मॉब लिंचिंग : हिंसा रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिया अलग कानून बनाने का निर्देश
भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के लिए केंद्र से कठोर कानून बनाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि किसी को भी कानून को हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।
गाँव कनेक्शन 17 July 2018 6:20 AM GMT
नई दिल्ली। देश में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या यानी मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा आदेश दिया है। भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे रोकने के लिए केंद्र से कठोर कानून बनाने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने ऐसी घटनाओं की पुरजोर निंदा करते हुए कहा, किसी को भी कानून हाथ में लेने का हक नहीं है। इसे रोकने के लिए देश की संसद विचार करे और कानून बनाए।
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Violence by vigilante groups/cow vigilantism: Supreme Court says, "no citizen can take law into their own hands. In case of fear and anarchy, the state has to act positively. Violence can't be allowed." pic.twitter.com/ryE18JbTCP
— ANI (@ANI) July 17, 2018
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देशभर में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा, 'कोई भी कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता। ऐसी घटनाओं की वजह से किसी भी तरह की अराजकता या भय की स्थिति में सरकार को सकारात्मक ढंग से काम करने की जरूरत है। हिंसा की अनुमति नहीं दी जा सकती।'शीर्ष अदालत ने सरकार से कहा कि अगर ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए नए कानून की जरूरत है तो इसे बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को जिम्मेदार ठहराया। कोर्ट ने इस संबंध में सरकारों से चार सप्ताह के भीतर इन निर्देशों को लागू करने और इस पर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा।मामले की अगली सुनवाई अब 28 अगस्त को हेागी। कोर्ट ने साफ कहा कि यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून एवं व्यवस्था से जुड़ी मशीनरी लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था को बचाए रखने के लिए सही ढंग से काम करे। शीर्ष अदालत ने साफ कहा कि भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को 'सामान्य' घटना बनने नहीं दिया जा सकता।
#Poll भीड़ द्वारा की गई हिंसा पर क्या फांसी जैसी सजा का भी प्रावधान होना चाहिए ? #MobLynching #SupremeCourt
— GaonConnection (@GaonConnection) July 17, 2018
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हाल में हुए लिंचिंग के मामले
-14 जुलाई कर्नाटक के बीदर जिले में 'बच्चा चोरी' के शक में 32 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर और हैदराबाद के मलकपेट निवासी मोहम्मद आजम अहमद की पीट-पीट कर हत्या कर दी। उनके तीन अन्य साथी इस घटना में बुरी तरह घायल हो गए।
-1 जुलाई को चेन्नई में बिहारी मजदूर बी गोपाल साहू और के विनोद बिहारी को लोगों ने बच्चे का अपहरण करने के शक में बुरी तरह पीट दिया।
-1 जुलाई को ही महाराष्ट्र के धुले में 5 लोगों को बच्चा चुराने के शक में पीट-पीट कर मार दिया गया।
- 29 जून को त्रिपुरा में यूपी के रहने वाले सब्जी बेच रहे शख्स को बच्चा चुराने के शक में भीड़ ने लिंच कर दिया।
- 27 जून को मध्य प्रदेश में भीड़ ने इसी शक में एक शख्स को पीट-पीट कर मार दिया।
- गोवा में रहने वाले नीलोत्पल दास (29) और उनके मित्र अभिजीत नाथ (30) आठ जून की रात असम के कार्बी आंगलांग में बच्चा चुराने के शक में पीट-पीट कर मार दिया गया।
- झारखंड के सिंहभूम जिले में हुईं अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 9 लोगों ने ऐसी घटनाओं में अपनी जान गंवा दी थी।
-पिछले दो महीनों में भारत में 15 लोगों को भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। असम, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, महाराष्ट्र, बंगाल, तेलंगाना में ऐसी दो-दो घटनाएं और गुजरात और कर्नाटक में एक-एक घटना सामने आई है।
-2018 में अब तक 21 लोगों को बच्चा चुराने के शक में लिंच कर दिया गया।
-अकेले ओडिशा में पिछले 30 दिन में हमले की ऐसी 15 घटनाएं हुई हैं, जिनमें कुल 28 लोगों के साथ मारपीट की गई।
-महाराष्ट्र में बीते 25 दिनों में 14 लिंचिंग की घटनाओं में 9 मौतें हुई हैं और 60 लोग गिरफ्तार हुए हैं।
-गौमांस और बच्चा चुराने के शक में साल 2015 से अब तक लिंचिंग के जरिए 100 से ज्यादा मौतें दर्ज।
साभार: एजेंसी
फेक न्यूज के खिलाफ गांव कनेक्शन चला रहा है मोबाइल चौपाल
मॉब लिंचिंग यानी, भीड़ के द्वारा की गई ज्यादातर वारदात में सोशल मीडिया ने खतरनाक रोल निभाया। पिछले हफ्ते मोहम्मद आजम नामक के शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। आजम और उसके दोस्तों पर बच्चा चोरी करने की कोशिश का आरोप था। व्हाट्सअप पर वीडियो जारी होने के बाद ग्रामीणों ने उसे पीट-पीट कर मार डाला। जबकि वो बच्चे को चॉकलेट देकर फोटो खीच रहा था, ऐसे कई वाक्ये हो चुके हैं जब फेसबुक और व्हाट्सअप जैसे सोशल साइट्स पर भड़काऊ पोस्ट, या झूठी पोस्ट के चलते हंगामा हुआ, हत्याएं हुईं। फेक न्यूज भारत समेत पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका है। इससे लोगों को बचाने के लिए गांव कनेक्शन और फेसबुक ने मिलकर साझा मुहिम 'मोबाइल चौपाल' शुरु की है। गांव कनेक्शन का मोबाइल रथ गांव-गांव कस्बों और छोटे शहरों में घूम-घूम कर छात्र-छात्राओं और इंटरनेट उपभोक्ताओं को जागरुक कर रहा है।
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