चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 12,994 करोड़ रुपए बकाया, उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान रुका
देश के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 13,000 करोड़ रुपए बकाया है। सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी। उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन के साथ-साथ बकाये के मामले में भी पहले नंबर पर है।
Mithilesh Dhar 16 Sep 2020 4:00 AM GMT
देश के गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर कुल 12,994 करोड़ रुपए बकाया है। राज्यों की बात करें तो गन्ना उत्पादन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का कुल 10,000 करोड़ रुपए का भुगतान रुका हुआ है। खाद्य व उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री डीआर दादाराव ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी।
संसद के मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार 15 सितंबर को उत्तर प्रदेश के खीरी लोकसभा से भाजपा सांसद अजय मिश्र टेनी ने गन्ना किसानों के बकाये की स्थिति का ब्योरा मांगा था।
इसके जवाब में केंद्रीय राज्यमंत्री डीआर दादाराव ने संसद को बताया कि 11 सितंबर 2020 तक चीनी सीजन 2019-20 के लिए गन्ना किसानों को 75,585 करोड़ रुपए में से 62,591 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। किसानों का 12,994 करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है।
कुल बकाया 15,683 करोड़ रुपए
दादाराव ने संसद के निचले सदन को बताया कि चीनी मिलों पर चीनी मौसम (मार्केटिंग सीजन) वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) का 548 करोड़ रुपए, 2017-18 का 242 करोड़ और 2016-17 का 1,899 करोड़ रुपए बकाया है। इस तरह चीनी मिलों पर अब तक गन्ना किसानों का कुल 15,683 करोड़ रुपए बाकी हैं।
राज्यवार बकाये की स्थिति
उत्तर प्रदेश के बजाज चीनी मिलों पर बकाया सबसे ज्यादा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, बजाज हिंदुस्तान की 14 मिलों पर सुगर सीजन 2019-20 के लिए किसानों का 5,339 करोड़ रुपए बकाया हैं। इनमें से 2,378 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है यानी कंपनी पर गन्ना किसानों का 2,961 करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है।
उत्तर प्रदेश में बजाज चीनी मिलों की स्थिति जिलावार
केंद्रीय मंत्री दादाराव ने आगे बताया कि चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान करना एक सतत प्रक्रिया है। हालांकि पिछले चीनी मौसम के दौरान अधिशेष चीनी उत्पादन के कारण चीनी की कीमतों में मंदी रही जिससे चीनी मिलों को नकदी की स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, जिसके कारण किसानों की गन्ना मूल्य बकाया राशि में बढ़ोतरी हुई।
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