अभी दो साल तक ट्रेनों की सही समय से चलने की उम्मीद छोड़ दीजिए

बीते दिनों रेल मंत्रालय की ट्रेनों को समय पर चलाने से संबंधित सालाना रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में देशभर में चलने वाली ट्रेनों में से एक तिहाई ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

mohit asthanamohit asthana   17 May 2018 9:00 AM GMT

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अभी दो साल तक ट्रेनों की सही समय से चलने की उम्मीद छोड़ दीजिए

अगर आप ट्रेन से सफर कर रहे हैं और आपकी ट्रेन लेट हो गई है तो इसमें हैरान होने वाली बात नहीं है। अगले दो साल तक ट्रेनों के सही समय पर चलने की उम्मीद छोड़ दीजिए। रेल मंत्री पीयुष गोयल ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि वर्ष 2020 तक ट्रेनों की रफ्तार और समय पालन पूर्णतया ठीक हो पाएगा। यानी अगले दो साल तक ट्रेनों की लेट-लतीफी को लेकर कोई सुधार नहीं होने वाला है। बताया पटरियों की मरम्मत और रखरखाव के काम की वजह और गुड्स ट्रेनों के चलने के लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन जाने के बाद ही ट्रेनें अपने समय पर चल पाएंगी।


एक तिहाई से ज्यादा ट्रेनें चल रहीं लेट
बीते दिनों रेल मंत्रालय की ट्रेनों को समय पर चलाने से संबंधित सालाना रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2017-18 में देशभर में चलने वाली ट्रेनों में से एक तिहाई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच भारतीय रेल की 71.39 प्रतिशत ट्रेनें ही समय पर चलीं। वहीं, वित्तीय वर्ष 2016-17 में ट्रेनों के समय से चलने का आंकड़ा 76.69 प्रतिशत था। यानी 2017-18 में ट्रेनों के समय पालन में 5.30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। गौरतलब है कि मंत्रालय की रिपोर्ट में भी ट्रेनों के देरी से चलने के लिए मेंटिनेंस संबंधी कार्यों को ही जिम्मेदार ठहराया गया। रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2017-18 में 4426 जगहों पर 18 लाख से ज्यादा रखरखाव संबंधी काम किए गए। इस कारण ट्रेनें देर से चलीं। वहीं वर्ष 2016-17 में 2687 जगहों पर 15 लाख मेंटेनेंस संबंधी कार्य किए गए थे।
(एजेंसी)


 

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