लीक से हटकर है इस बार का बजट: राजीव कुमार
गाँव कनेक्शन 6 July 2019 1:31 PM GMT
लखनऊ। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बजट को पहले के सभी बजटों से अलग बताया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में छोटी तस्वीर के इतर देश की बड़ी तस्वीर पर ध्यान दिया गया है और साथ ही बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की दिशा तय कर दी है।
'राजकोषीय बाधाओं के कारण बार बार नहीं दी जा सकती करों में छूट'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट प्रस्तावों को लीक से हटकर बताते हुए राजीव कुमार ने कहा कि इस बजट का दायरा काफी बड़ा है। इस बजट ने अगले 10 साल के लिये रूपरेखा तय कर दी है। इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए कुछ न होने के सवालों पर उन्होंने कहा कि छह महीने पहले ही अंतरिम बजट में इनकम टैक्स में छूट दी गयी थी। राजकोषीय बाधाओं के कारण इस प्रकार की छूट बार-बार नहीं दी जा सकती है।
छह महीने पहले ही दी गई थी करों में छूट
दरअसल छह महीने पहले ही मध्यम वर्ग के लिये आयकर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गयी। इस साल फरवरी में ही मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक के आय वालों को आयकर से छूट देने की घोषणा की थी।
राजीव कुमार ने भाषा से बताया कि विकास से जुड़े सभी कार्यों के लिये राजकोषीय संसाधन की जरूरत है। सरकार इस दिशा में काम करने की भी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में निजी निवेश आकर्षित करने और निवेशकों को एक भरोसा देने के लिये काफी प्रयास किये गये हैं।
'पेट्रोल के दामों पर नहीं पड़ेगा ज्यादा प्रभाव'
पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफे के मुद्दे पर उनका मानना है कि पेट्रोल के मामले में यह बहुत ज्यादा नहीं होगा। जहां तक डीजल का सवाल है, उसका मुद्रास्फीति पर केवल मामूली प्रभाव पड़ेगा। सोने पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने के बारे में उन्होंने कहा कि यह संसाधन जुटाने के लिहाज से बेहद जरूरी है। इस बजट में देश को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का खाका पेश किया गया।
गौरतलब है कि 2019 के इस आम बजट पर विरोधी पार्टियां सरकार की बेहद आलोचना कर रही हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार ने इस बार न किसान पर ध्यान दिया है और न मध्यम वर्ग के लिए कुछ किया है।
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