सुरेश प्रभु ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कार्यभार संभाला 

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सुरेश प्रभु ने वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कार्यभार संभाला केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पदभार ग्रहण करते हुए

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री का पदभार ग्रहण कर लिया। उनसे पहले यह पदभार निर्मला सीतारमण के पास था जिन्हें पदोन्नत कर रक्षा मंत्री बनाया गया है।

प्रभु वाणिज्य मंत्रालय का पद ऐसे समय में संभाल रहे हैं जब निर्यात की वृद्धि कम हो रही है। जुलाई में निर्यात वृद्धि गिरकर आठ महीने के निचले स्तर 3.94 प्रतिशत पर आ गयी जबकि सोने का आयात बढ़ने से व्यापार घाटा 11.44 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मंत्रालय के तहत काम करने वाला औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मामलों को देखता है। वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही में एफडीआई 37 प्रतिशत बढ़कर 10.4 अरब डॉलर हो गया है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनने के बाद सुरेश प्रभु ने कहा कि हर काम अहम होता है। हर काम में बराबर की जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि वह अपने नए काम को एक अवसर के रूप में देखते हैं और देश का तीव्र आर्थिक विकास सुनिश्चित करना चाहते हैं।

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रविवार को हुआ कैबिनेट विस्तार और फेरबदल

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के लगभग 40 माह बाद रविवार को कैबिनेट में तीसरा विस्तार एवं फेरबदल किया गया जिसके तहत चार मंत्रियों का दर्जा बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री और नौ नये राज्य मंत्रियों को शामिल किया गया हैं। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय और पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है।

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मोदी मंत्रिपरिषद में कुल सदस्यों की संख्या 76

ताजा विस्तार के बाद मोदी मंत्रिपरिषद में अब 27 कैबिनेट, 11 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 37 राज्य मंत्री समेत कुल सदस्यों की संख्या 76 हो गई। उमा भारती से जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय ले लिया गया है और उन्हें पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। धर्मेन्द्र प्रधान का दर्जा बढ़ाकर कैबिनेट मंत्री किया गया है और उन्हें पेट्रोलियम मंत्रालय के अलावा कौशल विकास मंत्रालय का प्रभार दिया गया। सुरेश प्रभु से रेल मंत्रालय का प्रभार लेकर उन्हें उद्योग और वाणिज्य मंत्री बनाया गया है।

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