प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए भारत में भी दौड़ेंगी बिजली से चलने वाली कारें  

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए भारत में भी दौड़ेंगी बिजली से चलने वाली कारें  प्रतीकात्मक तस्वीर 

लखनऊ। देश में अगले बारह वर्षों में संभव है कि सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक वाहन ही दौड़ते दिखायी दें। नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान अगले तीन वर्षों में सात मिलियन इलेक्ट्रिक कार बनाने के बारे में सोच रहा है। सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों का प्लान 2030 बनाया गया है।

भारत सरकार की ओर से वर्ष 2015 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (एनईएमएमपी) 2020 का समर्थन किया था। इस दौरान एनर्जी सिक्योरिटी, वाहन प्रदूषण के मुद्दे को संबोधित किया गया था। नीति आयोग की ओर से वर्ष 2030 तक डीजल और पेट्रोल चालित गाडियों को बैन करने का प्लान बनाया गया है। एनईएमएमपी के तहत भारी उद्योग और पब्लिक इंटरप्राइजेज ने हाईब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन में तेजी लाने की बात कही गयी है।

ये भी पढ़ें-इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रणाली अपनाकर भारत ऐसे बचा सकता है 20 लाख करोड़ रूपए!!

सरकार की पहल

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार 10 हजार इलेक्ट्रिक कारों का ऑर्डर दे रही है। यह कारें सरकारी कंपनी एनर्जी एफि‍शि‍यंसी सर्वि‍सेज लि‍मि‍टेड (ईईएसएल) के कर्मचारियों को दी जाएंगी। पहले दौर की बोली लगाई जा चुकी है। टाटा मोटर्स को 250 और महिंद्रा एंड महिंद्रा को 150 कार सप्लाई करनी है।

इलेक्ट्रिक कार के जरिए प्रदूषण पर लगाम

भारत सरकार इस स्कीम के जरिए देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को बढ़ाना चाहती है । सरकार इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन यूनिटों को तेजी से क्लीयरेंस दे रही है। ऐसा करके सरकार देश में प्रदूषण समस्या को कम करना चाह रही है, साथ ही पेरिस जलवायु समझौते के तहत अपना रोल बखूबी से निभाने को लेकर प्रतिबद्धता दिख रही है। मौजूदा समय में भारत तेल की बड़ी मात्रा को आयात करता है, जिससे कि कार इंडस्ट्री चलती है। हालांकि इलेक्ट्रिक कारों के उपयोग से तेल पर निर्भरता को कम किया जा सकता है।

बड़ी कंपनियां

जापान की वाहन निर्माता कंपनी सुजुकी मोटर और टोयोटा मोटर ने भारत में तीन साल के भीतर इलेक्ट्रिक कार लाने के समझौता किया है। देश में बिकने वाला हर दूसरा यात्री वाहन मारुति सुजुकी का होता है। अगर ऐसी बड़ी कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में उतरती हैं तो ग्राहकों में उत्साह बढ़ेगा।

ये भी पढ़ें-इलेक्ट्रिक वाहन परिचालन का विस्तार करेगी लिथियम अर्बन टेक्नोलॉजीज़

चार्जिंग स्टेशन

इलेक्ट्रिक कार खरीदने वालों को सबसे बड़ी परेशानी तब आती है जब रास्ते में बैटरी खत्म हो जाए और चार्जिंग का कोई जरिया ना हो। भारतीय सरकार लोगों की इस समस्या को खत्म करने जा रही है। एनबीसीसी लिमिटेड (नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड) ने घोषणा की है कि अगले एक से डेढ़ साल के समय में देशभर में 150 बिलकुल नए इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।

2030 का लक्ष्य

सरकार ने 2030 तक सड़कों पर केवल इलेक्ट्रिक कार दौड़ाने का लक्ष्य रखा है। बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'हम बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहन पेश करने जा रहे हैं। हमारा मानना है कि है कि 2030 तक देश में एक भी पेट्रोल या डीजल कार नहीं बिकनी चाहिए।'

ये भी देखें-वायरल वीडियो : बुजुर्ग और असहाय लोगों के लिए बड़े काम की है ‘मशीन’

       

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.