ट्रक से जालसाजी का खेल: सामान लोड पर रास्‍ते से गायब

Ranvijay SinghRanvijay Singh   14 March 2019 9:51 AM GMT

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ट्रक से जालसाजी का खेल: सामान लोड पर रास्‍ते से गायब

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश के जालौन के रहने वाले संजय गुप्‍ता अनाज व्यापारी हैं। बीते साल अक्‍टूबर महीने में उन्‍होंने 200 कुंटल धान एक ट्रक से हरियाणा भेजा, लेकिन यह ट्रक हरियाणा पहुंचा ही नहीं। रास्‍ते में ही ट्रक और उसपर लदा धान गायब हो गया, जिसका किसी को पता नहीं था।

संजय एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का शिकार हो गए थे जो ट्रकों पर सामान लादकर गायब कर देता था। कई राज्‍यों में अपना जाल फैलाए इस गिरोह को पुलिस ने पकड़ लिया है। फिलहाल गिरोह के पांच सदस्‍य कन्‍नौज जेल में हैं।

संजय बताते हैं, ''मैं सेंगर इं‍टरप्राइजेज के नाम से अनाज का व्‍यापार करता हूं। अक्‍टूबर के आखिरी हफ्ते में धान का सीजन था। उस समय व्‍यापार बहुत ज्‍यादा होता है। 31 अक्‍टूबर को मुझे एक ट्रक धान (200 कुंतल) हरियाणा के करनाल जिले में सीताराम राइस मिल में भेजना था। मैंने औरैया के गुप्‍ता ट्रांसपोर्ट से बात की और उन्‍होंने ट्रक (UP 75 M 8973) दिलवा दिया। यह ट्रक लोड हुआ और चला गया। उस वक्‍त मैंने कई ट्रक भेजे तो ध्‍यान नहीं रहा कि यह ट्रक पहुंचा या नहीं। इसके बाद जनवरी में जब हिसाब मिलाया तो हरियाणा के सीताराम राइस मिल में वो ट्रक पहुंचा नहीं इसकी जानकारी हुई।''

गल्‍ला व्‍यापारी संजय गुप्‍ता

संजय गुप्‍ता कहते हैं, ''मैंने यह बात गुप्‍ता ट्रांसपोर्ट के मालिक महेश चंद्र गुप्‍ता से बताई, लेकिन उन्‍हें भी इस विषय में कोई जानकारी नहीं थी। आखिर में मेरा करीब 6 लाख 30 हजार का माल गायब हो गया और उसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता था।'' संजय के साथ सिर्फ एक बार ऐसा नहीं हुआ। उनके मुताबिक, दूसरी बार उन्‍होंने कानपुर की एक ट्रांसपोर्ट कंपनी महावीर महादेव से ट्रक के लिए संपर्क किया। इस बार वो पहले से सतर्क थे तो ट्रक (UP 17 T 3887) के कागज देखे और उसे ऑनलाइन चेक भी किया। कागजी तौर पर ट्रक सही मिलने पर उसपर 6 लाख 50 हजार का धान लाद दिया गया, लेकिन इस बार भी वही हुआ, ट्रक हरियाणा नहीं पहुंचा।

संजय बताते हैं, ''दोनों लापता ट्रक में करीब 13 लाख का धान था, जिसका कुछ पता नहीं चला है। हमने जालौन पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। लेकिन पुलिस की कार्यवाही को देखते हुए नहीं लगता कि हमारा माल मिल सकेगा।''

संजय गुप्‍ता की ओर से बुक कराए गए ट्रक की रसीद।

संजय ने पहली बार गुप्‍ता ट्रांसपोर्ट से ट्रक बुक कराया था। गुप्‍ता ट्रांसपोर्ट के मालिक महेश चंद्र गुप्‍ता इस मामले पर कहते हैं, ''उस वक्‍त धान का सीजन था। ऐसे में भीड़ बहुत ज्‍यादा होती है। गाड़ियां आती रहती हैं और लोड होती रहती हैं। इसी बीच में ट्रक वाला आया और उसने मुझसे कहा कि उसे माल लोड कराना है। उसने मुझे विश्‍वास दिलाने के लिए गाजियाबाद के आशीर्वाद ट्रांसपोर्ट का नाम लिया और मेरी किसी से बात भी कराई। उस रोज भीड़ ज्‍यादा थी, ऐसे में मुझसे गलती यह हुई कि मैं विशेष गौर नहीं कर पाया।'' महेश बताते हैं वो आशीर्वाद ट्रांसपोर्ट के साथ पहले से काम करते आए हैं और ट्रांसपोर्ट का बिजनस परिचय और विश्‍वास पर चलता है। यानी एक दूसरे के नाम पर ही काम होता है।

इस सवाल पर कि क्‍या ट्रांसपोर्टर चेक नहीं करते किसकी गाड़ी है? इसपर महेश कहते हैं, ''हम तो अपने जानने वालों की ही गाड़ी लगवाते हैं। उस समय धान का सीजन था। उसने (ड्राइवर) आकर परिचय बताया कि आशीर्वाद ट्रांसपोर्ट से आया है ऐसे में हमने विश्‍वास किया और जो कागज भी देखे वो पहली नजर में गलत नहीं लगा।'' महेश कहते हैं, ''इससे पहले कभी ऐसी घटना हुई नहीं थी तो इसका अंदेशा भी नहीं था। मैंने विश्‍वास कर लिया पर धोखा खा गया।''

महेश चंद्र गुप्‍ता बताते हैं, जब हमें इस फ्रॉड का पता चला तो हमने गाड़ी नंबर से गाड़ी का पता निकाला। जानकारी हुई बड़ौत की गाड़ी थी। वहां पहुंचे तो ट्रक के मालिक ने बताया उसकी गाड़ी डेढ़ साल से खड़ी है और कहीं गई नहीं। ट्रक के मालिक ने सीसीटीवी कैमरे का हवाला भी दिया।'' महेश कहते हैं, ''कन्‍नौज में पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा है जो ट्रक सहित सामान को गायब करते थे। पुलिस ने बताया है कि यही गिरोह इसमें शामिल था।''

कन्‍नौज के सीओ सिटी श्रीकांत प्रजापति बताते हैं, ''हमें जानकारी मिली थी कि इस क्षेत्र में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो ट्रक में सामान लादकर उसे गायब कर रहा है। कन्‍नौज के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र में एक धान से भरे ट्रक के चोरी होने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद से पुलिस इस गिरोह के सदस्‍यों की तलाश में थी। सर्विलांस टीम और इंदरगढ़ पुलिस ने ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।''

श्रीकांत प्रजापति बताते हैं, ''गिरोह के लोग बहुत शातिर हैं। यह देखते थे कि कोई ट्रक खड़ा है और चलने लायक नहीं है तो उसका आरसी इंटरनेट से निकलवा लेते थे। उसी के नंबर पर पूरा कागज बन जाता है। लाइसेंस भी किसी और का था, जिसपर फोटो लगाकर प्रिंट करा देते थे। इसी तरह बीमा भी फर्जी बनाते थे, जैसे मारूती का बीमा कराया और उसपर नंबर ट्रक का डलवा दिया। ऐसे में इनके पास कागज पूरे होते थे और पहली नजर में किसी को पता ही नहीं चलता कि यह फ्रॉड करने वाले हैं।''

सीओ सिटी श्रीकांत प्रजापति ने बताया, ''तीन फरवरी 2019 को इस गिरोह ने एक ट्रक में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर हरियाणा के लिए तीन लाख 24 हजार 800 रुपए की कीमत का धान लोड किया था, जिसे बीच रास्ते में बेच दिया था। इसके बाद गल्ला व्यापारी अरविंद कनौजिया ने इंदरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके खुलासे के लिए सर्विलांस टीम और इंदरगढ़ पुलिस को लगाया गया था।''

पुलिस के द्वारा पकड़ा गया ट्रक।

''पांच मार्च को सर्विलांस टीम और पुलिस ने नौसारा पुलिया के पास घेराबंदी कर धान लादकर ले जाने वाले ट्रक को पकड़ लिया। इसमें गिरोह के दो सदस्‍य विनोद यादव और दुर्गेश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने दोनों के पास से धान की बिक्री का करीब 90 हजार रुपए नगद और एक अवैध तमंचा, दो जिंदा कारतूस बरामद किए। इनके बताने पर पुलिस ने बेला तिराहा पर खड़े गैंग के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया। उनकी पहचान प्रमोद दुबे और भूपेंद्र कुमार के तौर पर हुई। बाद में गिरोह के सरगना कृपाल सिंह उर्फ कल्लू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया। यह पांचों आरोपी जेल में हैं।'' - श्रीकांत प्रजापति ने बताया

इस गिरोह की गिरफ्तारी के बाद कन्‍नौज के एसपी ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बताया था कि, ''ठगी करने वाला यह गैंग फर्जी कागजात बनवाकर माल को ट्रक में लोड करवाता और रास्ते में सारा माल ट्रक से बाहर निकालकर बेच देते। यह गैंग 2009 से सक्रिय था। इनके पास से तीन ट्रक बरामद किए गए हैं। इन सब पर फर्जी नंबर लगे थे। इनके पास से 13 लाख रुपए की लोहे की रेलिंग भी बरामद की थी। इन लोगों ने लोहे की रेलिंग को पटना से इंदौर ले जाने के लिए लोड किया था, लेकिन इंदौर न ले जाकर बेचने की फिराक में थे।''

 

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