तेलंगाना विधानसभा चुनाव: के. चंद्रशेखर राव की सत्ता में क्यों हुई वापसी
के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए तेलुगुदेशम पार्टी छोड़ी और तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी का गठन किया।
Ranvijay Singh 11 Dec 2018 9:52 AM GMT
लखनऊ। तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजों के रुझान आने शुरू हो गए हैं। रुझानों में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने राज्य में जोरदार वापसी की है। तेलंगाना में सरकार बनाने के लिए 60 सीटें चाहिए, लेकिन टीआरएस को इससे कहीं ज्यादा सीट मिलती दिख रही है। टीआरएस को मिले इस जन समर्थन के पीछे उससे संस्थापक के. चंद्रशेखर राव की मेहतन है। उन्होंने राज्य में बुनियादी जरूरतों को लेकर काम किया और उसका असर चुनाव में देखने को मिला है।
के. चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने तेलंगाना राज्य के गठन के लिए तेलुगुदेशम पार्टी छोड़ी और तेलंगाना राष्ट्र समिति पार्टी का गठन किया। राज्य के गठन के लिए उन्होंने अमारण अनशन किया, जिसके बाद 2 जून 2014 को तेलंगाना राज्य वजूद में आया। इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ही बने, जिन्हें लोग प्यार से 'केसीआर' कहते हैं।
केसीआर ने सत्ता में आने के बाद राज्य में लोगों की बुनियादी जरूरतों को लेकर काम करना शुरू किया। उन्होंने पैसा, शादी, मकान और पानी को लेकर काम किया। वो किसानों को उनकी जमीन के आधार पर रुपए देने की स्कीम लेकर आए। ये स्कीम पुरानी एमएसपी और अन्य सब्सिडी व्यवस्था से एक कदम आगे थी। इसके तहत किसानों को उनके फसल के सीजन के आधार पर रुपए दिए जाते हैं। एक एकड़ पर 4000 रुपए देने का प्रावधान है। ये रुपए साल में दो बार खरीफ और रबी के सीजन में दिया जाता है। ऐसे में किसान को एक एकड़ जमीन पर 8000 रुपए साल में मिलना तय है। अगर किसी किसान के पास 5 एकड़ जमीन है तो साल में 40 हजार रुपए उसे मिलेंगे। ये किसानों के लिए बड़ी राहत है।
TRS President and Telangana caretaker Chief Minister K Chandrashekhar Rao wins from Gajwel constituency by over 50,000 votes. #TelanganaElections2018 (file pic) pic.twitter.com/UXP5UYOrnd
— ANI (@ANI) December 11, 2018
इसी तरह लोगों को छत देने के लिए भी केसीआर ने वादा किया था। केसीआर ने पिछले विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि वो गरीबों को 2 बीएचके अपार्टमैंट देंगे। ये वादा पूरी तरह से पूरा तो नहीं हुआ, हां इस स्कीम को लेकर निर्माण कार्य चल रहा है। ऐसे में लोगों ने उनपर विश्वास जताया है और इस काम को पूरा करने के लिए उन्हें फिर से सत्ता सौंपी है।
केसीआर ने शादी को लेकर भी एक योजना तैयार की। कल्याण लक्ष्मी नाम की इस योजन के तहत मुस्लिम परिवारों को उनके घरों में शादी के लिए 1 लाख रुपए देने की योजना है। इस योजना का लाभ राज्य में रह रहे मुस्लिम परिवार ले रहे हैं। ऐसे में उन्हें यहां के मुसलमानों का भी समर्थन है। इसके साथ ही तेलंगाना राष्ट्र समिति बुजुर्ग, विकलांग और विधवाओं को पेंशन भी देती है। इनमें से कोई न कोई हर घर में मौजूद होता है, ऐसे में इस पार्टी की पहुंच आम जनमानस तक सीधे है। ये बात राज्य के विधानसभा चुनाव के वोट शेयर से भी जाहिर हो रही है। जहां टीआरएस को आधे से ज्यादा वोट मिलते दिख रहा है।
इसी विश्वास के चलते के. चंद्रशेखर राव ने समय से 8 महीने पहले ही विधानसभा भंग कर चुनाव में जाने का निर्णय लिया था। उसके बाद से ही वो चुनाव की तैयारियों में जुट गए थे। हालांकि उनकी राह को रोकने के लिए विपक्ष ने महा गठबंधन भी बनाया था। विपक्षी गठबंधन को 'प्रजा कुटमी' यानी पीपल्स अलायंस के तौर पर जाना गया। इसमें कांग्रेस, टीडीपी, टीजेएस, सीपीआई शामिल हैं। लेकिन ये गठबंधन भी उनकी राह नहीं रोक पाया।
बता दें कि तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों पर 7 दिसंबर को वोटिंग हुइ थी। 73.20 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इनमें से करीब आधे वोट टीआरएस को मिलते दिख रहे हैं।
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