बेकार के पचड़ों से बचना है तो सोशल मीडिया पर झूठी ख़बरों सेे दूर रहें...

सोशल मीडिया का कैसे बेहतर उपयोग करें और खुद को झूठी खबरों से कैसे बचें। इन सभी चीजों की जानकारी देने के लिए ग्रामीण भारत का सबसे बड़ा मीडिया प्लेटफार्म और फेसबुक दोनों ने मिल कर एक मुहीम शुरू की है 'मोबाइल चौपाल'।

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   30 July 2018 12:53 PM GMT

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बेकार के पचड़ों से बचना है तो सोशल मीडिया पर झूठी ख़बरों सेे दूर रहें...

लखनऊ। आज रात 12 बजे पृथ्वी के पास से एक ऐसा पिंड गुजरने वाला है, जिसकी किरणे धरती को नुकसान पहुचायेगी, इसलिए इस समय कृपया बाहर न निकलें। यह खबरें अपने लोगों को जरूर भेजें। इस तरीके की झूठी खबरें आपके पास जरूर आती होंगीं है और भावनाओं में बहकर अपनों की भलाई के लिए बिना जांचे-परखे लोगों को भेज देते है।

सोशल मीडिया की आभासी दुनिया में आपका स्वागत है। यहां आप नए लोगों को जोड़ सकते है, उनसे बात कर सकते है। इतनी खूबियों वाली सोशल मीडिया का प्रयोग हम सिर्फ मौज मस्ती के लिये कर रहे हैं। व्हाट्सऐप का उपयोग सुबह की गुड मॉर्निंग से लेकर रात की गुड नाईट तक ही सीमित है। सोशल मीडिया का प्रयोग हम सकरात्मक कार्यो के लिए कर पांए तो परिणाम जरूर बेहतर होंगे।

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सोशल मीडिया का कैसे बेहतर उपयोग करें और खुद को झूठी खबरों से कैसे बचें। इन सभी चीजों की जानकारी देने के लिए ग्रामीण भारत का सबसे बड़ा मीडिया प्लेटफार्म और फेसबुक दोनों ने मिल कर एक मुहीम शुरू की है 'मोबाइल चौपाल'। मोबाइल चौपाल में गाँव रथ गाँव, शहर, स्कूल और कॉलेज सभी जगहों पर जाकर लोगों को जागरूक कर रहा है।


रूरल मीडिया प्लेटफार्म गाँव कनेक्शन और फेसबुक के साझा प्रयास से आज उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस पी जी कॉलेज में आज "मोबाइल चौपाल का आयोजन किया गया। कॉलेज में मोबाइल चौपाल के दौरान गाँव कनेक्शन की टीम ने छात्राओं को बताया कि झूठी और सच्ची खबरों को कैसे पहचाने, कैसे किसी भी फेक न्यूज़ पहचानने के लिए गूगल पर जाकर खबर वैरिफाई करें।

सेशन के दौरान एक छात्रा ने पूछा कि जब फर्जी खबरें फेसबुक और व्हाट्सऐप पर ट्रोल होती है तो उन पर लगाम क्यों नही लगाती है। इस पर टीम ने छात्राओं को बताया कि इस पर व्हाट्सऐप काम कर रहा है, कई सेफ्टी फीचर ऐड किये है। जागरूकता ही इसका बचाव है तो आप लोग समझें और औरों को भी इसके बारे में बताएं।

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नेताजी सुभाषचन्द्र बोस पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ अनुराधा तिवारी ने मोबाइल चौपाल देखने के बाद कहा, "सोशल मीडिया पर हजारों ,लाखो की संख्या में अराजक तत्व सक्रिय हैं कही लड़के ,लड़कियों की फोटो और नाम से नकली आईडी बनाये हुए हैं। कुछ लोग सिर्फ फेक न्यूज़ फैलाकर व्यवस्था बिगाड़ने के लिए बैठे है। जानकारी के अभाव में किशोर से युवावस्था में कदम रखने वाले छात्र-छात्राये इन अराजक तत्वों कस शिकार हो जाते है। ऐसे में मोबाइल चौपाल जैसे कार्यक्रम बदलाव की दिशा में एक अच्छा कदम है। ऐसे कार्यक्रम सबसे पहले हमारे कॉलेज में हो।

कॉलेज की कार्यक्रम अधिकारी प्रो. रश्मि विश्नोई, "इतनी रोचक तरीक़े मोबाइल चौपाल के माध्यम से गांव कनेक्शन ने छात्राओं को जो जानकारी दी है इससे जो छात्रायें आज कार्यक्रम में मौजूद थी। मुझे विश्वास है कि ये लोग अब फेक न्यूज शिकार नहीं होंगी। ऐस कार्यक्रम का हम हमेशा स्वागत करते है और अगर इस तरह का कोई प्रोग्राम गांव कनेक्शन लखनऊ में करें तो ये हमारे कॉलेज में सबसे पहले हों।


      

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