सऊदी अरबः साथी की हत्या के मामले के दोषी दो भारतीयों का सर कलम

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले की पुष्टि की है। मंत्रालय का कहना है कि सऊदी अरब सरकार द्वारा सजा के बारे में भारतीय दूतावास को नहीं बताया था।

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सऊदी अरबः साथी की हत्या के मामले के दोषी दो भारतीयों का सर कलमप्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। सऊदी अरब में दो भारतीयों का सिर कलम कर उन्हें मौत की सजा दी गई। पंजाब के होशियारपुर निवासी सतविंदर सिंह और लुधियाना के हरजीत सिंह पर अपने साथी आरिफ इमामुद्दीन की हत्या का आरोप था। दोनों को 9 दिसंबर 2015 को हुई वारदात के सिलसिले में गिरफ्तार कर रियाद जेल में रखा गया था। 28 फरवरी, 2019 को इनको सजा हुई। भारत के विदेश मंत्रालय ने अब जाकर मामले की पुष्टि की है। मंत्रालय का कहना है कि सऊदी अरब सरकार द्वारा सजा के बारे में भारतीय दूतावास को नहीं बताया था।

सऊदी अरब के कानून के अनुसार मौत की सजा पाए लोगों के शव उनके परिजनों को नहीं सौंपे जाते हैं। इसलिए ऐसा संभव है कि दोनों भारतीयों के शव उनके परिवारों को न सौंपे जाएं।

इमामुद्दीन भी एक भारतीय नागरिक था। सतविंदर कुमार, हरजीत सिंह और इमामुद्दीन लूट-पाट का धंधा करते थे। इस दौरान इन तीनों के बीच में पैसों को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि सतविंदर और हरजीत ने मिलकर इमामुद्दीन की हत्या कर दी। हालांकि सतविंदर और हरजीत को लड़ाई-झगड़ा करने और शराब पीने के जुर्म में सऊदी सरकार ने गिरफ्तार किया था। इन दोनों को वापस भारत भेजने की भी औपचारिकता पूरी की जा रही थी। लेकिन तभी उनके इस हत्याकांड में शामिल होने के सबूत मिले। इसके बाद दोनों के ऊपर मुकदमा चला और मौत की सजा सुनाई गई।

विदेश मंत्रालय के अनुसार सतविंदर और हरजीत ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था। इस मुकदमे की सुनवाई के दौरान 31 मई, 2017 को एक भारतीय अधिकारी भी मौजूद था। हालांकि 28 फरवरी को मौत की सजा के तहत उनके सिर कलम किए जाने की सूचना दूतावास को नहीं दी गई। इसके चलते दोनों की मौत के बारे में काफी देर से पता चला। भारतीय दूतावास को इस बारे में तब पता चला जब हरजीत की पत्नी ने एक याचिका दायर की। इस याचिका पर जब विदेश मंत्रालय कार्रवाई कर रही थी तब उन्हें इस पूरे मामले का पता चला।

मंत्रालय के अनुसार, हरजीत और सतविंदर 2013 में वर्क परमिट लेकर सऊदी अरब गए थे। वहीं पर उनकी मुलाकात इमामुद्दीन से हुई। तीनों लूटमार के धंधे में कब शामिल हुए, इसका पता नहीं चल सका है।

  

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