शिमला पानी संकट : उम्मीद से कम बारिश और इंसानी लापरवाही ने बढ़ाई किल्लत
शिमला का यह अब तक का सबसे भयानक जल संकट है, जिसे हमारे लापरवाही से भरे रवैये ने और गंभीर बना दिया है
गाँव कनेक्शन 4 Jun 2018 10:21 AM GMT
शिमला के पानी संकट को देखते हुए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने 30 जून को एक आदेश पारित कर उन सभी 224 होटलों और गेस्ट हाउसों के पानी के कनेक्शन काटने का निर्देश दिया जिनके पानी के बिल बकाया थे। अदालत ने पानी बचाने के उपायों के तहत शिमला में चल रहे सभी निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी है। इसके अलावा एक हफ्ते के लिए कार धोने पर भी रोक लगा दी गई है। कोर्ट के आदेशानुसार किसी व्यक्ति विशेष खासकर वीआईपी लोगों को टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
शिमला का यह अब तक का सबसे भयानक जल संकट है, इसका मुख्य कारण है कोल डैम लिफ्ट वॉटर सप्लाई स्कीम के पूरे होने में हुआ विलंब। अगर यह योजना काम करने लगे तो शिमला को हर दिन 5.5 करोड़ लीटर पानी मिलने लगेगा।
सतलुज नदी से पानी लिफ्ट करने की इस योजना पर 1970 के दशक में विचार किया गया था। लेकिन उस समय पैसों की कमी थी। 800 मेगावॉट के कोल डैम प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद पानी लिफ्ट करने की इस योजना को विश्व बैंक के जरिए फंड कराने पर पुनर्विचार किया गया। अब यह प्रोजेक्ट अपने आखिरी चरण में है, जैसे ही विश्व बैंक पैसा जारी करेगा इस पर काम शुरू हो जाएगा। विश्व बैंक पहले ही प्रोजेक्ट स्थल का दौरा कर चुका है। फिर भी कम से कम शिमलावासियों को अभी तीन और साल परेशानियों का सामना करना होगा।
सड़कों पर उतर आए नाराज नागरिक
शिमला में जल-युद्ध जैसा माहौल है। पूरे शहर के वाशिंदे खाली बाल्टियां लेकर सड़कों पर आ गए हैं, ट्रैफिक जाम कर रहे हैं, स्थानीय अफसरों और नेताओं को घेर रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि पुलिस ने पार्षदों समेत 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अतीत में, जब शिमला नगर पालिका पर कांग्रेस और सीपीआई(एम) काबिज थे तो बीजेपी पानी की कमी पर प्रदर्शन करती रही है। लेकिन अब हालात एकदम उलट हैं, अब बीजेपी का विरोध हो रहा है। मेयर कुसुम सदरेट पानी संकट से जूझती जनता को बीच में ही छोड़कर चीन के दौरे पर चली गई थीं इस पर पूर्व मेयर संजय चौहान ने पानी संकट के लिए शिमला नगर पालिका को ही जिम्मेदार ठहराया था। शिमला की रहने वाली गार्गी ने इस मामले में अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, " हम लोगों ने एक हफ्ते से नहीं नहाया है। हम लोग पीने के लिए मिनरल वॉटर खरीदने पर मजबूर हैं। बच्चों को भी स्कूल नहीं भेज पा रहे हैं।"
#HimachalPradesh: A woman died after being allegedly hit by a water tanker at Shimla's Mall Road. She was declared brought dead by Indira Gandhi Medical College administration. pic.twitter.com/VWKcI0BErW
— ANI (@ANI) June 2, 2018
टूरिस्टों को सलाह, यहां न आएं तो बेहतर
शिमला के वाशिंदे अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर निकालते हुए टूरिस्टों को फिलहाल शिमला न आने को कह रहे हैं। पिछले हफ्ते शिमला के होटल 90 से 100 फीसदी भरे हुए थे। लेकिन अब होटल मालिक भी मेहमानों से अपनी बुकिंग कैंसल करने को बोल रहे हैं।
टूरिस्ट विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, शिमला में कुलद 268 रजिस्टर्ड होटल हैं जिनमें 4356 कमरे और 9064 बेड हैं। लेकिन टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर्स असोसिएशन के मुताबिक, शिमला और आसपास के इलाकों में ऐसे 670 फ्लैट व घर हैं जो पंजीकृत नहीं हैं और जिन्हें ऑनलाइन कंपनियां अवैध रूप से संचालित करती हैं। असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी राहुल चावला कहते हैं, " ये घर अधिकतर रिहाइशी इलाकों में स्थित हैं और इस तरह से ये घरेलू उपभोक्ताओं के हिस्से के पानी पर डाका डाल रहे हैं। "
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पानी की मांग अधिक सप्लाई कम
शिमला की जनसंख्या लगभग 1.72 लाख है जिसके लिए हर रोज करीब 35 से 37 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है। अगर इसमें लगभग 1 लाख टूरिस्टों को जोड़ दिया जाए तो 8 से 10 मिलियन लीटर पानी का अतिरिक्त बोझ बढ़ जाता है। वहीं शिमला को पांच स्रोतों : गुम्मा, गिरी, चुरट, छाहेर और कोटीब्रांडी से हर रोज 18 से 25 मिलियन लीटर पानी मिलता है। यहां पानी की सप्लाई का एक और मुख्य स्रोत था अश्वनी खड्ड। इसे 2015 में बंद कर दिया गया था क्योंकि इसमें सीवर का पानी मिल गया था और इसे इस्तेमाल करने वाले पीलिया से ग्रस्त हो रहे थे।
फिलहाल तो हालात ऐसे हैं कि 12 हजार लीटर वाला जो पानी का टैंकर 2,500 रुपयों में मिल जाता था वह अब छह से आठ हजार रुपयों में बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। इसके अलावा डिस्पोजल प्लेटों और मिनरल वॉटर की मांग भी कई गुना बढ़ गई है।
क्या है संकट की वजह
पिछली बार हुई बारिश में 72 फीसदी की कमी और सर्दियों के दौरान बहुत कम बर्फ गिरने की वजह से पानी के प्राकृतिक स्रोत रिचार्ज नहीं हो पाए। जैसे ही इन गर्मियों में पारा चढ़ा उनमें रहा-सहा पानी भी सूख गया।
इसके अलावा शिमला के सूखे के लिए कुछ और कारक भी जिम्मेदार हैं, जिनमें प्रमुख हैं : 80 से 85 पर्सेंट पानी सप्लाई करने वाले पाइपों में लीकेज होना, पानी की सप्लाई में भेदभाव मतलब जल संकट के बाद भी वीवीआईपी इलाकों में पानी की सप्लाई बेरोकटोक जारी रही, होटल मालिकों का लाइन मैन से गठजोड़ और पानी के टैंकरों की कमी।
हाई कोर्ट ने किया हस्तक्षेप
स्थानीय बार असोसिएशन ने प्यासी जनता के समर्थन में अदालतों का बायकॉट शुरू किया। इसके बाद हिमायल प्रदेश हाई कोर्ट ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए नगर पालिका को विस्तृत दिशा-निर्देश देते हुए गंभीर हालात से निबटने को कहा।
चीफ जस्टिस संजय कैरल और जस्टिस अजय मोहन गोयल की हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने स्थिति का स्वत: संज्ञान लेते हुए नगर पालिका से मुख्यमंत्री और गवर्नर को छोड़कर वीवीआईपी इलाकों में पानी के टैंकरों की सप्लाई रोकने का आदेश दिया। साथ ही हालात सामान्य होने तक निर्माण कार्यों पर रोक के अलावा गाड़ियां धोने से भी मना किया।
इसके अलावा कोर्ट ने नगर पालिका से कहा है कि वह सेना से बातकर गोल्फ कोर्स में इस्तेमाल हो रहे पानी को जनता के लिए मुहैया कराए साथ ही इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज में मौजूद पानी के विशाल भंडार का भी इस्तेमाल करने पर सोचे।
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राज्य सरकार के प्रयास
जैसे हालात और खराब हुए, सरकार हरकत में आई और मुख्य मंत्री जयराम ठाकुर ने पानी की सप्लाई पर निगरानी रखनी शुरू कर दी। चीफ सेक्रेटरी विनीत चौधरी की अगुआई में एक कमिटी बनाई गई जिसने पानी की सप्लाई पर हर घंटे नजर रखी। शिमला को तीन जोन में बांटा गया ताकि तय समय पर 3-3 दिन बाद जनता को पानी सप्लाई किया जाए। मुख्य मंत्री ने यह भी आदेश दिया कि हर वार्ड में कम से कम पानी का एक टैंकर जरूर मौजूद रहे।
जयराम ठाकुर का कहना था, यह समस्या इसलिए उठ खड़ी हुई क्योंकि पानी की उपलबधता महज 50 फीसदी रह गई थी। उन्होंने नागरिकों को भरोसा दिलाया कि समस्या के स्थायी समाधान पर काम चल रहा है।
It's tourist season & population of Shimla has also increased leading to such crisis.Our govt took measures to resolve the issue.Yesterday's rain has brought some relief as the water level has increased to 28.4 MLD (Millions of Liters Per Day): Jai Ram Thakur, CM #HimachalPradesh pic.twitter.com/oY7irv7axe
— ANI (@ANI) June 2, 2018
( खबर की लेखिका नंदिनी अग्निहोत्री हैं, यह खबर मूलरूप में 30 मई 2018 को Down To Earth पर प्रकाशित हुई थी )
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