बिजली मंत्रालय नाकाम, देश के सभी गाँवों में दिसंबर 2017 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अधूरा

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
बिजली मंत्रालय नाकाम, देश के सभी गाँवों में दिसंबर 2017 तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य अधूराफोटो साभार: इंटरनेट

नई दिल्ली (भाषा)। बिजली मंत्रालय देश में बिना बिजली वाले सभी गाँवों में इस साल दिसंबर तक बिजली पहुंचाने के अपने आंतरिक लक्ष्य को पूरा करने में नाकाम रहा है। अब भी दूर दराज के लगभग 2,217 गाँव ऐसे हैं, जहां अभी बिजली नहीं पहुंचाई जा सकी है।

बिजली मंत्रालय ने पहले करने का उठाया था बीड़ा

हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए बिजली से वंचित सभी गाँवों को 1000 दिनों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, जो मई 2018 में पूरा होगा। लेकिन मंत्रालय ने खुद ब खुद इस काम को उससे पहले पूरा करने का बीड़ा उठाया था। वैसे अगर इस साल को देखा जाए तो जनवरी से नवंबर तक 3,652 गाँवों में बिजली पहुंचाई गई है।

यह भी पढ़ें: अटल बिहारी वाजपेयी विशेष : ‘हार नहीं मानूंगा, रार नई ठानूंगा’

ऐसे गाँव, जहां पहुंचने में लगता है दो दिन का समय

अधिकारियों के अनुसार, वास्तव जो भी गाँव बचे हैं, उनकी भौगोलिक स्थिति काफी कठिन है। पूर्वोत्तर के कुछ गाँव ऐसे हैं, जहां पहुंचने में दो दिन से भी अधिक समय लगता है। ऐसे में इन गाँवों तक बिजली पहुंचाने के काम में समय लग रहा है।

इन राज्यों के गाँवों में अभी पहुंचाई जानी है बिजली

मंत्रालय के अनुसार, कुल 2,217 गाँवों में से अरुणाचल प्रदेश में सर्वाधिक 1,069 गाँव हैं, जहां बिजली पहुंचाई जानी है। इसके अलावा असम (214), बिहार (111), छत्तीसगढ़ (176), जम्मू कश्मीर (99), झारखंड (176), मध्य प्रदेश (34), मणिपुर (54), मेघालय (50), मिजोरम (11), ओडिशा (182), उत्तराखंड (33) और कर्नाटक (8) में कुछ गाँव बचे हैं, जहां अभी बिजली पहुंचाई जानी है।

18,452 गाँव ऐसे, जहां 68 साल भी नहीं पहुंची बिजली

बिजली मंत्री आरके सिंह ने पिछले दिनों एक बातचीत में कहा था, हम अप्रैल 2018 तक सभी गाँवों को बिजली पहुंचाने का काम निश्चित रूप से पूरा लेंगे। सरकारी आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2015 तक कुल 18,452 गाँव ऐसे थे, जहां आजादी के लगभग 68 साल बाद भी बिजली नहीं पहुंच पाई थी। इनमें से 30 नवंबर 2017 तक 15,183 गाँवों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। वहीं बचे हुए 3,269 गाँवों में 1,052 गाँव ऐसे हैं, जहां कोई नहीं रहता। शेष 2,217 गाँव हैं, जहां बिजली पहुंचाई जानी है।

यह भी पढ़ें: अटल बिहारी वाजपेयी की ये तीन कविताएं सुनिए नीलेश मिसरा की आवाज़ में

अब एक मई 2018 का लक्ष्य

मंत्रालय ने आंतिरक तौर पर दिसंबर 2017 तक सभी गाँवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण यह पूरा नहीं हो सका। अब इन गाँवों में एक मई 2018 तक बिजली पहुंचाए जाने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री जी ने हमें मई 2018 तक का समय दिया

बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा, “हमने आंतरिक रूप से दिसंबर 2017 का लक्ष्य रखा है, लेकिन प्रधानमंत्री जी ने हमें मई 2018 तक का समय दिया है। अभी जितने गाँव बचे हैं, काफी कठिन भौगोलिक स्थिति वाले हैं। जम्मू कश्मीर के करगिल जैसे कुछ इलाके में बर्फबारी शुरू हो गई है। अरुणाचल प्रदेश में कुछ हिस्सों में बर्फबारी हो रही है। अरुणाचल में बर्फबारी वाले हिस्से को छोड़कर शेष इलाकों में हम जनवरी-फरवरी तक काम पूरा कर लेंगे। वहीं, कश्मीर में मार्च या अप्रैल तक काम पूरा हो पाएगा।“

यह भी पढ़ें: हमारी सरकार के काम आम लोगों की जिंदगी में बदलाव लाने वाले हैं: मोदी

         

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.