हरियाणा के रेवाड़ी जिले से शुरू हुई स्वराज यात्रा, देखिए वीडियो

यात्रा के दौरान ग्रामीण अंचल की परेशानियों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, ग्रामीण युवाओं की समस्याओं से रूबरू होने के साथ ही उनके मुद्दों पर गाँवों में चौपाल भी आयोजित होगी।

Divendra SinghDivendra Singh   1 July 2018 12:00 PM GMT

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स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने स्वराज यात्रा की शुरूआत रेवाड़ी जिले के मनेठी गाँव से शुरू कर दी है, ये यात्रा आठ जुलाई तक चलेगी। यात्रा के दौरान ग्रामीण अंचल की दुश्वारियों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, ग्रामीण युवाओं की समस्याओं से रूबरू होने के साथ ही उनके मुद्दों पर गाँवों में चौपाल भी आयोजित होगी।

'स्वराज यात्रा' नामक यह कार्यक्रम 1 जुलाई से 9 जुलाई तक रेवाड़ी के अलग-अलग गाँवो से होते हुए अपने अंतिम पड़ाव चिल्हड़अड्डा पहुंचेगी। यात्रा के दौरान ग्रामीण अंचल की दुश्वारियों, किसानों, मजदूरों, महिलाओं, ग्रामीण युवाओं की समस्याओं से रूबरू होने के साथ ही उनके मुद्दों पर गाँवों में चौपाल भी आयोजित होगी। स्वराज यात्रा संघर्ष के साथ साथ रचनात्मक संदेश भी देगी। यात्रा का प्रत्येक दिन एक थीम आधारित भी है मसलन पानी के जोहड़ (तालाब) बचाना, गांवों के पास से शराब के ठेके हटाएं जाएँ, फ़सल बीमा भंडाफोड़ दिवस, महिला किसान दिवस आदि।

रेवाड़ी से शुरू हुई यात्रा में योगेन्द्र यादव ने कहा, "सरकारी आंकड़ो के मुताबिक़ वर्ष 2006 में 62 लाख लीटर शराब पी जाती थी जबकि वर्ष 2016-17 में यह बढ़कर 1 करोड़ 26 लाख लीटर तक पहुँच गई। ये कैसी तरक़्क़ी है कि पेयजल कम होता जा रहा है और शराब हवाई गति से बढ़ रही है।"

स्वराज यात्रा के प्रथम दिन को शंखनाद दिवस नाम दिया गया है। स्वराजी शकुंतला ने किसानों के अतीत, वर्तमान व भविष्य के प्रतीक स्वरूप तीन बार शंखनाद किया। स्वराज यात्रा को लेकर गाँवों में भरपूर उत्साह देखने को मिल रहा है। यात्रा को गाँव की महिलाओं, मजदूरों, किसानों, युवाओं समेत हर वर्ग का भरपूर समर्थन मिल रहा है।

मनेठी गाँव में ग्रामवासियों को सम्बोधित करते हुए योगेन्द्र यादव ने यात्रा को लेकर अपने विचार गाँव वालों से साझा किया। उन्होंने बताया कि इस स्वराज यात्रा का उद्देश्य अपने देश के गांव, खेत, किसान, नौजवान व उनकी संस्कृति जानने-समझने की चेष्टा है। हम अपनी इस स्वराज यात्रा के माध्यम से मुख्यतः चार बातें रखना चाहते हैं:

1. किसान की फसल का पूरा वाजिब दाम मिले

2. हर हाथ को काम व पूरी मजदूरी मिले

3. जलसंरक्षण के लिए गांव के जोहड़ को पुनर्जीवित किया जाए

4. घर परिवार व गांव की खुशहाली के लिए गांवों को नशामुक्त किया जाए

आज देश के सामने दो रास्तें हैं। एक तो नौजवान और किसान हैं और दूसरा है हिन्दू और मुसलमान। पहले मुद्दे पर विचार - चिंतन कर उनके बेहतरी के कुछ कार्य किए जाए तो देश का भला होगा। यदि दूसरे मुद्दे पर देश उलझ गया तो भारी नुकसान होगा। हमे यह भी समझना है।

यात्रा के दौरान योगेन्द्र यादव ने देश व खेती-किसानी, गाँव के लिए अपना कीमती 2 साल देने के लिए तैयार स्वराज योगियों को शपथ भी दिलाई। उन्होंने कहाकि आपका दो साल गाँव और देश की बेहतरी के लिए होगा। हर उम्र के लोगों में स्वराज योगी बनकर देश के लिए कुछ करने का उत्साह दिखाई पड़ा, महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

यह यात्रा ग्राम मनेठी से शुरू होकर कुंड, पाडला,बसदुदा नागल जमालपुर, ढाणी कोलाना,ढाणी राधा व अन्य गांवों से हो रात्रि में ग्राम बालवाड़ी में विश्राम करेगी। यात्रा को स्थानीय स्तर पर व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। स्थानीय लोगों के साथ इस यात्रा में देश के अन्य प्रांतों के किसान नेता भी शामिल है।

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स्वराज यात्रा" में आठ राज्यों के किसान नेता भी जुड़ रहे हैं। यह यात्रा का प्रथम चरण है जिसका विस्तार देश के अन्य भू-भाग में होगा। योगेन्द्र यादव ने हर गांव से एक "स्वराज योगी" की अपील जो जीवन के दो साल इस मिशन में दे सके। युवाओं से "स्वराज यात्रा" के साथ जुड़ने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि यह यात्रा भाषण देने के लिए नहीं गाँवों को जगाने के लिए है इसलिए युवा ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाकर कर्मयोगी बनें। हमें विश्वास है कि इस यात्रा से गाँवों की सेवा के लिए अनेकों कर्मयोगी हमारें बीच होंगें।

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