अब एक सीमा से ज्यादा प्याज भंडारण नहीं कर पाएंगे व्यापारी, प्याज की कीमतों पर लगाम लगाने की तैयारी में सरकार
आज से देश में प्याज की स्टॉक सीमा लागू कर दी गई, अब थोक और खुदरा व्यापारी एक लिमिट से ज्यादा प्याज का भंडारण नहीं कर पाएंगे।
Divendra Singh 23 Oct 2020 1:01 PM GMT
प्याज की कीमतें फिर आसमान छूने लगी हैं। नाशिक की मंडियों में शुक्रवार को प्याज थोक में 100 रुपए किलो बिक गया। जिसके बाद आशंका है कि फुटकर में 100 रुपए के आसपास बिक रहा प्याज और महंगा हो सकता है। चुनावी माहौल में प्याज की कीमतों को देखकर केंद्र से लेकर राज्य सरकारों हड़कंप दिख रहा है। केंद्र प्याज पर फिर स्टॉक लिमिट लगा दी है, छत्तीसगढ़ में कलेक्टर्स को कीमतों पर निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है तो तेलंगाना ने आशंका जताई है कि उनके यहां अगले महीने प्याज की किल्लत हो सकती है।
प्याज की बढ़ती कीमतों को कम करने और जमाखोरी रोकने के लिए सरकार नए नियम ला रही है। इसमें थोक विक्रेताओं के प्याज स्टॉक की लिमिट को 25 मीट्रिक टन और खुदरा व्यापारियों के लिए प्याज स्टॉक की लिमिट दो मीट्रिक टन निर्धारित कर दी है।
प्याज की बढ़ी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पहले बाहर से प्याज आयात करने के निर्देश दिए थे, अब सरकार ने स्टॉक लिमिट सीमित कर दी है। उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव लीना चंदन ने कहा, "केंद्रीय सरकार ने सभी राज्यों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्याज की आपूर्ति की है। अब तक राज्यों को 35 हजार मीट्रिक टन प्याज कीमतों में निश्चित स्थिरता बनाए रखने के लिए दिया गया था।"
We have imposed stock limit of onion effective from today. A notification has been issued. Stock limit for wholesaler is 25 metric tons and for retailers it is 2 metric tons: Leena Nandan, Secretary, Consumer Affairs Department pic.twitter.com/nwg7KDGzn2
— ANI (@ANI) October 23, 2020
उपभोक्ता मामले मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार आज 23 अक्टूबर को रायपुर में प्याज का खुदरा रेट 80 प्रति रूपए किलो जबकि थोक में 7000 रुपए प्रति कुंतल रहा, पणजी में 90 रुपए खुदरा और 7750 रुपए कुंतल थोक, मुंबई में 97 रुपए खुदरा जबकि 7000 रुपए कुंतल थोक, कोलकाता में 80 रुपए खुदरा और 7200 रुपए कुंतल थोक, पांडिचेरी में 100 रुपए खुदरा और 9000 रुपए कुंतल थोक, बेंगलुरु में 105 रुपए खुदरा और 8800 रुपए कुंतल थोक जबकि दिल्ली में 58 रुपए खुदरा और 4550 रुपए प्रति कुंतल भाव रहा।
"बेमौसम बारिश के कारण बर्बाद हुई प्याज की फसल, जमाखोरों की वजह से अचानक प्याज की क़ीमतों में उछाल आयी है जमाखोरों पर भी कार्रवाई की जाएगी।" लीना चंदन ने आगे कहा।
उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा अनेकों कदम उठाये गये हैं।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 23, 2020
इनमें प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से लेकर, आयात के नियमों में ढील, और बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति जैसे कदम शामिल हैं।
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प्याज की कीमतों को घटाने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात को भी कम कर दिया है। सरकार के पास एक लाख टन मीट्रिक टन का बफर स्टॉक है, जिसे योजनाबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है।
उधर की प्याज की बढ़ी कीमतों से परेशान लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने और प्याज आयात करने जा रही है। 14 अक्टूबर को सरकार ने खरीफ फसल के प्याज के आगमन से पहले के ख़ाली मौसम के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा करके एक पूर्ववर्ती उपाय किया था। जिस दर से प्याज की खुदरा कीमतों में वृद्धि हुई थी, उसे कुछ हद तक कम किया गया था। लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों में भारी बारिश की वजह से खरीफ की फसलों, संग्रहित प्याज और बीज नर्सरी भंडारण को नुकसान पहुंचा था। मौसम में आये हुए इन बदलावों के बाद ही प्याज की कीमतों में काफी तेज वृद्धि हुई है।
प्याज के आयात को 15 दिसंबर 2020 तक सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने आयात के नियमों में भी बदलाव किए हैं। भारतीय उच्च आयोगों को संबंधित देशों में निर्देश दिया गया है कि, वे देश में प्याज के अधिक आयात के लिए व्यापारियों से संपर्क करें। आयातित प्याज की ऐसी खेप जो पीएससी पर प्रभाव के लिए धूम्रीकरण और पुष्टि के बिना भारतीय बंदरगाहों तक पहुंचती है, तो उसका धूम्रीकरण भारत में एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से आयातक द्वारा किया जाएगा। खेप में अगर डंठल और सूत्रकृमि या प्याज भुनगा का पता चलता है, तो धूम्रीकरण के माध्यम से इसे समाप्त कर दिया जाएगा और जारी की जाने वाली खेप पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जायेगा। आयातकों से एक वायदा भी लिया जाएगा कि, प्याज का उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाएगा न कि उत्पादन और प्रसार के लिए। खपत के लिए आने वाली प्याज की ऐसी खेप को पीक्यू के आदेश 2003 के तहत आयात की शर्तों में गैर अनुपालन के कारण चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क के अधीन नहीं लाया जाएगा।
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