तांत्रिक चंद्रास्वामी का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

Anusha MishraAnusha Mishra   23 May 2017 6:31 PM GMT

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तांत्रिक  चंद्रास्वामी का  निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातेंचंद्रास्वामी

लखनऊ। विवादास्पद तांत्रिक और धार्मिक गुरु चंद्रास्वामी का आज निधन हो गया है। 66 वर्ष के चंद्रस्वामी काफी समय से बीमार चल रहे थे। लंबे समय से डायलिसिस पर चल रहे चंद्रास्वामी नरसिम्हा राव के काफी करीब थे और इसी कारण वह पहली बार चर्चा में भी आए थे। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी की मूर्ति को दूध पिलाने का भ्रम इन्हीं ने पूरी दुनिया में फैलाया था।

उनका नाम ज्योतिष और तंत्र मंत्र के अलावा राजनीतिज्ञों से दोस्ती, हथियार बेचने वालों से संबंधों और नरसिम्हा राव के नाम पर सौदेबाजी के कारण काफी चर्चा में रहा। चंद्रास्वामी का असली नाम नेमि चंद्र जैन था, बाबा बनने के बाद उसने अपना नाम बदल लिया था। चंद्रास्वामी दिल्ली आ गए और उस समय युवा कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता रहे महेश जोशी के बंगले के बाहर नौकरों वाले क्वार्टर में उन्हें जगह मिल गई थी।

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कांग्रेसी नेता जब तक उनके साथ रहे चंद्रास्वामी का सिक्का चलता रहा लेकिन कांग्रेसी नेताओं से संबंध खराब होने के बाद उनके बुरे दिन शुरू हो गए। उन्हें एक बार जेल भी जाना पड़ा। जानिए उनकी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में जिन्होंने उन्हें इतना चर्चित बना दिया...

राजीव गांधी हत्याकांड में हाथ का आरोप

चंद्रास्वामी पर राजीव गांधी हत्याकांड के अभियुक्तों की मदद करने का आरोप लगा था। राजीव गांधी हत्याकांड की जांच करने वाले जैन कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में चंद्रास्वामी का हाथ बताया था।

इनकम टैक्स का छापा

चंद्रास्वामी के आश्रम पर इनकम टैक्स का छापा पड़ा था जिसमे मशहूर हथियार तस्कर अदनान खशोगी को 11 मिलियन डॉलर की भारी भरकम रकम अदायगी के सबूत मिले थे।वह सत्ता के गलियारों में फंसे काम चुटकी बजाते ही कर देते थे। फेरा के आधा दर्जन से ज्यादा मामले चंद्रास्वामी के खिलाफ चल रहे थे।

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री भी थीं चंद्रास्वामी की भक्त

ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर भी चंद्रास्वामी की भक्त थीं। 1975 में वे ब्रिटेन में थे और उन्होंने थैचर से मुलाकात कर भविष्यवाणी कर दी थी कि वे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनेंगी और ऐसा ही हुआ। इस बारे में भारत के पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने अपनी किताब 'वॉकिंग विद लॉयन्स- टेल्स फ्रॉम अ डिप्लोमेटिक पास्ट' में किया है।

नरसिम्हा राव से दोस्ती

नरसिम्हाराव जब आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे तो उसी दौराने चंद्रास्वामी उनसे मिला था। दो-चार मुलाकातों के बाद उसने राव को प्रभावित कर दिया था। शायद यही वजह थी कि उसे हैदराबाद युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया था।

मां काली के भक्त

1948 में जन्में चंद्रास्वामी का असल नाम नेमि चंद्र जैन था। वे जन्म से जैन थे, लेकिन बचपन में ही घर छोड़ दिया था और बाद में तपस्या कर सिद्धी हासिल कर ली थी। वे मां काली के भक्त थे। वह खुद को अमर मुनि नामक एक साधु के शिष्य बताते थे। उनका दावा था कि वह बिहार-नेपाल सीमा पर तांत्रिक साधना करके लौटे हैं।

भक्तों की फेहरिस्त में कई चर्चित नाम

ब्रूनई के सुल्तान, बहरीन के शेख इसा बिन सलमान अल खलिफा, पूर्व ब्रिटिश पीएम मार्ग्रेट थेचर, हरियारों के सौदागर अदनान खशोगी, एक्ट्रेस एलिजाबेथ टेलर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम भी चंद्रास्वामी से परामर्श लेते थे। भारत में नरसिम्हा राव, नटवर सिंह, टीएन शेषन से लेकर राजेश खन्ना और आशा पारिख तक चंद्रास्वामी के भक्तों में शामिल थे।

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