सत्यम घोटाला-सेबी ने पीडब्‍ल्‍यूसी पर लगाया दो साल का प्रतिबंध  

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सत्यम घोटाला-सेबी ने पीडब्‍ल्‍यूसी पर लगाया दो साल का प्रतिबंध  साभार: इंटरनेट 

बाजार नियामक संस्था सेबी ने प्राइस वाटरहाउस (पीडब्‍ल्‍यूसी) पर शेयर बाजार की सूचीबद्ध कंपनियों के खातों के अंकेक्षण के लिए दो साल तक प्रतिबंध लगा दिया है।सेबी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उसने पीडब्‍ल्‍यूसी को भी करोड़ों रुपए के सत्‍यम घोटाले का दोषी पाया है। दुनिया की शीर्ष लेखा कंपनियों में से एक पीडब्‍लयूसी अब भारत में किसी भी सूचीबद्ध कंपनी को दो साल तक अंकेक्षण प्रमाण पत्र जारी नहीं कर पाएगी।

क्यूँ लिया ये फैसला

सेबी ने यह फैसला 8000 करोड़ रुपए के सत्यम घोटाले में पीडब्‍ल्‍यूसी का नाम आने के बाद सुनाया है। यह प्रतिबंध अप्रैल 2018 से लागू होगा।सेबी ने पीडब्‍ल्‍यूसी पर 13.09 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने के अलावा जनवरी 2009 से लेकर अब तक इस जुर्माने पर 12 फीसदी वार्षिक ब्याज देने के भी निर्देश दिए हैं।

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उल्लेखनीय हैं कि इसके अलावा सेबी ने पीडब्‍ल्‍यूसी के दो पुराने साझेदार एस गोपालकृष्णन और श्रीनिवास तल्लौरी पर भी 3 साल का प्रतिबंध लगाया है, क्योंकि इन दोनों अधिकारियों ने ही सत्यम के खातों का अंकेक्षण किया था। सेबी का यह फैसला पीडब्‍ल्‍यूसी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है, दो साल तक कोई भी कम्पनी इस वैश्विक अंकेक्षण संस्था से अपने खातों की अंकेक्षण नहीं करा सकेगी।

उधर, पीडब्‍ल्‍यूसी की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इसमें उसने सेबी की जांच और उसके फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। बयान में कहा गया है घोटाले में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। पीडब्‍ल्‍यूसी ने कहा है, "हम 2009 से कह रहे हैं कि सत्यम घोटाले में पीडब्ल्यू की तरफ से जान-बूझकर कोई गलत काम नहीं किया गया और न ही हमने इसके विरुद्ध कोई महत्वपूर्ण साक्ष्य ही देखा है।" पीडब्‍ल्‍यूसी ने यह भी कहा कि सेबी का आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट के 2011 में दिए निर्देशों के मुताबिक भी नहीं है।

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