'भारतीय पोषण कृषि कोष' का शुभारंभ, खेती और खान-पान के तरीकों में तालमेल बिठाने पर जोर
गाँव कनेक्शन 18 Nov 2019 1:53 PM GMT
एक रिपोर्ट कहती है कि भारत के 50 फीसदी कुपोषण के शिकार हैं। इसे दूर करने के लिए केंद्र सरकार 'बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन' के साथ मिलकर काम करेगी। इसके लिए 'भारतीय पोषण कृषि कोष' की स्थापना की गई है। इस कोष की स्थापना का उद्देश्य कृषि और पोषाहार में तालमेल को बढ़ावा देना है, ताकि कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके।
देश में हरित क्रांति के जनक माने जाने वाले डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन ने भारत को पोषाहार की दृष्टि से सुरक्षित बनाने के लिए इस पांच सूत्री कार्ययोजना का सुझाव दिया है। इन पांच सूत्रों में महिलाओं और बच्चों के लिए कैलोरीयुक्त, भोजन की व्यवस्था करना, सभी लोगों के लिए उच्चम प्रोटीनयुक्त भोजन उपलब्ध करना, पोषक तत्वों की कमी दूर करने के लिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करना और लोगों को पोषाहार के प्रति जागरूक बनाना शामिल है।
Looking forward to the announcement of Bharatiya Poshan Krishi Kosh, a repository of diverse crops across 127 agro-climatic zones for better nutritional outcomes in the presence of Hon'ble Union Minister @MinistryWCD Smt. @smritiirani and Co-Chair @gatesfoundation @BillGates pic.twitter.com/2KnKlndFss
— Ministry of WCD (@MinistryWCD) November 17, 2019
स्मृति इरानी ने राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में इस कोष का उद्घाटन करते हुए कहा कि कुपोषण की चुनौती से निपटने के लिए कृषि और पोषाहार के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कोष की मदद से एक बहुक्षेत्रीय ढांचे को विकसित करना है जिसके तहत बेहतर पोषक उत्पाकद पैदा करने के लिए देश के अलग-अलग 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में अलग-अलग फसलों के उत्पादन और उसके भंडारण पर जोर दिया जायेगा।
स्मृति ईरानी ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने कुपोषण रोकने, पेयजल उपलब्ध कराने और स्वच्छता की दिशा में काफी काम किया है। भारतीय पोषण कृषि कोष के द्वारा देश के नागरिकों के पोषक आहार की जरूरतों और देश में उगाए जाने वाले फसलों और उनके तौर-तरीकों के बीच सामंजस्य लाया जाएगा।"
यह भी पढ़ें- कम हो रहा है कुपोषण, बढ़ रही हैं इससे जुड़ी बीमारियां
बिल गेट्स ने इस अवसर पर कहा, "भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व इस समय कुपोषण की समस्या झेल रहा है। कई बार कुपोषण के कारण कम आयु में ही बच्चों की मौत हो जाती है। हमारी लड़ाई इसी से है। कुपोषण से निपटने में भारत ने अब तक सराहनीय प्रयास किया है। यहां चल रहे राष्ट्रीय पोषाहार मिशन और भारतीय पोषण कृषि कोष से कुपोषण समाप्त करने के प्रयासों को और बल मिलेगा।"
Taking a step forward in the direction of 'Evergreen Revolution' as envisaged by PM @narendramodi Ji, @MinistryWCD in partnership with @gatesfoundation launched Bharatiya POSHAN Krishi Kosh in the presence of Mr. @BillGates. #PoshanBharatKosh pic.twitter.com/qBNHboNWtJ
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 18, 2019
कृषि वैज्ञानिक और इस योजना के प्रणेता एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि भारत में पोषण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इस पांच सूत्रीय कार्यक्रम को लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में उचित पोषण की कमी न केवल शारीरिक विकास बल्कि मस्तिष्क के विकास को भी प्रभावित कर रही है।
इस योजना के पहले चरण में महिला और बाल विकास मंत्रालय, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सहयोग से लगभग 12 ऐसे राज्यों का चयन करेगी जो भारत की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक विविधताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रत्येक राज्य एक स्थानीय साझेदार के साथ मिलकर स्थानीय सामाजिक आहार व्यवहार पर सर्वे करेगी तथा एक रोडमैप तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी। केंद्र सरकार इसी के तहत भविष्य की पोषाहार योजनाएं बनाएगी।
यह भी पढ़ें- हर साल बचाई जा सकती हैं लाखों ज़िंदगियां
More Stories