तमिलनाडु हिंसा : ये है तूतीकोरिन के वेदांता कॉपर प्लांट में बवाल की वजह
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ तूतीकोरिन में हुई हिंसा पर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है जिसमें प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में एक लड़की समेत दस लोगों की मौत हुई है।
गाँव कनेक्शन 23 May 2018 12:11 PM GMT
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ तूतीकोरिन में हुई हिंसा पर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है जिसमें प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में एक लड़की समेत दस लोगों की मौत हुई है। मंत्रालय के अनुसार, जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। वेदांता समूह द्वारा संचालित स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को बंद करने की मांग को लेकर हजारों प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने तब गोली चलाई जब उन्होंने कथित तौर पर जिला कलेक्ट्रेट पर हमला किया और वाहनों को आग लगाई। लोगों का आरोप है कि यह इलाके को प्रदूषित कर रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।
#WATCH Protest held in Tuticorin demanding ban on Sterlite Industries, in wake of the pollution created by them #TamilNadu pic.twitter.com/23FWdj1do5
— ANI (@ANI) May 22, 2018
तमिलनाडु में मंगलवार को वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक लड़की समेत नौ लोगों की मौत हो गई। आस-पास के क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने इस कंपनी को बंद करने की मांग को लेकर कथित रूप से डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट पर हमला कर दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसूगैस के गोले छोड़े। प्रदर्शकारी नहीं रुके, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद भी हिंसा जा रहने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी। कंपनी ने यहां चार लाख टन प्रति वर्ष स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा की थी, जिसके खिलाफ यहां लोग बीते 100 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं जो मंगलवार को हिंसक हो गया। लोगों में इस परियोजना से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई है। प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण करते हुए कई वाहनों में आग लगा दिया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। कलेक्ट्रेट के आस-पास का क्षेत्र युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया। काला धुआं उठते हुए देखा गया। पुलिस ने जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया।
Tamil Nadu CM announces compensation of Rs 10 Lakh each for those killed during protest in Tuticorin and Rs 3 Lakh each for the injured, government jobs for the family members of the deceased also announced. An inquiry commission will be set up for investigation into the incident
— ANI (@ANI) May 22, 2018
इससे पहले भी हो चुका है बंद
वेदांता स्टरलाइट की कॉपर प्लांट से प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख टन कॉपर कैथोड का उत्पादन किया जाता है। इस प्लांट का संचालन लंदन में लिस्टेड वेदांता लिमिटेड की इकाई वेदांता लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इस कॉपर प्लांट को 27 मार्च को 15 दिनों तक मेंटेनेंस के लिए बंद कर दिया गया था। दरअसल वेदांता इस प्लांट की क्षमता में इजाफा करते हुए इससे लगभग 8 लाख टन कॉपर कैथोड का उत्पादन करना चाहती है। 27 मार्च को प्लांट से उत्पादन बंद होने के बाद तमिलनाडु पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने अप्रैल से प्लांट को दोबारा शुरू करने के लाइसेंस को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि वेदांता ने पर्यावरण बचाव के क्षेत्रीय कानून का उल्लंघन किया है। यह पहला मौका नहीं है जब इस कॉपर प्लांट को बंद किया गया है। इससे पहले 2013 में भी प्लांट को कई हफ्तों के लिए तब बंद किया गया था।
लोगों का कहना, इस प्लांट से वायु प्रदूषण हो रहा
यहां के लोग स्टरलाइट कॉपर स्मेलटिंग प्लांट को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि इस प्लांट की वजह से वायु प्रदूषण हो रहा है। स्थानीय लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं और भूगर्भ जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है।घटना की निंदा करते हुए द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा कि पुलिस ने अत्याचार किया है। अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है।मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, "(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी। अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा। आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है।" रजनीकांत ने कहा, "यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है।"
राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
विपक्षी पार्टियों ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। एक पार्टी ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी के इस्तीफे की मांग की है।मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी ने घटना के बाद मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है और कहा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा, "इस मामले में सरकार लोगों की इच्छाओं का सम्मान करती है। करीब 20,000 लोगों ने कंपनी के खिलाफ रैली निकाली और लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के कार्यालय में तोड़-फोड़ के दौरान पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिस वाहनों को जला दिया। पुलिस इसे नियंत्रित नहीं कर सकी, इसलिए उसे कुछ कार्रवाई करनी पड़ी।"सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आस-पास के जिलों से पुलिस को भेजा गया है।
साभार: एजेंसी
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