वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ व्यापारियों ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी

वॉलमार्ट ने करीब साढ़े नौ खरब रुपए में फिल्पकार्ट के 70 पर्सेंट शेयरों को खरीदने की डील की है। भारत के व्यापारी इस डील से खासे चिंतित हैं। इससे देश के कारोबारियों और उपभोक्ता दोनों प्रभावित होंगे।

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वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे के खिलाफ व्यापारियों ने दी सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी

नई दिल्ली। असंगठित क्षेत्र के व्यापरियों के शीर्ष संगठन कैट ने कहा है कि अगर सरकार वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट समझौते को मंजूरी देती है तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा। अखिल भारतीय व्यापारियों के परिसंघ ( कैट) ने मंगलवार को कहा कि अगर वॉलमार्ट द्वारा 16 अरब डॉलर में भारतीय ऑनलाइन रीटेलर फ्लिपकार्ट के अधग्रिहण का सौदे को सरकार अपनी मंजूरी दे देती है तो हमारी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार है। कैट के मुताबिक, इस सौदे से देश के खुदरा कारोबारियों को मुश्किल होगी।

संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, "व्यापारी वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को लेकर नाखुश हैं। इस सौदे से निश्चित रूप से व्यापारियों के हित प्रभावित होंगे। इसीलिए सरकार को एहतियात बरतना चाहिए कि सौदा न हो और भारतीय प्रतस्पिर्धा आयोग को इसे मंजूरी नहीं देनी चाहिए।"

खंडेलवाल ने कहा कि कैट इस सौदे के बारे में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी , निर्माला सीतारमण और सुरेश प्रभु के साथ भी चर्चा करेगा। उन्होंने कहा, "इस मामले में हमारी कानूनी टीम उच्चतम न्यायालय में जाने को तैयार है और याचिका पर काम जारी है ... हम सरकार के रुख को देख रहे हैं और जरूरत पड़ी तो हम शीर्ष अदालत में जाने से नहीं हिचकिचाएंगे।" खंडेलवाल ने यह भी कहा कि सौदे को मंजूरी मिलने की स्थिति में व्यापारी आगे और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाएंगे। इस बारे में वॉलमार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि सौदा सरकार की उस नीति के अनुरूप है जिसमें 'मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स' मॉडल के जरिये स्वत: मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की अनुमति दी गई है।

क्या थी डील

वॉलमार्ट ने करीब साढ़े नौ खरब रुपए में फिल्पकार्ट के 70 पर्सेंट शेयरों को खरीदने की डील की है। इस डील के बाद फिल्पकार्ट के संस्थापकों सचिन बंसल और बिन्नी बंसल में से एक सचिन बंसल अपने शेयर बेचकर कंपनी से अलग हो जाएंगे। भारत के व्यापारी इस डील से खासे चिंतित हैं। इससे देश के कारोबारियों और उपभोक्ताओं दोनों पर असर पड़ेगा।

छोटे कारोबारियों का डर

ऑनलाइन कारोबार करने वाली कंपनियों को डर है कि कीमतें कम करने की अपनी रणनीति के जरिए वॉलमार्ट छोटे कारोबारियों को मैदान से हटा देगी। जब वॉलमार्ट फिल्पकार्ट के जरिए अपने कारोबारियों को भारतीय बाजार में उतारेगी तो तुलनात्मक रूप से कम कीमत वाले उनके उत्पादों का मुकाबला न कर पाने की वजह से दूसरे विक्रेता बाजार से अपने आप हट जाएंगे।

किसानों और उपभोक्ताओं को मिल सकता है फायदा

वॉलमार्ट की दुनिया भर में ऐमजॉन से प्रतिद्वंदिता है। भारत में ऐमजॉन थोड़े से ही अंतर से फिल्पकार्ट से आगे चल रहा है लेकिन अधिग्रहण के बाद पलड़ा वॉलमार्ट के पक्ष में झुक सकता है। ऐमजॉन और वॉलमार्ट भारत में खेती में निवेश के इच्छुक हैं क्योंकि उनकी नजर खाद्य पदार्थों पर भी है। जानकारों का कहना है कि इस लड़ाई का फायदा देश के कृषि सेक्टर को हो सकता है। वहीं उपभोक्ताओं को भी कम कीमत में ज्यादा वैरायटी और बेहतर क्वॉलिटी वाली चीजें मिलने की संभावना है।

      

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