ट्रिपल तलाक: लोकसभा में आज पेश हो सकता है विधेयक 

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ट्रिपल तलाक: लोकसभा में आज पेश हो सकता है विधेयक फोटो साभार एएनआई।

मुस्लिम महिलाओं को उनका संवैधानिक अधिकार दिलाने के आज लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पेश हो सकता है। इस विधेयक को ट्रिपल तलाक बिल भी कहा जाता है। इस विधेयक में आरोपी को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। इसे कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद पेश करेंगे।

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सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने के लिए मंत्रियों की कमेटी गठित की थी। ट्रिपल तलाक पर सख्त कानून मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल रहा है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को विधेयक पेश करते वक्त लोकसभा में मौजूद रहने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भारत में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक साबित कर दिया था।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देशभर से ट्रिपल तलाक के कई मामले सामने आए हैं। पिछले कई दिनों से सरकार पर इस मामले को लेकर कानून बनाने की मांग की जा रही थी। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक यानि ट्रिपल तलाक बिल को मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद सरकार इस बिल को संसद में पेश कर रही है।

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दरअसल, यह बिल संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार का मुख्‍य एजेंडा है। दरअसल, तीन तलाक पर प्रस्तावित एक कानून के मसौदे में कहा गया है कि एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के जेल की सजा हो सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अध्‍यक्षता में मंत्री समूह द्वारा सलाह मशवरे के बाद बिल का ड्राफ्ट को तैयार किया गया।

ड्राफ्ट बिल में तीन तलाक देने के दोषियों को तीन साल तक की सजा और जुर्माना करने का प्रस्‍ताव शामिल है। ये एक संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा। इसमें पीड़ित मुस्लिम महिला को गुजारा भत्‍ते का अधिकार और नाबालिग बच्‍चों को कस्‍टडी देने का भी प्रस्‍ताव शामिल है। उत्‍तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ सरकार ने केंद्र को ड्राफ्ट पर मंजूरी दे दी है। मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा। इस ड्राफ्ट को तैयार करने वाले मंत्री समूह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी शामिल थे।

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ट्रिपल तलाक (तीन तलाक) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि ट्रिपल तलाक़ अमान्य, गैर-क़ानूनी और असंवैधानिक है। कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया था। कोर्ट ने कहा था कि जो परंपरा कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ हो वह मंजूर नहीं हो सकती है.। कोर्ट ने ट्रिपल तलाक पूरी तरह एकतरफा बताया और कहा कि इसे खत्म कर दिया जाए।

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