एक शहीद की मां का दर्द : जवान बेटा देश के लिए हुआ कुर्बान, सरकार ने दिया धोखा

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   19 Sep 2017 8:45 AM GMT

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एक शहीद की मां का दर्द : जवान बेटा देश के लिए हुआ कुर्बान, सरकार ने दिया धोखाएक साल पहले जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकी हमले में शहीद हुए थे सुनील कुमार

गया (बिहार)। जब नेता अपने वायदे कर के भूल गए तो पिता ने ही शहीद बेटे की याद में स्मारक बनवाया। जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए आतंकी हमले के एक साल पूरे हो गए लेकिन हमले में शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी के परिजनों की शिकायत है कि नेताओं की ओर से उस वक्त किए वादे अब तक पूरा नहीं हुए हैं।

पिता मथुरा प्रसाद यादव ने खेत बेचकर बेटे का स्मारक तो बनवा दिया है लेकिन उस समय गांव में शहीद सुनील के नाम पर स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल का नाम और तोरण द्वार बनाने के जो वादे सरकार ने किए थे वह अभी तक अधूरे हैं। शहीद के पिता मथुरा प्रसाद यादव कहते हैं ''बेटे की शहादत पर 15 दिनों तक बड़े-बड़े लोग उनके गांव आए वादे भी किए लेकिन हुआ कुछ भी नहीं।''

गया जिले के परैया प्रखंड का बोकनारी गाँव में शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी का पैतृक घर है। इस गाँव की बात करें तो यहां आने का एक कच्चा रास्ता है जो बरसात के दिनों में बन्द हो जाता है। उरी हमले में शहीद होने के बाद शहीद सुनील कुमार विद्यार्थी के गाँव कई बड़े नेता गए और कई वादे भी किये लेकिन आज तक इस गाँव में कोई नया काम नहीं हुआ। यहां तक कि शहीद सुनील का स्मारक भी उनके पिता ने खेत बेच कर बनवाया है।

...तो हमें भी उरी पहुंचा दें ताकि हम भी आतंकियों की गोली से मर जायें

शहीद जवान की बूढ़ी मां कुन्ती देवी कहती हैं, "हमने पाल-पोष कर देश की रक्षा के लिए अपना बेटा सरकार को दे दिया, अब बेटा नहीं रहा तो सरकार को चाहिए कि मां-बाप, परिवार, बच्चों के लिए कुछ करे। अगर नहीं दे सकती है तो हमें भी उरी पहुंचा दें ताकि हम भी आतंकियों की गोली से मर जायें। सरकार ने अगर सर्जिकल स्ट्राइक कर बदला लिया तो क्या हुया, मेरा बेटा वापस तो नहीं आएगा।

सुनील कुमार के परिजनों के साथ सुशील मोदी

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मुझे तो पहले ही भरोसा नहीं था : मथुरा यादव

शहीद के पिता मथुरा यादव ने बताया कि नेताओं के वादों व आश्वासनों पर तो उन्हें पहले से भरोसा नहीं था, लेकिन ग्रामीणों की समस्या को दूर होने की संभावना जरूर थी। जर्जर सड़क, कच्ची नालियां, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति के सुधरने की आस थी।

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शहीद के पिता ने कही ये बातें...

  • सिर्फ एक साल पहले तक लंबी-लंबी बातें करने वाले स्थानीय नेताओं को शहादत दिवस याद नहीं रहा।
  • शहादत दिवस कार्यक्रम की शुरूआत शहीद के पिता मथुरा यादव ने बेटे की प्रतिमा पर पुष्पा माला अर्पण कर किया।
  • अपनी पीड़ा को बयान करते हुए शहीद के पिता ने बताया कि स्थानीय विधायक के आश्वासन के बाद भी स्मारक के निर्माण की पहल नहीं की गई, जिसके बाद उन्होंने अपने पैसों से स्मारक का निर्माण कराया।

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सांसद ने कहा था- सड़क बनवा कर करेंगे नामकरण, दोबारा आए ही नहीं

शहीद के शवयात्रा में शामिल होने आये स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह ने यह वादा किया था कि गया परैया सड़क के हसपुरा बोकनारी संपर्क सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से करके इसका नामकरण शहीद सुनील के नाम पर किया जायेगा। इसका प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। लेकिन आज एक वर्ष बाद न सड़क बनी न फिर सांसद कभी गांव आए। इसके अलावा स्थानीय विधायक राजीव नंदन दांगी के द्वारा शहीद के याद में स्मारक बनवाने का वादा किया गया लेकिन बाद में उन्होंने मुख्यमंत्री कोष से इन कार्यों के निषेध का हवाला देते हुए हाथ खींच लिया।

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