इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रणाली अपनाकर भारत ऐसे बचा सकता है 20 लाख करोड़ रूपए!!
गाँव कनेक्शन 21 Nov 2017 10:13 AM GMT
लखनऊ। इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिए भारत भविष्य में काफी पैसे बचा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में शेयरिंग, इलेक्ट्रिक व कनेक्टेड मोबिलिटी प्रणाली को अपनाने से केवल तेल आयात मद में ही 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
उद्योग मंडल फिक्की व रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर साझा मोबिलिटी तरीका अपनाया जाता है तो 2030 तक 4.60 करोड़ वाहन बेचे जा सकते हैं ,जिनमें दुपहिया, तिपहिया व चौपहिया वाहन शामिल होंगे। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में भारतीय कार निर्माता कंपनियों को भी वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनने का मौका मिलेगा।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि पश्चिमी देशों में निजी वाहन रखने की होड़ है, लेकिन इससे हटकर भारत शेयर्ड, इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड मोबिलिटी प्रणाली विकसित कर सकता है।
इससे 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये मूल्य का न सिर्फ 87.60 करोड़ मीट्रिक टन तेल बचेगा बल्कि एक गीगा-टन कार्बन-डाइऑक्साइड का उत्सर्जन को भी रोका जा सकेगा। हालांकि इसमें चुनौतियों बताते हुए कहा गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत, चार्जिंग की सुविधा व उपभोक्ताओं में जागरूकता लानी होगी।
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क्या है रिपोर्ट में खास
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत प्राइवेट व्हीकल ऑनरशिप के पश्चिमी मोबिलिटी के अलावा शेयर्ड, इलेक्ट्रिक और कनेक्टेड मोबिलिटी प्रणाली विकसित कर सकता है।
- अगर मोबिलिटी तरीका भी अपनाया जाता है तो 2030 तक 46,000,000 करोड़ वाहन बेचे जा सकते हैं जिनमें दुपहिया, तिपहिया व चौपहिया वाहन होंगे।
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