1000 रुपए की उधारी न चुका पाने के कारण बुजुर्ग को 10 साल तक बनाए रखा बंधुआ मजदूर

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
Wood cutters,Vellore,tamil nadu,kancheeppuram,bonded labourers, बंधुआ मजदूर, तमिलनाडु में बंधुआ मजूदर, bonded labourers

लखनऊ। तमिलनाडु के वेल्लोर और कांचीपुरम जिले से राजस्व विभाग ने बुधवार को 42 लोगों को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराया। मुक्त कराये लोगों में 70 वर्षीय एक बुजुर्ग भी हैं जिन्हें 1000 रुपए न चुका पाने के कारण 10 साल से बंधुआ मजदूर बनाये रखा गया था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार 42 लोगों में 16 बच्चे भी शामिल हैं जिनसे पिछले पांच वर्षों से लकड़ी के कारखानों में काम कराया जा रहा था। ये बंधुआ मजदूर न तो कहीं आ जा सकते थे और न ही इनके बच्चों को स्कूल जाने की आजादी थी।

एक खूफिया जानकारी के बाद सब कलेक्टर कांचीपुरम ए सर्वनन और सब कलेक्टर रानीपेट इलमभवथ ने एक ही समय पर इन दो ठिकानों पर छापे मारकर इन लोगों को आजाद कराया।

इस रेस्क्यू ऑपरेशन के हिस्सा रहे एक अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि बंधक बनाये गये लोग आपस में रिश्तेदार थे। इसलिए अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में सबुह 9:30 बजे ये छापेमारी की और लोगों को छुड़ाया।

बचाए गये मजदूरों में 70 साल के काशी भी है। मजदूरों एसोसिएशन के गोपी ने बताया कि अधिकारियों की देखरेख में लगभग 70 साल के काशी अधिकारियों के पैर में गिर गये और खुद को बचाने की गुहार लगाने लगे। गोपी ने ही अधिकारियों को बंधुआ मजदूरों की जानकारी दी थी।

काशी को पिछले 10 साल से बंधुआ बनाये रखा गया था। 1000 रुपए की उधारी न चुका पाने के कारण उन्हें बंधक बनाये रखा गया था।

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.