वन रक्षकों की बहादुरी और कठिन परिश्रम की अनकही कहानियां अब दी स्लो ऐप पर
वन रक्षकों की बहादुरी और कठिन परिश्रम की अनकही कहानियों को आप तक पहुंचाने के लिए भारतीय वन सेवा संघ (IFSA) ने नीलेश मिसरा के स्लो कंटेट प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
Subha Rao 28 Feb 2021 7:45 AM GMT

कभी-कभी सोशल मीडिया पर हम इंसानों और जंगली जीवों के बीच के संबंधों पर दिल को छू जाने वाली कहानियां देखते हैं। दरअसल उनका कनेक्शन वन विभाग से होता है। अवैध शिकार या तस्करी को रोकते समय घायल होना या अपने प्राणों की आहूति देने वाले वन कर्मियों के बारे भी हमने पढ़ा है।
कभी-कभी जंगली जीवों की सुरक्षा करना वन कर्मियों के खिलाफ हो जाता है जिसके घातक परिणाम भी देखने को मिलते हैं।
ऐसी सभी खबरें समाचारों में संक्षेप वाले कॉलम में प्रकाशित होती है। हम मुश्किल से ही यह जान पाते हैं कि वन कर्मी गहरे जंगल या किनारों पर क्या करते हैं। वन सेवा का हिस्सा होने के नाते ये लोग जो करते हैं, उसके लिए इन्हें क्या प्रेरित करता है? जंगल की रक्षा करने वाले लोगों के परिवार क्या करते हैं?
उम्मीद है कि यह जल्द ही बदल जाएगा। वन कर्मियों के संघर्षों, उनके बलिदानों के बारे में हम बहुत जल्द बहुत कुछ जान सकेंगे।
वन रक्षकों की बहादुरी और कठिन परिश्रम की अनकही कहानियों को आप तक पहुंचाने के लिए भारतीय वन सेवा संघ (IFSA) ने नीलेश मिसरा के स्लो कंटेट प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
भारतीय वन सेवा, तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है जिसका गठन भारत सरकार ने 1966 में अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1951 के तहत किया था। भारतीय वन सेवा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय वन नीति का कार्यान्वयन है जो वनों के वैज्ञानिक प्रबंधन और इसके स्थायी उपयोग की परिकल्पना करता है। भारतीय वन सेवा संघ देश के भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करता है और वन कर्मियों के कल्याण को सुनिश्चित करने और देश की पारिस्थितिक सुरक्षा की रक्षा करते हुए क्षेत्र के वनकर्मियों द्वारा किए गए विभिन्न चुनौतीपूर्ण कार्यों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम करता है।
यह भी पढ़ें- 'अगर वो हाथी बेजुबान न होता तो ज़रूर पूछता... फैसला कौन करेगा?'
स्लो कंटेट ऑडियो स्टोरीटेलिंग, सेलिब्रिटी इंटरव्यू (द स्लो इंटरव्यू और द स्लो कैफे) के माध्यम से ऐसे वीडियो और ऑडियो सामग्री बनाता रहा है जो दर्शकों और श्रोताओं को वापस उनकी जड़ों की ओर ले जाता है और उन्हें पुराने दिनों की याद दिलाता है। स्लो कंटेंट प्रा. लिमिटेड नई प्रतिभाओं (माइक) और ग्राहकों की जरूरतों के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म है। इसकी स्थापना नीलेश मिसरा द्वारा की गई है जो एक अद्भुत स्टोरीटेलर हैं, जिन्होंने देश में कहानी कहने की प्रथा को पुनर्जीवित किया और लगातार नए और सामाजिक रूप से प्रभावशाली विचारों को लाखों लोगों तक पहुंचा रहे हैं जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
स्लो कंटेंट प्रा. लिमिटेड और भारतीय वन सेवा संघ का एक साथ आना देश की प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में शामिल भारत के ग्रीन सोल्जर्स की कड़ी मेहनत, बलिदान और वीरता की अनकही कहानियों को लोगों तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय वन सेवा संघ अपने ट्वीटर हैंडल से अक्सर ऐसी कहानियां शेयर करता रहता है।
Shri Gaurav Kumar, Forest Guard gave supreme sacrifice while doing his duty. He was chased by an elephant at Beriwada Range of Rajaji Tiger Reserve. His sacrifice and dedication for the duty will always be remembered. #GreenSoldier @tsrawatbjp @PrakashJavdekar @moefcc
— IFS Association (@CentralIfs) February 20, 2021
इस समझौते से स्लो ऐप भारतीय वन सेवा संघ (IFSA) के लिए एक ऐसा समर्पित माध्यम बनायेगा, जहां नीलेश मिसरा और उनके द्वारा प्रशिक्षित अन्य कलाकार भारतीय वन सेवा के अधिकारियों, फील्ड स्टाफ के शौर्य, बलिदान और विजय की कहानियां सुनाएंगे। इसके अलावा ऐप पर विशेष रूप से बनाये गये वीडियो, पॉडकास्ट और ऑडियो कंटेट भी मिलेंगे।
भारतीय वन सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ. एसपी यादव ने अपने संबोधन में कहा "भारतीय वन सेवा संघ का एक उद्देश्य वन, वन्यजीव और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और सुरक्षा के लिए वन रक्षकों द्वारा निभाई जाने वाली विविध भूमिकाओं के बारे में समाज को जागरूक करना है। हमें खुशी है कि नीलेश मिसरा के स्लो ऐप के साथ हमारा संबंध सिर्फ हमारे अधिकारियों और ग्राउंड स्टाफ के साथ ही नहीं है, बल्कि हर समय उनके साथ खड़े उनके परिवारों की कहानियां भी दुनिया को बताई जाएंगी। "
इस मौके पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए नीलेश मिसरा (संस्थापक, स्लो कंटेंट प्रा. लिमिटेड) कहते हैं, "एक कंटेंट निर्माता के रूप में मैंने कई बार महसूस किया है कि इन वन रक्षकों की अनसुनी कहानियों को आवाज देने की जिम्मेदारी हमारी भी है। उनकी वीरता और मानवता की हर कहानी प्रेरणादायक है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचनी चाहिए। हमें गर्व है कि हम भारतीय वन सेवा संघ के सार्थक सामग्री (कंटेंट) का स्लो ऐप के माध्यम से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।" नीलेश मिसरा देश के सबसे बड़े रूरल मीडिया प्लेटफॉर्म गांव कनेक्शन के भी संस्थापक है जो ग्रामीण भारत की तस्वीर दिखाता है।
एक महीने 29 जनवरी को सीआरपीएफ जवानों के बहादुरी की प्रेरणादायक कहानियां सुनाने के लिए दी स्लो ऐप और सीआरपीएफ के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।
आईएफएस और भारतीय वन सेवा संघ के महासचिव डॉ. साकेत बडोला ने एसोसिएशन की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए कहा "हमें उम्मीद है कि यह सह-निर्मित मंच देश के जंगलों के अंदर की कई अनकही और अनसुनी कहानियों के भंडार के रूप में सामने आएगा, जहाँ हमारे ग्रीन सोल्जर्स चुपचाप काम करते हैं और हमारे भविष्य की रक्षा के लिए अपने वर्तमान का बलिदान करते हैं ।"
यह भी पढ़ें- सीआरपीएफ जवानों के बहादुरी की प्रेरणादायक कहानियां, जल्द ही The Slow App पर
इस समझौते के बाद वन अधिकारी और ग्राउंड स्टाफ वीडियो, ऑडियो और टेक्स्ट प्रारूपों में ऐप पर अपनी व्यक्तिगत प्रतिभाओं को भी दिखा पाएंगे। इसमें वे दिग्गज भी शामिल होंगे जो इस क्षेत्र से सेवानिवृत्त होने के बाद भी उसी ऊर्जा और सपर्मण भाव से विभिन्न समुदायों के लिए काम कर रहे हैं। वन रक्षकों के परिवारों के बच्चों की उपलब्धियां भी ऐप पर दिखाई जाएंगी। इसके अलावा दूसरे कंटेट भी सभी उम्र के दर्शकों और श्रोताओं के लिए प्रेरणादायक होंगे।
स्लो ऐप क्या है
स्लो ऐप एक विशेष मंच है जो एक ऐसे समुदाय के निर्माण की परिकल्पना करता है, जो उत्पादों और उत्पादों की शुद्धता में विश्वास रखता है। यह अनोखा मंच देश के सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए संपूर्ण मनोरंजन का साधन है। साथ ही बहुत जल्द यह देश भर के नवोदित कलाकारों के उनके कौशल को निखारने का भी अवसर देगा। स्लो ऐप अब एंड्रॉयड और आईफोन दोनों वर्जन में उपलब्ध है और इसमें विभिन्न प्रकार के ऑडियो, विजुअल और रीडिंग कंटेंट हैं जो सच्चाई, ईमानदारी और गुणवत्ता का वादा करता है।
इस स्टोरी को अंग्रेजी में यहां पढ़ें-
अनुवाद- संतोष कुमार
the slow app
More Stories