मध्य प्रदेश से ओडिशा पहुंचे बाघ की तबियत बिगड़ी, 24 घंटे चिकित्सकों की निगरानी में

उड़ीसा के सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए बीती 21 जून को (गुरुवार) कान्हा टाइगर रिजर्व से एक बाघ को भेजा गया था

Diti BajpaiDiti Bajpai   23 Jun 2018 2:04 PM GMT

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मध्य प्रदेश से ओडिशा पहुंचे बाघ की तबियत बिगड़ी, 24 घंटे चिकित्सकों की निगरानी में

लखनऊ। उड़ीसा के सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए बीती 21 जून को (गुरुवार) कान्हा टाइगर रिजर्व से एक बाघ को भेजा गया था। एक दिन से ज्यादा लंबा सफर करने के कारण बाघ की तबीयत खराब हो गई। इस समय बाघ को 24 घंटे चिकित्सकों की निगरानी में रखा जा है। चिकित्सकों का कहना है कि धीरे-धीरे बाघ की हालत में सुधार हो रहा है।

ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टाइगर रिजर्व से कोई टाइगर किसी अन्य टाइगर रिजर्व में पुनर्स्थापन के लिए ले जाया गया है। ओडिशा वन एवं पर्यावरण मंत्री बिजय राउतरी ने बताया, "मध्य प्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व से 24 घंटे में 500 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद भी बाघ की हालत अच्छी है और वह स्वस्थ है। उसे निगरानी में रखा गया है।"

उन्होंने बताया, "बाघों को एक जंगल से दूसरे जंगल पहले भी लाया गया है लेकिन यह पहली बार है कि रॉयल बंगाल टाइगर को इतनी लंबी और थकानेवाली यात्रा पूरी करके सतकोसिया टाइगर रिजर्व लाया गया है।" भारतीय वन्यजीव संस्थान और कान्हा टाइगर रिजर्व के अधिकारी इस बात का निर्णय लेंगे कि कब बाघ को वन में छोड़ा जाएगा।

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वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बात की चिंता सता रही हैं कि बाघ ने गुरुवार को नजदीकी निगरानी वाले बाड़े में मुक्त छोड़े जाने के बाद भी कोई जिंदा शिकार नहीं किया। अधिकारी ने बताया, "अगर जरूरत पड़ी तो वह बाघ को बाड़े के बाहर से भोजन की आपूर्ति करेंगे।"

"हमारे पास सतकोसिया में कोई नर बाघ नहीं था। अब , हम देखेंगे कि हमारे पुराने बाघ इस नए अतिथि के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। वन एवं पर्यावरण सचिव एस सी महापात्रा ने बताया, " बाघों के तीन जोड़े मध्य प्रदेश से यहां लाए जाएंगे। एक नर बाघ पहले ही आ चुका है और एक मादा बाघ जल्द ही यहां आएगी। सतकोसिया में दो साल के भीतर तीनों जोड़े आ जाएंगे।"

बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए 6 बाघ जाएंगे उड़ीसा

केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली और भारतीय वन्य-जीव संस्थान, देहरादून द्वारा टाइगर रिजर्व में बाघों के पुनर्स्थापन के लिये एक विशेष योजना तैयार की गई है। इस योजना में मध्यप्रदेश उड़ीसा को 3 जोड़े बाघ (6 बाघ) पुनर्स्थापन के लिये दे रहा है। गुरूवार को पहला बाघ उड़ीसा को दिया गया है। यह बाघ इस महत्वकांक्षी परियोजना के उद्धेश्य को पूरा करने के लिए सतकोसिया टाईगर रिजर्व में बाघों की अच्छी संख्या स्थापित करने में सहायक होगा।

     

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