श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मात्र 6. 5 प्रतिशत मतदान 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   9 April 2017 9:25 PM GMT

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श्रीनगर लोकसभा  उपचुनाव में मात्र 6. 5 प्रतिशत मतदान श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में वोट देने के लिए लाइन में लगे लोग।

श्रीनगर (भाषा)। श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में मात्र 6. 5 प्रतिशत मतदान हुआ है। इस सीट पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं।

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मुख्य चुनाव अधिकारी शांतमनु ने पत्रकारों को बताया कि बडे पैमाने पर हिंसा के बीच इस सीट पर मात्र 6. 5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। हिंसा में छह नागरिकों की जान गई है। उन्होंने बताया कि हिंसा में 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं।

यह पूछे जाने पर कि कितने मतदान केंद्रों पर वह पुनर्मतदान का आदेश देने की उम्मीद करते हैं, अधिकारी ने कहा कि यह 50 से 100 के बीच, या इससे अधिक मतदान केंद्रों पर हो सकता हैं। शांतमनु ने बताया कि दक्षिण कश्मीर की अनंतनाग लोकसभा सीट कहीं अधिक बड़ी चुनौती पेश करेगी जहां 12 अप्रैल को उपचुनाव होने का कार्यक्रम है, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के छोटे भाई तसदुक मुफ्ती अनंतनाग से अपने चुनावी सफर की शुरुआत कर रहे हैं।

श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट उपचुनाव में हिंसा, छह मरे


श्रीनगर-बडगाम संसदीय सीट पर उपचुनाव के लिए रविवार को हुए मतदान के दौरान हुई हिंसा में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए। कुछ मतदान केंद्रों पर भीड़ ने हमले की कोशिश की। हिंसा के कारण इस उपचुनाव में मात्र 6.5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो तीन दशक में राज्य का सबसे कम मतदान प्रतिशत है।

यह लोकसभा क्षेत्र तीन जिलों श्रीनगर, बडगाम और गांदरबल में फैला हुआ है। पूरे क्षेत्र में व्यापक तौर पर हिंसा की खबर है, और पुलिस ने कहा कि इस दौरान मध्य कश्मीर में हिंसा की लगभग 200 घटनाएं घटीं।

सुबह मतदान शुरू होने के साथ मतदान केंद्रों के बाहर बहुत कम मतदाता दिखे। इस दौरान नारेबाजी करती भीड़ ने बडगाम में मतदान केंद्रों पर हमला किया, ईवीएम क्षतिग्रस्त कर दिए और मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने प्रारंभ में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए चेतावनी स्वरूप हवा में गोलियां चलाई, लेकिन जब इसका असर नहीं हुआ तो सीधे भीड़ पर गोलीबारी की गई, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई।

पुलिस ने कहा कि दो प्रदर्शनकारियों की मौत चरार-ए-शरीफ विधानसभा क्षेत्र के दलवान गांव में हुई, जबकि तीन अन्य की मौत बीरवाह में और एक की वाथुरा इलाके में हुई।

पुलिस अधिकारी ने कहा, "सुरक्षा बलों ने मतदान कर्मियों की हिफाजत के लिए गोलीबारी की।" उन्होंने कहा कि भीड़ ने कई मतदान केंद्रों पर हमले की कोशिश की और ईवीएम क्षतिग्रस्त कर दिए।

सात प्रतिशत मतदान राज्य में पिछले 27 वर्षों का सबसे कम मतदान है। इसी संसदीय क्षेत्र में 2014 के आम चुनाव में 26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

पिछले वर्ष जुलाई में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद उपचुनाव के रूप में कोई पहला चुनाव हुआ है। वानी के मारे जाने के बाद भड़की अशांति में पांच महीनों के दौरान 100 से अधिक लोग मारे गए थे।

“यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन था। 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। मतदान 7.09 प्रतिशत हुआ।”
शांतमनु मुख्य निर्वाचन अधिकारी

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उनके 20 वर्षों के राजनीतिक जीवन में उन्होंने ऐसी चुनावी हिंसा नहीं देखी। उन्होंने ट्वीट किया, "20 वर्षो मे छह चुनाव लड़ा, लेकिन कश्मीर में इस स्तर की चुनावी हिंसा नहीं देखी।"

उमर ने हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर आरोप लगाया कि वह मतदान के अनुकूल वातावरण नहीं मुहैया करा पाईं। उमर ने कहा, “महबूबा मुफ्ती इस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। यह कुप्रबंधन है।”

अलगाववादियों के चुनाव के बहिष्कार के आह्वान के बाद शनिवार देर शाम घाटी में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी और सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

इस सीट पर मुख्य मुकाबला विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नाजिर अहमद खान के बीच था। जबकि यहां कुल नौ उम्मीदवार मैदान में थे। पिछले वर्ष विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता पर किए गए कथित जुर्म के विरोध में पीडीपी नेता तारिक हमीद कर्रा ने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी।

                

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