मोबाइल ऐप की मदद से हुई बाघों की गणना, छत्तीसगढ़ में हालात चिंताजनक

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मोबाइल ऐप की मदद से हुई बाघों की गणना, छत्तीसगढ़ में हालात चिंताजनकPC- DownToEarth

अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 के अनुसार देशभर में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इनकी तादाद घटना चिंता का विषय है। पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले सांविधिक निकाय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान के सहयोग से तैयार की गई रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई।

रिपोर्ट के अनुसार 2014 में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या 46 थी जो 2018 में घटकर 19 रह गई। इसमें कहा गया कि तीन और राज्यों गोवा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल में भी बाघों की संख्या में कमी दर्ज की गई है। गोवा में 2014 में पांच बाघ थे, जो अब घटकर तीन रह गए हैं।

2014 की गणना रिपोर्ट के अनुसार मिजोरम और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन बाघ थे, लेकिन अब वहां कोई बाघ नहीं है। प्राधिकारियों ने इसका कारण खराब सैंपलिंग (नमूने लेने) बताया। 'ग्लोबल टाइगर फोरम' के महासचिव राजेश गोपाल ने इस मुद्दे पर कहा कि छत्तीसगढ़ में हालत बहुत खराब हैं।

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गोपाल ने कहा, "छत्तीसगढ़ में हालात बहुत खराब हैं। नक्सलवाद की वजह से वन कर्मचारी टाइगर रिजर्व नहीं जा पाते।" भारतीय वन्यजीव संस्थान में वैज्ञानिक वाई वी जाला ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुये कहा कि खराब कानून व्यवस्था के चलते छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या घटी है। छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था बड़ा मुद्दा है। उस राज्य में संरक्षण गतिविधियां मुश्किल काम है। यह बाघों की चौथी गणना है। इससे पहले 2006, 2010 और 2014 में बाघों की गणना हो चुकी है।

गणना में मोबाइल ऐप का किया इस्तेमाल...

वन्यजीव अधिकारियों ने पहली बार देश में बाघों की संख्या का अनुमान लगाने में मोबाइल ऐप्लीकेशन एम-स्ट्रिप्स (मॉनिटरिंग सस्टिम फॉर टाईगर्स..इंटेंसिव प्रोटेक्शन एंड इकोलॉजिकल स्टेटस) का प्रयोग किया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) के एक वैज्ञानिक ने अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट के सोमवार को जारी होने के बाद यह जानकारी दी।

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पर्यावरण मंत्रालय के अधीन इस स्वायत्तशासी संस्थान डब्ल्यूआईआई में बाघ इकाई के वैज्ञानिक वाई वी झाला ने कहा कि मॉनीटरिंग सस्टिम फॉर टाइगर्स-इंटेंसिव प्रोटेक्शन एडं इकोलॉजिकल स्टेटस या एम-स्ट्रप्सि ने अधिकारियों की आंकड़ें डिजिटली एकत्रित करने और उनका मिलान करने में मदद की।

झाला इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले दल में शामिल रहे हैं। चार साल में एक बार पेश की जाने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2014 में देश में बाघों की संख्या 2,226 थी जो 2018 में बढ़कर 2,967 हो गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल 491 वन खंडों में आंकड़ों को एकत्र किया गया और इन्हें एम-स्ट्रिप्स सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके संसाधित किया गया। (इनपुट भाषा)

   

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