Monsoon Alerts: केरल तट पहुंचा मॉनसून, झमाझम बारिश का अनुमान

भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को मानसून केरल पहुंचने की संभावना जताई है। गौरतलब है कि इस बार मानसून 8 दिन की देरी से चल रहा है। आमतौर पर 1 जून को मानसून आ जाता है। केरल में इसकी शुरुआत होने के साथ ही सात दिनों के भीतर मानसून महाराष्ट्र और मध्य भारत के अन्य हिस्सों में पहुंच जाता है।

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Monsoon  Alerts: केरल तट पहुंचा मॉनसून, झमाझम बारिश का अनुमान

लखनऊ। भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को मानसून केरल पहुंचने की संभावना जताई और आज मानसून केरल तट पहुंच गया है। गौरतलब है कि इस बार मानसून 8 दिन की देरी से चल रहा है। आमतौर पर 1 जून को मानसून आ जाता है। केरल में इसकी शुरुआत होने के साथ ही सात दिनों के भीतर मानसून महाराष्ट्र और मध्य भारत के अन्य हिस्सों में पहुंच जाता है।

मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया था कि मानसून की दस्तक 6-7 जून के बजाय 7-8 जून को हो सकती है। मौसम संबंधी भवि‍ष्यवाणी करने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने भी शनिवार को अपने पूर्वानुमान को संशोधित करते मानसून के आने की तिथि को आठ जून कर दिया था।

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पिछले महीने केरल में मानसून के दस्तक देने की अनुमानित तारीख की घोषणा करते हुए मानसून विभाग ने कहा था कि मानसून छह जून को पहुंच सकता है। साथ ही उसने यह भी कहा था कि इसकी दस्तक चार दिन पहले या बाद में कभी भी हो सकती है।



मानसून में देरी होने के कारण महाराष्ट्र के कृषि विभाग ने किसानों को अपने बुवाई कार्यों में देरी करने की सलाह दी थी क्योंकि राज्य में मानसून देरी से आने की संभावना जताई गई थी। यदि मानसून की शुरुआत जून के दूसरे सप्ताह में नहीं आती तो उड़द और मूंग की फसलें प्रभावित होने की पूरी संभावना थी। ऐसा इसलिए क्योंकि किसान तब तक बुवाई का काम सामान्य रूप से खत्‍म कर लेते हैं।


महाराष्ट्र में किसानों के लिए खरीफ फसल सोयाबीन, अरहर, गेहूं, मूंग, उड़द और कपास के लिए यह प्रमुख मौसम है। इनमें से मूंग और उड़द की बुवाई जल्दी होती है, किसानों के पास कम अवधि की फसलें होती हैं जिसकी आमतौर पर जून में बुवाई होती। इस फसल की तीन महीने बाद कटाई होती है। यदि मानसून में देरी होती है, तो फसलों की बुवाई प्रभावित होती है।

वहीं गुरूवार देर रात उत्तर-प्रदेश के विभन्नि हिस्‍सों में आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। इसके 48 लोगों के घायल होने की खबर है। प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय ने शुक्रवार को बताया कि मैनपुरी में सबसे अधिक छह मौतें हुईं। एटा और कासगंज में तीन-तीन लोगों के मरने की खबर है।

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मुरादाबाद में आकाशीय बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। बदायूं, पीलीभीत, मथुरा, कन्नौज, संभल और गाजियाबाद से भी एक-एक व्यक्ति की मौत की खबर है। राज्य के अलग-अलग हिस्‍सों में गुरुवार देर शाम आंधी-तूफान आया। जगह-जगह पेड़ टूटकर गिर गए। अनेक मकानों की दीवारें ढह गईं। कार्यालय ने बताया कि सबसे अधिक 41 लोग मैनपुरी में घायल हुए।


  

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