पिछले साल की तुलना में ज़्यादा होगा चीनी का उत्पादन, इंडियन शुुगर मिल एसोसिएशन का अनुमान

इस्मा का अनुमान है कि चालू सत्र में चीनी का कुल उत्पादन 302 लाख टन तक हो सकता है जबकि चीनी सीज़न 2019-20 में उत्पादन 274.2 लाख टन ही था

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sugar production, isma, sugar industryइस चीनी सत्र के शुरुआती चार महीने में चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।

अक्टूबर 2020 में शुरू हुए चीनी सत्र के शुरुआती चार महीने में देश में चीनी का उत्पादन रिकॉर्ड 176.6 लाख टन हुआ है। पिछले साल इसी दरमियान यह उत्पादन 141 लाख टन था, चीनी मिलों के सबसे बड़े संगठन इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने यह जानकारी दी।

इस्मा ने ईमेल के ज़रिये बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी के उत्पादन में 25.37 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हालांकि चीनी की बिक्री में कोई फ़र्क नहीं पड़ा है। इस साल भी अक्टूबर-दिसंबर के दौरान चीनी की बिक्री पिछले साल के बराबर लगभग 67.5 लाख टन रही।

इस्मा का अनुमान है कि चालू सत्र में चीनी का कुल उत्पादन 302 लाख टन तक हो सकता है जबकि चीनी सीज़न 2019-20 में उत्पादन 274.2 लाख टन ही था। इस्मा ने यह भी बताया कि मौजूदा सत्र में अभी देशभर में 491 चीनी मिलों में पेराई का काम चल रहा है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 447 मिलें ही चल रही थीं।

देश के सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन इस साल थोड़ा कम हो सकता है, जबकि महाराष्ट्र में तेजी रहेगी।

पिछले अनुमान को कम किया

इस्मा ने जनवरी 2021 के अंत में चालू सत्र में चीनी उत्पादन के अपने पहले अनुमान में 8 लाख टन की कमी कर 302 करोड़ टन कर दिया था। इससे पहले अक्टूबर 2020 में इस्मा ने चालू सत्र के लिए 310 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया था। कम करने के बावजूद भी यह अनुमान पिछले चीनी सत्र 2019-20 के उत्पादन, दो करोड़ 74.2 लाख टन से ज्यादा है।

यह भी पढ़ें- बजट 2021-22: शुगर मिलों के लिए करोड़ों का पैकेज, लेकिन उन किसानों को क्या मिला जिनका पैसा चीनी मिलों ने रोक रखा है?

इस्मा ने यह भी बताया कि चालू सत्र (अक्टूबर से सितंबर) में एथेनॉल उत्पादन के लिए लगभग 20 लाख टन गन्ने के रस और बी-शीरे का इस्तेमाल बढ़ेगा, इसी को ध्यान में रखते हुए चीनी उत्पादन के अनुमान को कम किया गया है।

इस्मा के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस सत्र में चीनी का उत्पादन 105 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले सत्र में यह 126 लाख टन था। दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन पिछली बार के 61.6 लाख टन की तुलना में इस सत्र में 105 लाख टन हो सकता है। चीनी उत्पादन के मामले में देश के तीसरे बड़े राज्य कर्नाटक में भी उत्पादन पिछले सत्र की अपेक्षा 34.9 लाख टन से बढ़कर 42.5 लाख टन हो सकता है।

बजट में भी चीनी मिलों के लिए सौगात

एक फरवरी 2021 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में घोषणा की कि सरकार चीनी मिलों को सहायता देने के लिए योजना लेकर आ रही है जिसके लिए 1,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा 40 लाख मीट्रिक टन चीनी स्टॉक के लिए 600 करोड़ और चीनी निर्यात के लिए शुगर मिलों के लिए 2,000 करोड़ रुपए खर्च किये जायेंगे।

  

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