चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप खारिज

सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति को चीफ जस्टिस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में कोई दम नजर नहीं आया।

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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप खारिज

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप खारिज हो गया है। सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति को जांच के बाद आरोपों में कोई दम नजर नहीं आया और समिति ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। हालांकि इस मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल के कार्यालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि "आंतरिक प्रक्रिया के हिस्से के रूप में गठित समित की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी।"

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी इस नोटिस में कहा गया है कि आंतरिक जांच समिति ने आंतरिक प्रक्रिया के अनुरूप पांच मई, 2019 को न्यायमूर्ति बोबडे के बाद के वरिष्ठ न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट की एक प्रति संबंधित न्यायाधीश और प्रधान न्यायाधीश को भी भेजी गई है।


गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर अपना हलफनामा भेजा था। इसके बाद न्यायालय ने न्यायमूर्ति बोबडे की अध्यक्षता में एक आंतरिक जांच समिति का गठन किया था। इस समिति में दो महिला न्यायाधीशों न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इन्दिरा बनर्जी-को शामिल किया गया था। समिति के समक्ष आरोप लगाने वाली महिला कर्मचारी ने दो दिन अपने बयान दर्ज कराए थे। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई भी समिति के समक्ष पेश हुए थे।

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