अटल बिहारी वाजपेयी के वे 10 बड़े फैसले जिन्होंने बदली देश की सूरत

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अटल बिहारी वाजपेयी के वे 10 बड़े फैसले जिन्होंने बदली देश की सूरत

लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब हमारे बीच नहीं हैं। एम्स में उन्होंने आखिरी सांस लीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अजातशुत्र बताया। उन्हें देखने के लिए सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के तमाम नेता पहुंचे। वो एक ऐसे नेता थे, जिन्हें विपक्ष भी अपना नेता मानता था।

प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए जो भारत के इतिहास में अाज भी स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं और रहेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी भारत के राजनीतिक इतिहास में एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्हें विरोधी भी पसंद करते हैं। तो आइये नजर डालते हैं उनके 10 ऐसे फैसलों पर जिसने भारत की तस्वीर बदलकर रखी दी।

1-सरकार बनने के तीन महीने बाद ही परमाणु परीक्षण

बात 1998 की है। अटल सरकार को बने हुए भी तीन महीना ही हुआ था बावजूद इसके उन्होंने परमाणु परीक्षण का फैसला लिया। 1974 में इंदिरा गांधी ने भी ये प्रयास किया था लेकिन तब भारत को सफलता नहीं मिली थी। अमेरिकी खूफिया एजेंसी सीआईए की नजर भारत की गतिविधियों पर थीं। 11 और 13 मई को राजस्थान के पोखरण में भारत ने दोबारा परमाणु परीक्षण किया और इस बार सफलता मिल ही गई। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की निगरानी में भारत ने अमेरिका के सैटेलाइट को चकमा देते हुए इस परीक्षण को अंजाम दिया। हालांकि बाद में वाजपेयी ने ये साफ शब्दों में कहा था कि हम परमाणु का इस्तेमाल नहीं करेंगे।

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2-'स्वर्णिम चतुर्भुज' योजना

1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने ही देश के चार बड़ शहर दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता को जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज योजना की शुरूआत की। इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य 2006 तक था लेकिन पूरा हुआ 2012 में। इस योजना के तहत देश के इन चारों महानगरों को हाईवे नेटवर्क से जोड़ा गया। इसके तहत 5846 किमी लंबी सड़क का निर्माण हुआ जिसमें लगभग 6 खरब रुपए का खर्च आया।

३-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना

अटल जी ने गांवों को सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया था। उन्हीं के शासनकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरूआत हुई थी। इसी योजना की बदौलत आज लाखों गांव सड़कों से जुड़ पाए हैं। इस योजना का प्रमुख उद्देश्‍य, 'ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले (पहाड़ी और रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में 250 लोगों की आबादी वाले गांव) सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ना है।'


4- चांद पर भारत

2003 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत के पहले चंद्र मिशन की घोषणा की थी। चंद्रयान 1 को 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया जिसका लक्ष्य जानकारी जुटाना था।

5- 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा

अटल सरकार ने ही इस ओर अमल किया था। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को मूर्त रूप दिया था जिसके तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने की कवायद की गयी। इसके साथ ही शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया गया। अटल जी ने गांवों को सड़क से जोड़ने का काम शुरू किया था। उन्हीं के शासनकाल के दौरान प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरूआत हुई थी। इसी योजना की बदौलत आज लाखों गांव सड़कों से जुड़ पाए हैं। इस योजना का प्रमुख उद्देश्‍य, 'ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक आबादी वाले (पहाड़ी और रेगिस्‍तानी क्षेत्रों में 250 लोगों की आबादी वाले गांव) सड़क-संपर्क से वंचित गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ना है।'


6- निजीकरण के पक्षधर

वाजपेयी हमेशा से इस बात के पक्षधर थे कि बिजनेस में सरकार की भूमिका कम से कम होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने अपनी सरकार में अलग से विनिवेश मंत्रालय बनाया। मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली पहले विनिवेश मंत्री थे। सबसे अहम फैसला भारत एल्युमीनियम कंपनी और हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड और वीएसएनएल में विनिवेश का था।

7-दिल्ली से लाहौर तक की बस सेवा

अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के पक्षधर थे। इसकी पहल उन्होंने तब की थी जब मोरारजी देसाई की सरकार में वे विदेश मंत्री थे। और जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने दिल्ली से लाहौर के लिए बस सेवा शुरू की और खुद बस से लाहौर गये। 2001 में संसद हमले के बाद दस सेवा को रोक दिया गया जिसे 2003 में फिर शुरू किया गया।

8- राजकोषीय घाटे को कम करने की पहल

वाजयेपी सरकार ने सरकारी खर्चो को वाजिब बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया। उन्होंने राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए राजकोषीय जवाबदेही एक्ट बनाया। इससे पब्लिक सेक्टर सेविंग में बढ़ोतरी दर्ज की गई। यह वित्त वर्ष 2000 में जीडीपी के -0.8 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2005 में 2.3 फीसदी तक पहुंच गया।

9- संचार क्रांति से बदली देश की सूरत

अटल सरकार ने को देश में संचार क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। टेलीकॉम नीतियों में बदलाव करते उन्होंने कंपनियों को फिक्स्ड लाइसेंस फीस को खत्म कर दिया और उसकी जगह रेवेन्यू शेयरिंग की व्यवस्था शुरू की। उन्होंने ही 15 सितंबर 2000 को बीएसएनएल का गठन किया।

10- रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी को नई बुलंदी दी

भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं करने देगा, मुशर्रफ को ये बयान देने के लिए मजबूर होना पड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी ने ही लुक-ईस्ट नीति की नींव रखी थी। अमेरिका और इजराइल जैसे नए सहयोगी जुटाने और पुराने दोस्त रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी को नई बुलंदी पर ले जाने का खाका अटल सरकार की ही सोच थी।


    

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