बीएचयू में लाठीचार्ज पर पहली बड़ी कार्रवाई, हटाए गए लंका के एसओ और भेलूपुर के सीओ और एसीएम

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   25 Sep 2017 8:47 AM GMT

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बीएचयू में लाठीचार्ज पर पहली बड़ी कार्रवाई, हटाए गए लंका के एसओ और भेलूपुर के सीओ और एसीएमबीएचयू

बनारस। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सिंहद्वार पर छेड़छाड़ के खिलाफ चल रहे धरना-प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के मामले में उत्‍तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की है। प्रथमदृष्‍टया मामले को ठीक से हैंडल न करने के लिए लंका के थाना प्रभारी, भेलूपुर के सर्किल अधिकारी और एक एडिशनल सिटी मजिस्‍ट्रेट (एसीएम) को हटा दिया गया है।

बीएचयू में छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज पर सरकार की ओर से यह पहली कार्रवाई हुई। बीचयू के पास लंका थाने के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया। जैतपुरा के थानाध्यक्ष संजीव मिश्रा लंका क्षेत्र के नए थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। इसके साथ ही लंका थाना क्षेत्र के अंदर आने वाले भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी हटा दिया गया है। वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है।

वीसी बोले- बाहरी लोगों ने कराई हिंसा

बीएचयू के कुलपति गिरीश चंद्र ने हिंसा को बाहरी लोगों की साजिश बताया। उनका कहना है कि इस पूरे आंदोलन विश्वविद्यालय के छात्रों की सहभागिता बिल्कुल कम थी। ये काम उन लोगों का है जो विश्वविद्यालय की अप्रोच और ऑब्जेक्टिव को पसंद नहीं करते। वीसी ने माना कि 21 सितंबर को एक लड़की के साथ छेड़खानी की घटना हुई और इसकी शिकायत थाने में दर्ज कर ली गई है।

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क्यों हुआ आंदोलन?

हिंसा तब हुई जब गुरुवार को हुई कथित छेड़खानी का विरोध कर रहे कुछ छात्र शनिवार रात विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलना चाहते थे। बनारस हिंदू विश्विद्यालय में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ छेड़खानी हुई थी। छेड़खानी की घटनाओं के विरोध में बीएचयू की छात्राएं प्रदर्शन कर रही थीं। प्रदर्शन कर रही छात्राएं कुलपति से सुरक्षा को लेकर आश्वासन की मांग कर रही हैं।

प्रदर्शनकारी छात्राओं का आरोप है कि कुछ लड़के उनके हॉस्टल की बाहर खड़े रहते हैं। खिड़कियों से पत्थर में लेटर लिखकर भेजते हैं। इतना ही नहीं ये लड़के लड़कियों को गंदे गंदे इशारे भी करते हैं। विरोध करने पर धमकी दी जाती है।

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