सोनभद्र जा रही थीं प्रियंका गांधी, पुलिस ने बीच रास्ते में रोक हिरासत में लिया
गाँव कनेक्शन 19 July 2019 7:43 AM GMT
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रही थीं, लेकिन रास्ते में ही उनके काफिले को रोक दिया गया। उनके काफिले को नारायणपुर पुलिस स्टेशन के पास रोका गया. इसके बाद प्रियंका नारायणपुर में ही धरने पर बैठ गईं।
धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी ने कहा कि ''हम बस पीड़ित परिवार से मिलना चाहते हैं। मैंने तो यहां तक कहा कि मेरे साथ सिर्फ 4 लोग होंगे। फिर भी प्रशासन हमें वहां जाने नहीं दे रहा है। प्रशासन को हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है। हम यहां शांति से बैठे रहेंगे।''
Priyanka Gandhi Vadra in Narayanpur: Just want to go and meet families of victims(Sonbhadra firing case),I even said will take only 4 ppl with me.Yet administration is not letting us go there.They should tell us why we are being stopped.We will continue to sit here peacefully pic.twitter.com/ICkI2AZAEH
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019
धरने पर बैठने के बाद पुलिस ने प्रियंका गांधी को हिरासत में ले लिया और उन्हें चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया। हिरासत में लिए जाने पर प्रियंका ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि कहां ले जाया जा रहा है, लेकिन वे जहां ले जाएंगे हम जाने को तैयार हैं, लेकिन झुकेंगे नहीं। राज्य की कानून व्यवस्था बहुत खराब है।'
Priyanka Gandhi Vadra in Narayanpur on if she has been arrested: Yes, we still won't be cowed down. We were only going peacefully to meet victim families(of Sonbhadra firing case). I don't know where are they taking me, we are ready to go anywhere.' pic.twitter.com/q1bwkucl0g
— ANI UP (@ANINewsUP) July 19, 2019
इससे पहले प्रियंका गांधी ने वाराणसी के ट्रामा सेंटर में सोनभद्र की घटना में घायलों से मुलाकात की थी। इस दौरान सोनभद्र हत्याकांड के घायलों के परिजनों ने प्रियंका गांधी से आपबीती सुनाई।
बता दें, बुधवार को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के मूर्तिया गांव में जमीन विवाद को लेकर 10 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसमें 28 लोग घायल भी हो गए थे। ग्रामीणों के मुताबिक इस विवाद की जड़ एक जमीन है जो कि मूर्तिया गांव के बाहरी इलाके में है। इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के नाम है। ग्राम प्रधान ने करीब 100 बीघा जमीन खरीदी थी। इसी जमीन पर ग्रामीण पहले से खेती करते आ रहे थे। बुधवार सुबह प्रधान इस जमीन पर कब्जा करने के लिए करीब 200 लोगों और 32 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचा और जमीन जोतने की कोशिश की, इसके बाद विवाद बढ़ गया, जिसमें हुई फायरिंग में 10 लोगों की मौत हो गई।
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