देवां जहां होली के रंग में टूट जाती हैं धर्म की दीवारें

Arun MishraArun Mishra   25 March 2019 11:56 AM GMT

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देवां (बाराबंकी)। हम आप में जिन लोगों ने होली पर रंग खेला होगा ज्यादातर का दूसरे दिन ही उतर गया होगा। लेकिन कुछ होली ऐसी होती हैं जिनकी रंगत शायद ही कभी उतरे। ऐसी ही एक होली उत्तर प्रदेश की एक दरगाह में खेली जाती है। अबीर और गुलाल के बीच सौहार्द के रंग बरसते हैं। यहां मानवता की मिसाल पेश की जाती है।

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के देवां कस्बे में स्थित हाजी वारिस अली शाह की दरगाह पर इस वर्ष भी जमकर होली खेली गई। हिन्दू मुस्लिमों के साथ भारी संख्या में सिख भी यहां होली खेलने पहुंचे।

होली खेलने के लिए बाराबंकी और उत्तर प्रदेश ही नहीं कई दूसरे राज्यों के लोग भी हाजी अली की दरगाह पहुंचते हैं। रंग में सराबोर दिल्ली के परमजीत सिंह बताते हैं, "हम पिछले कई सालों से देवा होली मनाने आते हैं। यहां की होली देखकर बड़ा सुकून मिलता है।"


परमजीत के मुताबिक इस जगह पर धर्म की दीवारें टूट जाती हैं। मजहब यहां की होली में फीका पड़ जाता है। वो कहते हैं, "यहां मुसलमान भाई, हिन्दू भाई से रंग लगवाने में अपने आप को खुशनसीब समझता है।"

कोलकाता के अब्दुल कय्यूम वारसी को होली पर देवां आते 8 साल हो चुके हैं। वो हमेशा होली यहीं करना चाहते हैं। देवां का परंपरागत होली का जुलूस कौमी एकता गेट से शुरू होकर मजार परिसर पर खत्म होता है।होली खेलने और देखने के लिए त्यौहार के कई दिन पहले से जायरीनों का आना शुरू हो जाता है।

  

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