भीषण गर्मी में टेंट के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं ये बच्‍चे, इसकी वजह भी हैरान करने वाली

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मनीष वैद्य

मध्य प्रदेश। मध्यप्रदेश के देवास जिले में एक ऐसा स्‍कूल चल रहा है, जहां देश के भविष्य नौनिहाल टेंट के नीचे बैठकर पढ़ रहे हैं। इन बच्चों के सामने शिक्षा लेने का इससे बेहतर जरिया नहीं मिला।

यह जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर डोकर खेड़ा गांव में संचालित सरकारी स्कूल (शासकीय माध्यमिक स्कूल डोकर खेड़ा) है। यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। यहां छठी से लेकर आठवीं तक के बच्चे कई सालों से टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं।

यह शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोकर खेड़ा जन शिक्षा केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमला ताज के अंतर्गत आता है। इस स्कूल में कुल छठी से आठवीं तक छात्र-छात्राएं सहित 59 बच्चे पढ़ाई करते हैं। इसमें 2 अध्‍यापक एवं एक अतिथि शिक्षक है, स्कूल की बिल्डिंग 2007 में बनी थी लेकिन खिड़की दरवाजे एवं दीवार खड़ी करने के बाद आज तक स्कूल का छत नहीं लग पाया।

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ग्रामीणों ने बताया जिस सरपंच के कार्यकाल में यह बिल्डिंग बनी थी उस सरपंच की मौत हो चुकी है एवं मंत्री विक्रम सिंह नायक के खिलाफ इसी मामले को लेकर रिकवरी हुई थी मंत्री को कुछ दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा था। यह गांव पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी के क्षेत्र में आता है।

ग्रामीणों ने बताया कि पद पर रहते हुए हमने मंत्री जी को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया लेकिन उन्‍होंने कभी ध्यान नहीं दिया। हमने 25-9-2014 को हेल्पलाइन एवं 18-9-2018 को जनसुनवाई में ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई, लेकिन अभी तक समस्या का निराकरण नहीं हो पाया है और भवन के खिड़की दरवाजे सड़ चुके हैं। यहां तक की दीवारें भी गिरने लग गई हैं। हमारे बच्चे सालों से टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं। बारिश के मौसम में पानी आने पर या तो छुट्टी कर दी जाती है या फिर पास के निजी भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है।

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वहीं स्कूल प्रभारी सागरमल पाटीदार ने बताया कि मैं भी पिछले दो-तीन साल से बच्चों को इसी टेंट के नीचे पढ़ा रहा हूं, मुझे भी बच्चों को ऐसी गर्मी में टेंट के नीचे पढ़ाते हुए बड़ा अफसोस होता है।

इस मामले में देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे ने कहा कि ऐसी कोई सूचना हमारे पास नहीं है, जिस गांव विशेष की बात हो रही है अगर वहां कुछ कमी है तो उसे हम तत्काल उसे दुरुस्त करवाएंगे। इस मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल कार्रवाई करेंगे। उन्‍होंने कहा कि एक-दो दिन में उन बच्चों की बैठने की उचित व्यवस्था करवा दी जाएगी।


   

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