जोधपुर: काजरी में लाल खजूर की बहार, गेहूं-चावल से भी ज्‍यादा है फायदेमंद

Moinuddin ChishtyMoinuddin Chishty   1 July 2019 7:16 AM GMT

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जोधपुर: काजरी में लाल खजूर की बहार, गेहूं-चावल से भी ज्‍यादा है फायदेमंद

जोधपुर। खजूर का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। इसे खाने से बहुत से रोगों की रोकथाम होती है, यह बहुत ही लाभकारी फल होता है। इसका उपयोग मेवे के रूप में भी किया जाता है। वहीं जोधपुर में खजूर का पूरा बागीचा बना हुआ है जो लाल फलों से लदा हुआ है।

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान काजरी में एक हैक्टर में उत्तक संवर्द्धन (टिश्यू कल्चर) तकनीक द्वारा तैयार खजूर के लगभग 150 पौधे लगे हुए हैं। खजूर की एडीपी-1 प्रजाति के पौधे पांच वर्ष पूर्व आनन्द कृषि विश्वविद्यालय गुजरात से लाकर लगाए गए थे। आज खजूरों का यह बगीचा लाल फलों से लदा हुआ है।

काजरी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ आरके कौल ने बताया कि काजरी फार्म पर यह पौधे सितम्बर 2014 में लगाए गए थे। लगभग ढाई सालों बाद इनमें खजूर फल आना शुरू हो गए थे। उचित रखरखाव, सिंचाई और उर्वरकों का प्रयोग करके खजूर में पौधों से 50 साल तक भरपूर उपज ली जा सकती है। पिछले वर्ष लगभग 3000 किलो खजूर का उत्पादन हुआ था, जबकि इस बार उपज बढकर लगभग 6000 किलो तक पहुंचने की सम्भावना है।




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इसका लाभ बढ़ते क्रम में मिल रहा है। शुष्क क्षेत्र में अच्छे फल उत्पादन के लिए एडीपी-1 प्रजाति सफल साबित हुई है। प्रत्येक पौधे पर लगभग 50 से 70 किलो तक खजूर लगी हुई है। खजूर में पुष्पण होने पर नर के पौधों से पराग लेकर मादा के फूलों में हाथों द्वारा परागण क्रिया करना जरूरी है। यह प्रक्रिया हर वर्ष करनी होती है। एक हेक्टेयर में लगभग 7 नर पौधे होने चाहिए।

शुष्क एवं अर्धशुष्क जलवायु तथा 8.0 से 8.5 पीएच वाली मृदा में इसकी खेती की जा सकती है। खजूर के पांव पानी में और सिर धूप में रहता है। तेज गर्मी के साथ इसको पानी भी चाहिए।

खजूर की पौष्टिकता...

खजूर में 3000 कैलोरी उर्जा प्रति किलो होती है, जबकि जौ, गेहूं की चपाती, पके हुए चावल में यह लगभग 700 और 1200 कैलोरी प्रति किलो होती है। खजूर में 44-88 फीसदी शक्कर, 4.4-11.5 फीसदी फाईबर, 15 प्रकार के मिनरल्स, 41-58.8 ओलिक एसिड सहित 7 प्रकार के विटामिन पाए जाते हैं।

काजरी निदेशक डॉ ओपी यादव ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान में खजूर की खेती लोकप्रिय हो रही है। यह किस्म जल्दी पकने वाली किस्म है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बरसात आने से पूर्व पक जाती है। इसकी पैदावार भरपूर है, कलर अच्छा है तथा गुणवत्ता एवं मिठास भी बहुत है। मार्केट में कीमत भी अच्छी मिल रही है। मानव स्वास्थ्य के लिये ऊर्जा का अच्छा स्त्रोत है।

खजूर पर नेटवर्क प्रोजेक्ट बीकानेर, जोधपुर एवं आनन्द में चल रहा है जिसका परिणाम भी उत्साहजनक हैं। किसानों के लिए इसकी बागवानी अच्छी है। आमदनी भी काफी हो जाती है। खजूर फल की भारत में खपत ज्यादा होने से आयात होता है। देश में इसका एरिया एवं उत्पादन बढ़ता है तो आयात की आवश्यकता नहीं रहेगी।





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खजूर है पौष्टिक गुणों से भरपूर...

काजरी निदेशक डॉ ओपी यादव का कहना है कि राजस्थान के शुष्क एवं अर्धशुष्क क्षेत्र की जलवायु खजूर की खेती के लिए उत्तम है। ताजा खजूर खाने के फायदे तो हम सभी जानते हैं। इसके सेवन से शरीर को उर्जा मिलती है। कब्ज ठीक होती है, रक्त बढ़ता है।

ताजे खजूर का सेवन स्वस्थ गर्भावस्था को बढ़ावा देता है, हृदय को स्वस्थ रखता है साथ ही तांत्रिक तंत्र को भी ठीक रखता है। खजूर के फल पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं, इसमें प्रचुर मात्रा में कार्बोहाटड्रेट होता है तथा उर्जा के लिए यह तैयार आहार पोषण है जो मानव स्वास्थय के लिए बहुत उपयोगी है। ताजे फलों को खाने के अलावा विभिन्न प्रसंस्कृत उत्पाद जैसे कि छुहारा, कैण्डी आदि भी बनायी जा सकती है, जिसकी मांग हमेशा रहती है।


   

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