आखिर कृषि कानूनों का विरोध क्यों, दिल्ली की ओर कूच कर रहे इन 10 किसानों से समझिए

केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे पंजाब-हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। आखिर ये किसान सरकार से क्या चाहते हैं, आइये समझते हैं दिल्ली की ओर बढ़ रहे इन 10 किसानों से ...

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आखिर कृषि कानूनों का विरोध क्यों, दिल्ली की ओर कूच कर रहे इन 10 किसानों से समझिएकेंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ अनशन के लिए दिल्ली की ओर बढ़ रहे पंजाब-हरियाणा के किसान। फोटो : गाँव कनेक्शन

केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर विरोध कर रहे पंजाब-हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। इन किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने हाईवे पर जगह-जगह बैरीकैडिंग लगा दिए हैं। कई जगह सड़कों पर गड्ढे खोद दिए गए हैं। जाम की स्थिति में हाईवे पर किसानों की ट्रेक्टर-ट्रालियों की लंबी लाइन लगी है। आखिर ये किसान सरकार से क्या चाहते हैं, आइये समझते हैं दिल्ली की ओर कूच कर रहे इन किसानों से ...

1.

आप 18वीं शताब्दी में भी देखो पंजाब के किसान ही हर विरोध प्रदर्शन में, अनशन में सामने आये हैं, हमें लिख कर दे अपने कानूनों पर कि हमारी फसलों पर हम किसानों को एमएसपी मिलेगी, हमारी 23 फसलों पर एमएसपी है और खाली दो बिकती हैं, ऐसा क्यों? क्या सरकार ने अंबानी-अडानी को सब कुछ बेच दिया है, जो सब उनको दिया जा रहा है और हमारे यहाँ बिहार से किसान आकर मजदूरी कर रहा है, ये सब इनकी साजिश हैं।

पंजाब किसान, दिल्ली कूच की ओर

केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की ओर बढ़ते पंजाब-हरियाणा के किसान। फोटो : गाँव कनेक्शन

2.

जो बिल तैयार किये, उसमें हम किसानों की जमीन बिक जायेंगी, हम लोग पढ़े-लिखे किसान हैं, और सारा खेल समझते हैं, हमारी जमीन हड़पने के लिए ये काले बिल तैयार किये गए हैं, हम लोग अपना हक़ लेने के लिए दिल्ली जायेंगे। हम सब खेती से ही कमा कर खाते-पीते आए हैं और यह सरकार हमारे बच्चों की जमीन हड़पना चाहती है, हम अपनी जमीन नहीं दे सकते।

अवजीत कौर, पटियाला-कैथल हाईवे से

3.

हरियाणा पानीपत से निकलने पर हम लोगों ने आठ जगह बैरियर तोड़े हैं, कई जगह खाई थीं छह-छह फीट की, उन सब गड्ढों को हम पाट कर आये और निकल कर आये हैं, सिर्फ एक गाँव से ही कम से कम 20 ट्रालियां हैं, कोई गिनती नहीं है कि कितनी ट्रालियां आ रही हैं।

45 वर्षीय हरियाणा किसान, सोनीपत-दिल्ली हाईवे से

4.

ट्रकों को रोड पर लगा कर उनकी चाबी निकाल ली है, ट्रालियां भी रुकी हुई हैं, रोड पर पत्थर डाले हुए हैं, पूरा जाम लगा है। हम हरियाणा के करनाल से निकले हैं, कम से कम 15 जगह हमें यह सब देखना पड़ा, यह हाल बना रखा है, हम सिर्फ प्रोटेस्ट करने जा रहे हैं, और कुछ नहीं करने जा रहे हैं।

गुरजाल सेंगर, किसान, सोनीपत-दिल्ली हाईवे से


किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा बलों ने लगाई बैरिकैडिंग। फोटो : गाँव कनेक्शन

5.

हम लोग पंजाब से निकले हैं, सब जगह ऐसे ही खड्डे बनाए गए हैं, सड़कों पर बड़े-बड़े ट्रक खड़े कर दिए हैं, और चाबियाँ अपने साथ ले गए हैं, बहुत जगह हम पर पानी की बौछार की गयी, आंसू गैस भी हम लोगों पर छोड़े गए।

55 वर्षीय किसान, सोनीपत-दिल्ली हाईवे से

6.

यह कानून 2006 में बिहार में लागू हो चुके हैं, वहां नाकामयाब रहे हैं, अब बिहार का धान हमारे पंजाब में बिकने आता है, अब अगर यही कानून अच्छे होते, सफल होते तो बिहार का धान यहाँ क्यों आती हैं, और हम अपने पंजाब को बिहार नहीं बनने देंगे, इसी को लेकर हम अनशन कर रहे हैं, जो कानून बिहार में कामयाब नहीं हुआ वो भारत में कैसे कामयाब होगा, इन कानूनों में अगर एमएसपी लिख कर नहीं दिया जा रहा है तो वो हम लोगों को अँधेरे में डाल रहे हैं।

42 वर्षीय पंजाब किसान, दिल्ली कूच की ओर

7.

हमारे यहाँ के लड़के सब अच्छे हैं, मगर किसी को नौकरी नहीं दी जाती, अब हमारी ज़मीन भी हमसे छीन रहे हैं, हम लोग कहाँ जायेंगे, हम अपनी जमीन खो ही देंगे क्योंकि हमारी ही जमीनों पर सब कुछ लगा रहे।

80 वर्षीय महिला, अपने परिवार के साथ दिल्ली की ओर

8.

यह हम किसानों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा है, हम लोग दिल्ली जा रहे हैं, जगह-जगह गड्ढे खोदे गए हैं, हम लोग के साथ बैठे और बात करें, हम लोगों को जवाब तो दें, पत्थर लगा दिए, सड़कें बंद कर रहे।

40 वर्षीय किसान, पंजाब के पटियाला, शंभू बॉर्डर से

सड़कों पर बैठे पंजाब-हरियाणा के किसान। फोटो : गाँव कनेक्शन

9.

हम बस यही चाहते हैं कि हमारी जमीनें हमारे पास रहने दो, ये जुमले वाला काम नहीं हैं, इन कानूनों से हमारे घरों में आग लग गयी है, इसलिए सभी पंजाबी किसान यहाँ आकर बैठे हैं, हमको अपनी खेती भी नहीं करने दे रहे।

40 वर्षीय पंजाब किसान, दिल्ली कूच की ओर

10.

हम दिल्ली में मोदी साहब से ये कहने जा रहे हैं कि उन्होंने जो किसानों के लिए काले कानून लागू किए हैं उन्हें वापस ले ले। हम गुरु गोविंद सिंह के बच्चे हैं, हम लोग पीछे हटने वाले नहीं है, डरने वाले नहीं हैं। हमारा पूरा परिवार साथ जा रहा है।

ऐशमिन कौर, क्लास 8, संगरूर

इनपुट : अरविंद शुक्ला, दया सागर


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