नई प्रणाली से भारतीय मानसून के पूर्वानुमान में सुधार आएगा   

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
नई प्रणाली से भारतीय मानसून के पूर्वानुमान में सुधार आएगा   मानसून की सटीक जानकारी मिलेगी।

वाशिंगटन (भाषा)। वैज्ञानिकों ने भारत के ग्रीष्मकालीन मानसून की शुरुआत और इसकी समाप्ति को सटीक जानकारी देने वाला उपकरण विकसित किया है। देश में मौसम की प्रणाली के कारण सालाना लाखों लोग प्रभावित होते हैं।

अमेरिका की फ्लोरिडा स्टेट यूनविर्सटी के शोधार्थियों ने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है, जो भारत के ग्रीष्मकालीन मानसून (आईएसएम) की अवधि का आकलन करने के लिये उस इलाके में हुई कुल बारिश के आकलन का इस्तेमाल करती है। वैज्ञानिक लंबे समय से मानसून की अवधि की सटीक गणना करने वाला मॉडल तैयार करने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। शोधार्थियों ने बताया कि अभी तक विश्वसनीय ढंग से मानसून का सटीक आकलन करने वाली कोई प्रणाली नहीं है।

फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर वासु मिश्रा ने कहा, मौजूदा समय में मौसम का पूर्वानुमान एवं निगरानी करने वाली कोई भी प्रणाली किसी एक विशेष स्थान पर मानसून की शुरुआत के बारे में केंद्रित रही है। इसका प्रयोग विशेष रुप से देश के दक्षिण-पश्चिमी किनारे पर स्थित केरल राज्य के लिये किया जाता है, जबकि इसके बाद देश के शेष हिस्सों के बारे में अनुमान लगाया जाता है।

शोधार्थियों ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में मानसून (आईएसएम) की शुरुआत और इसकी समाप्ति के बारे में स्पष्ट एवं सटीक अनुमान की कमी के कारण लंबे समय से लोगों में मानसून को लेकर भय रहा है।

ये भी पढ़ें: अच्छे मानसून से ट्रैक्टर कम्पनियों की बल्ले बल्ले, रिकार्ड बिक्री की उम्मीद

ये भी पढ़ें: मानसून की छुट्टियों के लिए बुकिंग 27 प्रतिशत बढ़ी : सर्वे

ये भी पढ़ें:असीमा चटर्जी, विज्ञान में डाक्टरेट की उपाधि हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.