीश के समक्ष मामले को रखेंगे और उनसे आधार से जुड़े मामलों की सुनवाई करने के लिए एक संवैधानिक पीठ का गठन करने का अनुरोध करेंगे।

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उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने 27 जून को केंद्र की उस अधिसूचना के खिलाफ अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया था। इसमें सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाया गया है। साथ ही सरकार ने आश्वस्त किया था कि कोई भी व्यक्ति आधार से वंचित नहीं रहेगा। अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं द्वारा जताई गई केवल इस ''आशंका'' पर अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता कि कोई व्यक्ति आधार कार्ड न होने पर विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभों से वंचित हो सकता है। खासतौर से तब जब इससे प्रभावित कोई भी व्यक्ति उसके पास न आया हो।

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उच्चतम न्यायालय तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें विभिन्न समाज कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य बनाने वाली सरकार की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कई आदेश पारित कर सरकार और उसकी एजेंसियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आधार को अनिवार्य न बनाने के लिए कहा था। बहरहाल, शीर्ष न्यायालय ने केंद्र को एलपीजी सब्सिडी, जन धन योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए नागरिकों से स्वैच्छिक रुप से आधार कार्ड मांगने की मंजूरी दे दी थी।

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