टीवी पर प्रधानमंत्री मोदी सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे, मंदसौर में कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या
दिल्ली से करीब 700 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के मल्लागढ़ ब्लॉक के काचरीया कदमाला गांव के किसान भवरलाल रुपालाला ने आत्महत्या कर ली।
Arvind Shukla 20 Jun 2018 9:55 AM GMT
लखनऊ/मंदसौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस वक्त देश के किसानों से सीधी वार्ता कर सरकार की उपलब्धियां गिनवा रहे थे, मध्य प्रदेश के मंदसौर में किसान ने सूखे कुएं में लटककर जान दे। किसान कर्ज से परेशान बताया जा रहा है।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमो ऐप और वीडियो के जरिए किसानों से बात कर रही थी। पिछले वर्षों से सरकार ने क्या-क्या काम किए, किसानों की आमदनी कैसे बढ़ेगी, किस क्षेत्र में कितने फीसदी विकास हुआ पर चर्चा जारी थी, इसी बीच दिल्ली से करीब 700 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के मल्लागढ़ ब्लॉक के काचरीया कदमाला गांव के किसान भवरलाल रुपालाला ने आत्महत्या कर ली। किसान का शव उसके खेत में बने सूखे कुएं में लटकता मिला है।
उसके ऊपर बहुत कर्ज़ा हो गया था। सेंट्रल बैंक का करीब डेढ़ लाख, भारतीय स्टैट बैंक भी सवा लाख कर्जा था, इसके अलावा उसके पिता रुपालाल को मिलाकर ग्रामीण सहकारी बैंक का भी तीन लाख रुपए कर्जा था। कर्ज़ न चुकाने से परेशान था- हरी सिंह कचारिया, पड़ोसी
मृतक किसान के पड़ोसी हरीसिंह कचारिया पड़ोसी ने फोन पर गांव कनेक्शन को बताया, उसके ऊपर बहुत कर्ज़ा हो गया था। सेंट्रल बैंक का करीब डेढ़ लाख, भारतीय स्टैट बैंक भी सवा लाख कर्जा था, इसके अलावा उसके पिता रुपालाल को मिलाकर ग्रामीण सहकारी बैंक का भी तीन लाख रुपए कर्जा था। कर्ज़ न चुकाने से परेशान था, सुबह करीब नौ बजे मोटर साइकिल से खेत पर गया और वहीं खेत में कुएं के पास लगे खजूर के पेड़ पर लटक जान दे दी दी।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिलाध्यक्ष भगत सिंह बोरान ने बताया, "किसान के पास करीब 10 बीघे जमीन है। कर्ज़ चुकाने के लिए उसने पिछले दिनों ही एक बीघा जमीन बेची थी, लेकिन उससे कर्ज़ चुक नहीं पाया। मंदसौर में गेहूं, सोयाबीन, चना और सरसों जैसी खेती ही ज्यादा होती है। लेकिन सोयाबीन और चने की अच्छी कीमत नहीं मिली है।"
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